जयपुर. गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित नियमों की सख्ती से पालना के निर्देश दिए हैं. सरकार ने प्लास्टिक के झंडों पर रोक लगा दी है. उसकी जगह कागज से बने झंडों के उपयोग के निर्देश जारी किए हैं. राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने डीजीपी, जिला कलक्टर और संभागीय आयुक्तों को आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
आदेश में कहा गया है कि झंडा संहिता-2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम-1971 के उपबंधों की कड़ाई से पालना हो. सभी जिला कलेक्टर, पुलिस अधिकारी राष्ट्रीय महत्त्व के कार्यक्रमों, सांस्कृतिक एवं खेल आयोजनों के दौरान राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान बनाए रखने के लिए इससे संबंधित नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करें. राष्ट्रीय ध्वज के प्रति मान-सम्मान बनाए रखने के लिए और आमजन को इससे संबंधित नियमों की जानकारी देने और जागरूक करने को कहा गया है.
राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक सहित सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों, विभागाध्यक्षों, मण्डल एवं आयोगों को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित नियम-कानून और परंपराओं की पालना हर हाल में की जानी चाहिए. सामान्य प्रशासन विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से प्लास्टिक के स्थान पर कागज के बने झंडों को उपयोग में लाने के आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पर्व के समय आमजन द्वारा प्लास्टिक से बने हुए ध्वज बहुतायता में काम में लिए जाते हैं. प्लास्टिक से बने झंडे बायोडिग्रेडेबल नहीं होने के कारण लम्बे समय तक नष्ट नहीं होते हैं. इसीलिए प्लास्टिक से बने ध्वजों को नष्ट करने में समस्या रहती है. इसके स्थान पर कागज के बने झंडों के प्रयोग को बढ़ावा देने तथा कार्यक्रम के बाद झंडों को यहां-वहां जमीन पर ना डालने के लिए भी आमजन को जागरूक किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं.