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राजस्थान की नई आबकारी नीति : हर दुकान का होगा अलग ऑनलाइन ऑक्शन, रेवन्यू बढ़ाने के लिए किया नया प्रयोग

कोरोना काल के बीच आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश की गहलोत सरकार आबकारी नीति के जरिए अपने आर्थिक हालात को सुधारने की कोशिश कर रही है. गहलोत सरकार ने आबकारी नीति में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नया प्रयोग किया है.

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Published : Feb 6, 2021, 6:18 PM IST

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गहलोत सरकार ने जारी की नई आबकारी नीति

जयपुर. राजस्थान सरकार ने बजट से ठीक पहले नई आबकारी नीति जारी कर दी है. इस बार सरकार ने नई दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई है. इतना ही नहीं पहली बार रवेन्यू बढाने के लिहाज से एक नवाचार किया है. इसके तहत अब शराब की दुकानों की लाॅटरी निकालने के बजाए हर दुकान का अलग-अलग ऑनलाइन ऑक्शन होगा. जो सबसे ज्यादा बोली लगाएगा दुकान उसी को अलाॅट हो जाएगी.

कोरोना काल के बीच आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश की गहलोत सरकार आबकारी नीति के जरिए अपने आर्थिक हालात को सुधारने की कोशिश कर रही है. गहलोत सरकार ने आबकारी नीति में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नया प्रयोग किया है. अब लॉटरी सिस्टम पूरी तरीके से ऑनलाइन होगा. सभी दुकानों के आवेदन के लिए अलग-अलग आवेदन करने होंगे.

खास बात यह है कि इस बार एक व्यक्ति के लिए जिला और राज्य मैं दुकान लेने की सीमा तय कर दी है. ऑनलाइन लॉटरी को लेकर सरकार ने इस नए आइडिया पर काम इसलिए किया है ताकि इससे राजस्व आय में इजाफा हो सके. साथ ही केवल सीरियल प्लेयर ही इसमें शामिल हो सकें. राजस्थान सरकार ने 2021-2022 की नई आबकारी नीति जारी करते हुए यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है.

पढ़ें-प्रदेश में ठेका कर्मियों की हड़ताल स्थगित, आश्वासन के बाद लौटे काम पर

राजस्थान सरकार के वित्त (राजस्व) शासन सचिव टी. रविकांत ने नई आबकारी नीति के आदेश जारी किए हैं. इस नई पहल से शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता आएगी. किसी भी तरह के आरोप प्रत्यारोपों की आशंकाओं और विवादों पर विराम लगेगा. अनुमानित राजस्व आय 13 हजार करोड़ की रखी गई है. इस पाॅलिसी में कोरोना संकटकाल में बर्बाद हुए उद्योगों को राहत देने की भी कवायद की गई है.

बीयर पर अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी में 10 प्रतिशत की कमी की गई है. भारत निर्मित विदेशी मदिरा एवं विदेशी आयातित मदिरा के अलावा अन्य आबकारी उत्पादों पर कोविड सरचार्ज समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा यदि अवैध शराब के सेवन से कोई भी दुखांतिका होगी तो सबसे पहले जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरोधक दल, संबंधित थाने, आबकारी थाने के बीट कांस्टेबल, जिला पुलिस के उप अधीक्षक, थाने के कांस्टेबल को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.

न्यूनतम रिजर्व प्राइस निर्धारण के लिए विदेशी मदिरा और राजस्थान निर्मित मदिरा के लिए वर्ष 2020-21 की वार्षिक एकाधिकार राशि तथा भारत निर्मित विदेशी मदिरा बीयर और फाइन के आबकारी ड्यूटी और अध्यक्ष आबकारी ड्यूटी वर्ष 2019 20 को आधार मानते हुए तथा इसमें 20% की वृद्धि करते हुए किया जाएगा.

एक व्यक्ति एक जिले में दो दुकान से ज्यादा नहीं ले सकता

नई आबकारी नीति के अनुसार नीलामी प्रक्रिया में न्यूनतम रिजर्व प्राइस पर ऑनलाइन बोली में अधिकतम राशि देने वाले बोली जाता को सफल आवेदक के रूप में चयन किया जाएगा. परंतु एक व्यक्ति एक जिले में दो दुकान से अधिक और संपूर्ण राज्य में 5 दुकान से अधिक नहीं ले सकेगा. यह सात राज्य सरकार की मदिरा होलसेलर राजस्थान गंगानगर शुगर मिल लिमिटेड और राजस्थान स्टेट वेलफेयर कॉरपोरेशन पर लागू नहीं होगी.

पढ़ें- किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदेश भर में चक्का जाम, 10 फरवरी से पहले हर ब्लॉक स्तर पर होगी जनसभा

दुकानों की संख्या में नही हुई वृद्धि

सरकार ने इस बार राजस्थान निर्मित मदिरा भारत निर्मित विदेशी मदिरा बीयर और वंश की कुल दुकानों की संख्या को पूर्व वर्ष की तरह यथावत रखा है. वर्तमान में 4 वर्ष में निर्धारित कम अपोजिट और देसी मदिरा की दुकानों की संख्या 6665 नगरी क्षेत्रों में भारत निर्मित विदेशी मदिरा और बीयर की दुकानों की संख्या 1000 को मिलाकर कुल दुकानों की संख्या पूर्व की भांति 7665 ही रहेंगी.

