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निजी महाविद्यालयों पर शिंकजा कसने की तैयारी में गहलोत सरकार, न्यू कॉलेज पॉलिसी से मनमानी पर लगेगी लगाम

गहलोत सरकार व्यवसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाले निजी महाविद्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. सरकार निजी महाविद्यालयों के लिए नए मापदंड बनाकर जल्द नई पॉलिसी लाएगी. ऐसे में अगर कोई निजी महाविद्यालय सरकार की पॉलिसी का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

अशोक गहलोत, Ashok Gelot
अशोक गहलोत
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Published : Jul 29, 2021, 6:46 PM IST

जयपुर. निजी महाविद्यालय की स्थापना और मापदंड निर्धारण करने के लिए गठित कैबिनेट की सब कमेटी ने नई पॉलिसी के ड्राफ्ट पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कैबिनेट सब कमेटी की सचिवालय में आज पहली बैठक हुई. ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, श्रम मंत्री टीकाराम जूली शामिल हैं.

कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि निजी महाविद्यालयों को सरकार के नॉर्म्स के अनुसार काम करना होगा. सभी विभागों को ड्राफ्ट देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. जैसे ही विभागों से ड्राफ्ट मिल जाएंगे तो अगली मीटिंग करके इसे फाइनल रूप दे दिया जाएगा.

न्यू कॉलेज पॉलिसी पर बोलते बीडी कल्ला

मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अलग-अलग विभागों के अपने पाठ्यक्रम हैं, जैसे उच्च शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आर्युवेद, होम्योपैथिक, तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा से संबंधित जो भी पाठ्यक्रम चल रहे हैं उसके लिए ऑल इंडिया बॉडी की रेगुलेटरी कमेटी के क्या नॉर्म्स है? स्टेट की क्या पॉलिसी है, इससे संबंधित ड्राफ्ट विभागों से मांगे गए हैं, विभाग ड्राफ्ट तैयार कर कमेटी को भेजेंगे.

यह भी पढ़ेंः विधायकों के बाद अब डोटासरा की टीम देगी मंत्रियों के कामकाज पर अजय माकन को फीडबैक

विभागों के ड्राफ्ट के आधार पर हम नई पॉलिसी बनाएंगे कि किस-किस पाठ्यक्रम के लिए क्या निर्धारण होना चाहिए. महाविद्यालय के लिए कितनी जमीन होनी चाहिए, कंस्ट्रक्शन का एरिया कितना होना चाहिए, कितनी लैब चाहिए, कितने क्लास रूम होने चाहिए. मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अलग-अलग कॉलेज के हिसाब से नॉर्म्स बनाये जाएंगे.

AICTE के नॉर्म्स तकनीकी शिक्षा के लिए

इसी प्रकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आधार पर मेडिकल शिक्षा के लिए, पैरामेडिकल के लिए, इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च के अनुसार नॉर्म्स कृषि विभाग से मंगवाए गए हैं उसके आधार पर प्राइवेट सेक्टर में नई पॉलिसी के तहत महाविद्यालय खोले जाएंगे.

बालिका शिक्षा अगली बैठक में होगी चर्चा

मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक में बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए हर ब्लाक स्तर पर कॉलेज खोलने पर भी चर्चा होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोरोना संक्रमण की वजह से इस एजेंडे को अगली बैठक में शामिल किया गया. इस एजेंडे में जिस स्कूल में 500 से ज्यादा लड़कियां अध्ययन कर रही हैं, उस स्कूल को कॉलेज में क्रमोन्नत के लिए 25 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं, जहां पर 500 से 700 लड़कियां अध्ययन कर रही हैं, उन सभी स्कूलों को कॉलेज के रूप में क्रमोन्त करेंगे. इससे कॉलेज को लेकर जो लड़कियों का ड्रॉप आउट बंट रहा था उसमें कमी आएगी.

जयपुर. निजी महाविद्यालय की स्थापना और मापदंड निर्धारण करने के लिए गठित कैबिनेट की सब कमेटी ने नई पॉलिसी के ड्राफ्ट पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कैबिनेट सब कमेटी की सचिवालय में आज पहली बैठक हुई. ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, श्रम मंत्री टीकाराम जूली शामिल हैं.

कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि निजी महाविद्यालयों को सरकार के नॉर्म्स के अनुसार काम करना होगा. सभी विभागों को ड्राफ्ट देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. जैसे ही विभागों से ड्राफ्ट मिल जाएंगे तो अगली मीटिंग करके इसे फाइनल रूप दे दिया जाएगा.

न्यू कॉलेज पॉलिसी पर बोलते बीडी कल्ला

मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अलग-अलग विभागों के अपने पाठ्यक्रम हैं, जैसे उच्च शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आर्युवेद, होम्योपैथिक, तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा से संबंधित जो भी पाठ्यक्रम चल रहे हैं उसके लिए ऑल इंडिया बॉडी की रेगुलेटरी कमेटी के क्या नॉर्म्स है? स्टेट की क्या पॉलिसी है, इससे संबंधित ड्राफ्ट विभागों से मांगे गए हैं, विभाग ड्राफ्ट तैयार कर कमेटी को भेजेंगे.

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विभागों के ड्राफ्ट के आधार पर हम नई पॉलिसी बनाएंगे कि किस-किस पाठ्यक्रम के लिए क्या निर्धारण होना चाहिए. महाविद्यालय के लिए कितनी जमीन होनी चाहिए, कंस्ट्रक्शन का एरिया कितना होना चाहिए, कितनी लैब चाहिए, कितने क्लास रूम होने चाहिए. मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अलग-अलग कॉलेज के हिसाब से नॉर्म्स बनाये जाएंगे.

AICTE के नॉर्म्स तकनीकी शिक्षा के लिए

इसी प्रकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आधार पर मेडिकल शिक्षा के लिए, पैरामेडिकल के लिए, इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च के अनुसार नॉर्म्स कृषि विभाग से मंगवाए गए हैं उसके आधार पर प्राइवेट सेक्टर में नई पॉलिसी के तहत महाविद्यालय खोले जाएंगे.

बालिका शिक्षा अगली बैठक में होगी चर्चा

मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक में बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए हर ब्लाक स्तर पर कॉलेज खोलने पर भी चर्चा होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोरोना संक्रमण की वजह से इस एजेंडे को अगली बैठक में शामिल किया गया. इस एजेंडे में जिस स्कूल में 500 से ज्यादा लड़कियां अध्ययन कर रही हैं, उस स्कूल को कॉलेज में क्रमोन्नत के लिए 25 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं, जहां पर 500 से 700 लड़कियां अध्ययन कर रही हैं, उन सभी स्कूलों को कॉलेज के रूप में क्रमोन्त करेंगे. इससे कॉलेज को लेकर जो लड़कियों का ड्रॉप आउट बंट रहा था उसमें कमी आएगी.

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