जयपुर. कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन के इस मुश्किल वक्त में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सुरक्षित प्रसव के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. राज्य सरकार ने जिला मुख्यालयों पर स्थित मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्रों (एमसीएच) में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को निर्बाध जारी रखा है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्रसव सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पडे़.
राज्य में मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू की गई मोबाइल ओपीडी वैन सेवा भी अन्य रोगियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए उपयोगी साबित हो रही है. प्रदेशभर में करीब 8 हजार रोगियों और गर्भवती महिलाओं ने मोबाइल ओपीडी वैन की सेवाओं का लाभ उठाया है. इन ओपीडी वैन में हर दिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी चिकित्सा परामर्श के लिए उपलब्ध रहते हैं.
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वहीं, जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में कोरोना प्रभावित हॉटस्पॉट से आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है, जिनमें उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपलब्ध हो रही हैं.
साथ ही बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में गर्भवती महिलाओं को ट्रैक कर प्रसव की सम्भावित तारीख की जानकारी जुटाई जाए और तय तारीख पर प्रसव के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने आईसोलेशन, क्वॉरेंटाइन और ट्रांजिट शिविरों में रह रही ऐसी महिलाओं की विशेष देखभाल के भी निर्देश दिए थे.