जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही सरकार बनने के बाद बोर्ड आध्यक्षों की नियुक्ति में 3 साल का वक्त लग गया हो, लेकिन अब उन्हें सुविधाएं देने में कोई कमी नहीं रख रही है. गहलोत सरकार ने बोर्ड, निगम और आयोग के आध्यक्षों को डबल (Salary Increase of Rajasthan Board Presidents) तोहफा दिया है.
राज्यमंत्री के साथ वेतन के साथ अन्य सुविधाएं बढ़ाई : गहलोत सरकार ने हाल ही में 27 बोर्ड, आयोग और प्राधिकरणों के अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. अब इसके बाद सरकार इनके वेतन और अन्य सुविधाओं में वृद्धि कर डबल तोहफा दिया है. अब उन्हें राज्य मंत्रियों के बराबर वेतन और सुविधाएं मिलेंगी.
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यह मिलेंगी सुविधाएं : गहलोत सरकार दर्जा प्राप्त 27 अध्यक्षों को राज्य मंत्री के बराबर (Gehlot Government Big Announcement) वेतन और सुविधाएं देगी. अभी दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों को 42 हजार रुपये का वेतन मिल रहा था. अब इसमें 20 हजार रुपये वृद्धि करते हुए 62 हजार रुपये किए हैं.
इसी तरह से HRA को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार किया गया है. वहीं, सत्कार भत्ता 34 हजार से बढ़ाकर 44 हजार किया गया है. इसी तरह से प्रत्येक मीटिंग में शामिल होने पर जो 1000 रुपये की राशि मिलती थी, उसे बढ़ाकर 2000 हजार किया गया है.
नियुक्ति में लगे तीन साल : प्रदेश में पिछले दिनों चली सियासी उठापटक के बीच (Congress Political Appointment Effect) राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्ति करने में काफी लेट हुई. सरकार को बने हुए 3 साल हो गए थे, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई थीं.
वहीं, अब जिनकी राजनीतिक नियुक्तियां हो पाईं हैं, उनके पास पूरे कार्यकाल का समय नहीं बचा है. क्योंकि 2 साल बाद प्रदेश में चुनाव होंगे और अगर सरकार बदलती है तो इन अध्यक्षों को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. यही वजह है कि सीएम गहलोत ने कम समय के लिए बनाए गए आध्यक्षों के वेतन सहित अन्य लाभ में बढ़ोतरी की है.