आवेदन शुल्क और अमानत राशि

सरकार की ओर से जारी नई आबकारी नीति के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए 50 हजार रुपए तक तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाले दुकान के आवेदन के लिए 40 हजार की अमानत राशि 50 हजार होगी. वर्ष 21- 22 के लिए 50 लाख रुपए से अधिक और 2 तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान की आवेदन शुल्क 50 हजार अमानत राशि अब 1 लाख होगी. 2021-22 के लिए 2 करोड रुपए से अधिक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के आवेदन के लिए 60 हजार और अमानत राशि 2 लाख होगी. आवेदन शुल्क प्रत्येक दुकान के लिए अलग-अलग देना होगा.

जयपुर. राजस्थान सरकार ने बजट से ठीक पहले नई आबकारी नीति जारी कर दी है. इस बार सरकार ने नई दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई है. इतना ही नहीं पहली बार रवेन्यू बढाने के लिहाज से एक नवाचार किया है. इसके तहत अब शराब की दुकानों की लाॅटरी निकालने के बजाए हर दुकान का अलग-अलग ऑनलाइन ऑक्शन होगा. जो सबसे ज्यादा बोली लगाएगा दुकान उसी को अलाॅट हो जाएगी.

कोरोना काल के बीच आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश की गहलोत सरकार आबकारी नीति के जरिए अपने आर्थिक हालात को सुधारने की कोशिश कर रही है. गहलोत सरकार ने आबकारी नीति में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नया प्रयोग किया है. अब लॉटरी सिस्टम पूरी तरीके से ऑनलाइन होगा. सभी दुकानों के आवेदन के लिए अलग-अलग आवेदन करने होंगे.

खास बात यह है कि इस बार एक व्यक्ति के लिए जिला और राज्य मैं दुकान लेने की सीमा तय कर दी है. ऑनलाइन लॉटरी को लेकर सरकार ने इस नए आइडिया पर काम इसलिए किया है ताकि इससे राजस्व आय में इजाफा हो सके. साथ ही केवल सीरियल प्लेयर ही इसमें शामिल हो सकें. राजस्थान सरकार ने 2021-2022 की नई आबकारी नीति जारी करते हुए यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है.

पढ़ें-प्रदेश में ठेका कर्मियों की हड़ताल स्थगित, आश्वासन के बाद लौटे काम पर

राजस्थान सरकार के वित्त (राजस्व) शासन सचिव टी. रविकांत ने नई आबकारी नीति के आदेश जारी किए हैं. इस नई पहल से शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता आएगी. किसी भी तरह के आरोप प्रत्यारोपों की आशंकाओं और विवादों पर विराम लगेगा. अनुमानित राजस्व आय 13 हजार करोड़ की रखी गई है. इस पाॅलिसी में कोरोना संकटकाल में बर्बाद हुए उद्योगों को राहत देने की भी कवायद की गई है.

बीयर पर अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी में 10 प्रतिशत की कमी की गई है. भारत निर्मित विदेशी मदिरा एवं विदेशी आयातित मदिरा के अलावा अन्य आबकारी उत्पादों पर कोविड सरचार्ज समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा यदि अवैध शराब के सेवन से कोई भी दुखांतिका होगी तो सबसे पहले जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरोधक दल, संबंधित थाने, आबकारी थाने के बीट कांस्टेबल, जिला पुलिस के उप अधीक्षक, थाने के कांस्टेबल को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.

न्यूनतम रिजर्व प्राइस निर्धारण के लिए विदेशी मदिरा और राजस्थान निर्मित मदिरा के लिए वर्ष 2020-21 की वार्षिक एकाधिकार राशि तथा भारत निर्मित विदेशी मदिरा बीयर और फाइन के आबकारी ड्यूटी और अध्यक्ष आबकारी ड्यूटी वर्ष 2019 20 को आधार मानते हुए तथा इसमें 20% की वृद्धि करते हुए किया जाएगा.

एक व्यक्ति एक जिले में दो दुकान से ज्यादा नहीं ले सकता

नई आबकारी नीति के अनुसार नीलामी प्रक्रिया में न्यूनतम रिजर्व प्राइस पर ऑनलाइन बोली में अधिकतम राशि देने वाले बोली जाता को सफल आवेदक के रूप में चयन किया जाएगा. परंतु एक व्यक्ति एक जिले में दो दुकान से अधिक और संपूर्ण राज्य में 5 दुकान से अधिक नहीं ले सकेगा. यह सात राज्य सरकार की मदिरा होलसेलर राजस्थान गंगानगर शुगर मिल लिमिटेड और राजस्थान स्टेट वेलफेयर कॉरपोरेशन पर लागू नहीं होगी.

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दुकानों की संख्या में नही हुई वृद्धि

सरकार ने इस बार राजस्थान निर्मित मदिरा भारत निर्मित विदेशी मदिरा बीयर और वंश की कुल दुकानों की संख्या को पूर्व वर्ष की तरह यथावत रखा है. वर्तमान में 4 वर्ष में निर्धारित कम अपोजिट और देसी मदिरा की दुकानों की संख्या 6665 नगरी क्षेत्रों में भारत निर्मित विदेशी मदिरा और बीयर की दुकानों की संख्या 1000 को मिलाकर कुल दुकानों की संख्या पूर्व की भांति 7665 ही रहेंगी.

आवेदन शुल्क और अमानत राशि

सरकार की ओर से जारी नई आबकारी नीति के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए 50 हजार रुपए तक तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाले दुकान के आवेदन के लिए 40 हजार की अमानत राशि 50 हजार होगी. वर्ष 21- 22 के लिए 50 लाख रुपए से अधिक और 2 तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान की आवेदन शुल्क 50 हजार अमानत राशि अब 1 लाख होगी. 2021-22 के लिए 2 करोड रुपए से अधिक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के आवेदन के लिए 60 हजार और अमानत राशि 2 लाख होगी. आवेदन शुल्क प्रत्येक दुकान के लिए अलग-अलग देना होगा.

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