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DISCOM के वित्तीय घाटे से गहलोत सरकार के कुप्रबंधन का काला चिट्ठा हुआ उजागर : राजेंद्र राठौड़

प्रदेश में खराब माली हालत से जूझ रही डिस्कॉम के मौजूदा वित्तीय घाटे को लेकर भाजपा नेता प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर तीखा तंज कसा है. राठौड़ ने कहा कि जयपुर, अजमेर, जोधपुर डिस्कॉम पर 87,000 करोड़ रुपये के घाटे से गहलोत सरकार के कुप्रबंधन का एक और काला चिट्ठा जनता के सामने उजागर हो गया है.

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राजेन्द्र राठौड़
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Published : Aug 26, 2021, 8:25 PM IST

जयपुर. राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि डिस्कॉम की खराब माली हालत का असर प्रदेश के एक करोड़ 53 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं पर पड़ेगा. राठौड़ ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय उदय योजना के तहत वित्तीय सुधार करते हुए साल 2017-18 में प्रदेश के तीनों जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम पर 68 हजार करोड़ रुपये का कर्जा समायोजित करने के बाद केवल 20 हजार करोड़ रुपये का कर्जा बाकी छोड़ा था, लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान में कर्जा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 87 हजार करोड़ रुपये तक का हो गया है.

राजेंद्र राठौड़ ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का बजट आधा करने से उपभोक्ताओं की सेवा से जुड़े कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ेगा और नए उपकरण और सामान की खरीद समय पर नहीं होने से उपभोक्ताओं से जुड़ी शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान होना मुश्किल है.

पढ़ें : 13 सितंबर को विधानसभा का घेराव, किरोड़ी बोले- पुलिस बल का प्रयोग हुआ तो ठीक नहीं होगा...जानिये पूरा माजरा

अन्य प्रदेशों से मिलती है राजस्थान में उपभोक्ताओं को बिजली...

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि राजस्थान में बिजली की दर 8.13 पैसे प्रति यूनिट है, जो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा से काफी ज्यादा है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि डिस्कॉम सस्ती दरों पर बिजली खरीद करने के बजाय विद्युत उत्पादन कर रही निजी कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीद रहा है. जिसके चलते करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. इसके एवज में उपभोक्ताओं से शहरी से विद्युत शुल्क सहित कई शुल्क वसूले जा रहे हैं.

जयपुर. राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि डिस्कॉम की खराब माली हालत का असर प्रदेश के एक करोड़ 53 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं पर पड़ेगा. राठौड़ ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय उदय योजना के तहत वित्तीय सुधार करते हुए साल 2017-18 में प्रदेश के तीनों जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम पर 68 हजार करोड़ रुपये का कर्जा समायोजित करने के बाद केवल 20 हजार करोड़ रुपये का कर्जा बाकी छोड़ा था, लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान में कर्जा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 87 हजार करोड़ रुपये तक का हो गया है.

राजेंद्र राठौड़ ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का बजट आधा करने से उपभोक्ताओं की सेवा से जुड़े कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ेगा और नए उपकरण और सामान की खरीद समय पर नहीं होने से उपभोक्ताओं से जुड़ी शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान होना मुश्किल है.

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प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि राजस्थान में बिजली की दर 8.13 पैसे प्रति यूनिट है, जो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा से काफी ज्यादा है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि डिस्कॉम सस्ती दरों पर बिजली खरीद करने के बजाय विद्युत उत्पादन कर रही निजी कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीद रहा है. जिसके चलते करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. इसके एवज में उपभोक्ताओं से शहरी से विद्युत शुल्क सहित कई शुल्क वसूले जा रहे हैं.

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