जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ राजस्थान में विरोध प्रदर्शन तो चल ही रहा है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के निर्देशों के बाद राजस्थान सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों में बदलाव की तैयारी में जुटी हुई है. जहां एक ओर इसे लेकर राजस्थान कैबिनेट में पूरी चर्चा हो चुकी है और इन कानूनों में कैसे बदलाव किया जाए. इसे लेकर सरकार की ओर से विधिक राय ली जा रही है. वहीं इसके साथ ही पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने इन केंद्रीय कानूनों में जो बदलाव किए हैं, उनकी भी राजस्थान सरकार की ओर से स्टडी की जा रही है.
राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जो तीनों कृषि बिल भारत सरकार लेकर आई है. उसका राजस्थान सरकार अध्ययन कर रही है. इसमें सरकार प्रगतिशील किसानों से भी राय ले रही है. मंत्रिमंडल की बैठक में पहले ही इस पर चर्चा हो चुकी है. इसमें संशोधन कर विधानसभा के जरिए का नया कानून लेकर आया जाएगा या फिर बाहर सर्कुलर के जरिए ही अध्यादेश लाकर इसमें बदलाव किया जाएगा. फिलहाल, इस पर चर्चा जारी है.
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उन्होंने कहा कि इस कानून में जो कमियां रखी गई हैं, इसमें किसानों और व्यापारियों को टारगेट दिया गया है. इससे सबसे ज्यादा वे मजदूर प्रभावित होंगे, जो किसान की खेत में मजदूरी करता है. उन्होंने कहा कि वैसे भी महामारी के चलते आम आदमी परेशान है. लेकिन उसके बावजूद भी यह बिल केंद्र सरकार लेकर आई है. उसके खिलाफ राजस्थान सरकार और कांग्रेस पार्टी किसान और व्यापारी के साथ खड़ी है और उसका विरोध कर रही है. कुछ ही दिनों में पंजाब और महाराष्ट्र में जो इस कानून में परिवर्तन किए गए हैं, उसका लेखा-जोखा तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद राजस्थान सरकार चाहे विधानसभा में बिल के जरिए कानून बनाकर इसमें बदलाव करेगी या फिर सर्कुलर के माध्यम से अध्यादेश लाकर इसमें बदलाव करेगी, यह जल्द ही तय कर दिया जाएगा.