जयपुर. राजस्थान में अब प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने अपना काम शुरू कर दिया है. अब संगठन के स्तर पर केवल शिकायत को सुनने का ही काम नहीं होगा, बल्कि उन शिकायतों पर कार्रवाई भी होगी. जिस तरीके से 2 संभाग का फीडबैक लेने के बाद में राजस्थान के लगभग सभी प्रभारी मंत्रियों के प्रभार जिले बदल दिए गए हैं, उसके बाद अब माकन और डोटासरा ने अगले टास्क पर ध्यान देना शुरू कर दिया है.
2 अक्टूबर को राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में अब तक क्या कुछ हुआ, इसके बारे में तो बताया जाएगा ही, इसके साथ ही दोनों संभागों के फीडबैक कार्यक्रम में जिस तरीके से यह बात निकलकर आई कि जो वीसीआर भरी जा रही है, उसे समझौता समिति में लेने के लिए 70% राशि चुकाना जरूरी है. किसानों को पिछली वसुंधरा सरकार के समय दिए गए सालाना 10,000 के अनुदान को भी जारी रखना जरूरी है.
अब यह दोनों बातें संगठन की ओर से मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी गई है और इन दोनों मांगों पर भी एक-दो दिन में निर्णय हो जाएगा. केवल इतना ही नहीं अब मंत्री अपने प्रभाव जिलों में जन सुनवाई करते हुए नजर आएंगे, तो वहीं तबादलों में प्रतिबंध भी जल्द ही हट सकता है. यह सब मामले दोनों संभागों के फीडबैक कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं की ओर से रखे गए थे.
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अजय माकन और गोविंद डोटासरा अब आम कांग्रेसी में यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी सुनवाई अब पूरी तरीके से संगठन में होगी. ऐसे में साफ है कि प्रभारी बनने के बाद अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा अपने काम में जुट चुके हैं और जनता और अपने कार्यकर्ताओं की शिकायत पर न केवल सुनवाई कर रहे हैं, बल्कि उन शिकायतों को दूर करने का काम भी शुरू कर चुके हैं.