जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू होने वाला है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से चक्काजाम की घोषणा कर दी है. कर्नल बैंसला की ओर से आंदोलन की घोषणा के बाद अब प्रदेश की सरकार पूरी तरीके से हरकत में आ गई है. आंदोलन के मद्देनजर सरकार ने अपने अफसरों को फील्ड में उतार दिया है. सरकार ने 25 RAS अधिकारियों की सेवाएं कलेक्टरों को सौंप दी है.
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार आरएएस राजेंद्र प्रसाद शर्मा, जगदीश आर्य, कैलाश चन्द गुर्जर और जीतू सिंह मीणा की सेवाएं भरतपुर जिला कलेक्टर को सौंपी गई है. इसी तरह राजेन्द्र कुमार वर्मा, हनुमान माल ढाका, रामलाल गुर्जर, जगदीश प्रसाद बुनकर, औंकार मल, संजीव पाण्डेय और रामावतार गुर्जर की सेवाएं करौली जिला कलेक्टर को सौंपी गई है.
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मगन लाल योगी और सत्तर खान की सेवाएं दौसा जिला कलेक्टर को सौंपी गई है. अखिलेश कुमार पीपल, रामस्वरूप चौहान, संजय शर्मा और रामानंद शर्मा की सेवाएं अलवर जिला कलेक्टर को सौंपी गई है. इसी तरह अजीत सिंह मोगा, विष्णु कुमार गोयल, सेवा राम स्वामी और सोहन राम चौधरी की सेवाएं धौलपुर जिला कलेक्टर को सौंपी है.
प्रवीण कुमार लेखरा, मुकेश कुमार मीणा प्रथम और मुनिदेव यादव की सेवाएं सवाईमाधोपुर जिला कलेक्टर को सौंपी है. गोविंद सिंह राणावत की सेवाएं बूंदी जिला कलेक्टर को सौंपी है. इन सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से 31 नवंबर की सुबह 11 बजे संबंधित जिला कलेक्टर के समक्ष अपनी उपस्थिति देनी होगी.
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बता दें कि सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से प्रदेश भर में चक्का जाम की घोषणा कर दी है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की चेतावनी के बाद सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण करने और तालमेल बैठाने के लिए अपनी ब्यूरोक्रेसी की फौज गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में उतार दी है. उधर, श्रम विभाग के सचिव नीरज के पवन पहले से गुर्जर नेताओं के साथ संपर्क बनाए हुए हैं. हालांकि, नीरज के पवन कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अभी क्वॉरेंटाइन हैं.