जयपुर. देश के लिए मेडल जीतने वाले और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को राज्य कि गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरी का तोहफा दिया जा रहा है. जिसके तहत प्रदेश के करीब 465 खिलाड़ियों को राज्य सरकार के अलग-अलग सरकारी डिपार्टमेंट में नौकरियां दी जाएंगी.
खेल मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को मामले को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित की. जहां उन्होंने बताया कि राजस्थान के खिलाड़ियों के लिए आउट ऑफ टर्न वर्ष 2016 की पॉलिसी में कुछ संशोधन करने के बाद प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वर्ष 2016 के बाद जिन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं, उन्हें सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसके लिए खिलाड़ियों को किसी तरह की कोई परीक्षा नहीं देनी होगी.
पढ़ें- टिड्डियों को नष्ट करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने रवाना किया हेलीकॉप्टर
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है. इसके तहत ए कैटेगरी के अंदर 10 खिलाड़ी, बी कैटेगरी में 13 खिलाड़ी और सी कैटेगरी में 443 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. वहीं आउट ऑफ टर्न के तहत नौकरी पाने वाले ए कैटेगरी में ओलंपिक, पैरा ओलंपिक, वर्ल्ड कप, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन कॉमनवेल्थ गेम, क्रिकेट वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के विजेता उपविजेता खिलाड़ियों को रखा गया हैं.
वहीं बी कैटेगरी में एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स के पदक विजेता को शामिल किया गया है. वहीं सी कैटेगरी में नेशनल गेम्स, नेशनल पैरा गेम्स, रणजी ट्रॉफी के विजेता शामिल किए गए हैं.
वर्ष 2016 से पहले पदक विजेताओं को लाभ नहीं
वहीं जिन खिलाड़ियों ने वर्ष 2016 से पहले इन तीनों कैटेगरी में से किसी भी कैटेगरी में मेडल हासिल किया है. उन्हें फिलहाल आउट ऑफ टर्न में शामिल नहीं किया गया है. इसको लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि यदि वर्ष 2016 से पहले के खिलाड़ियों को भी इसमें शामिल किया जाता तो मामला काफी पेचीदा हो जाता और 465 खिलाड़ियों की नौकरी भी कोर्ट में फंस जाती, लेकिन इसे लेकर भी अन्य रास्ता निकाला जाएगा. ताकि कोई भी खिलाड़ी अछूता ना रहे.