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गहलोत कैबिनेट ने बदला वसुंधरा सरकार का फैसला, कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के निजीकरण पर रोक

गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के एक फैसले को बदल दिया है. सरकार के फैसले के अनुसार अब कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निजीकरण नहीं होगा. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ही इनका काम देखेगा.

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Published : Jun 26, 2019, 8:55 PM IST

गहलोत कैबिनेट ने बदला वसुंधरा सरकार का फैसला

जयपुर. विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक 1 दिन पहले बुधवार को गहलोत सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कुल मिलाकर सरकुलेशन से 9 फैसलों का कैबिनेट ने अनुमोदन किया है. इनमें एक फैसले के जरिए गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के फैसले को बदला है.

गहलोत कैबिनेट ने बदला वसुंधरा सरकार का फैसला, अब कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट का नहीं होगा निजीकरण

पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार की कैबिनेट ने कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट की इकाइयों को भारत सरकार की उपक्रम कंपनी एनटीपीसी और अन्य निजी कंपनियों को देने का निर्णय लिया था. लेकिन अब गहलोत सरकार ने फैसले को बदल दिया है. अब गहलोत सरकार के फैसले के अनुसार कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर की इकाइयों का काम राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम देखेगा. हालांकि वसुंधरा राजे सरकार की कैबिनेट का फैसला अभी अंतिम चरण में था.

गहलोत सरकार के इस निर्णय से साफ हो गया है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने जिस तरीके से निजीकरण का विरोध किया था. अब सरकार बनने के बाद कांग्रेस निजीकरण पर रोक लगाने की कोशिशों में जुट गई है.

जयपुर. विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक 1 दिन पहले बुधवार को गहलोत सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कुल मिलाकर सरकुलेशन से 9 फैसलों का कैबिनेट ने अनुमोदन किया है. इनमें एक फैसले के जरिए गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के फैसले को बदला है.

गहलोत कैबिनेट ने बदला वसुंधरा सरकार का फैसला, अब कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट का नहीं होगा निजीकरण

पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार की कैबिनेट ने कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट की इकाइयों को भारत सरकार की उपक्रम कंपनी एनटीपीसी और अन्य निजी कंपनियों को देने का निर्णय लिया था. लेकिन अब गहलोत सरकार ने फैसले को बदल दिया है. अब गहलोत सरकार के फैसले के अनुसार कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर की इकाइयों का काम राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम देखेगा. हालांकि वसुंधरा राजे सरकार की कैबिनेट का फैसला अभी अंतिम चरण में था.

गहलोत सरकार के इस निर्णय से साफ हो गया है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने जिस तरीके से निजीकरण का विरोध किया था. अब सरकार बनने के बाद कांग्रेस निजीकरण पर रोक लगाने की कोशिशों में जुट गई है.

Intro:गहलोत सरकार ने बदला पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार का फैसला अब नहीं होगा कालीसिंध प्रोजेक्ट का निजी करण पहले वसुंधरा कैबिनेट ने कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 4 इकाइयां एनटीपीसी और अन्य प्राइवेट कंपनियों को देने का निर्णय लेकिन अब गहलोत सरकार ने कैबिनेट में लिया निर्णय यह इकाइयां अब राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम देखेगा


Body:गहलोत सरकार की कैबिनेट की बैठक आज विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक 1 दिन पहले हुई इस बैठक में कुल मिलाकर सरकुलेशन से नो फैसलों का कैबिनेट ने अनुमोदन किया है इनमें एक निर्णय वह भी है जिसके जरिए गहलोत सरकार ने बीती वसुंधरा सरकार के फैसले को बदला है दरअसल वसुंधरा सरकार कैबिनेट ने एक निर्णय लिया था जिसके अनुसार कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट के चार इकाइयों का का पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनटीपीसी और अन्य निजी कंपनियों को देने का निर्णय लिया था लेकिन आज तत्कालीन वसुंधरा राजे कैबिनेट के इस निर्णय को गहलोत सरकार ने बदल दिया है और अब यह काम राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम देखेगी आज गहलोत कैबिनेट ने यह निर्णय ले लिया है और अब कालीसिंध थर्मल पावर चारों इकाई राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ही देखेगी हालांकि वसुंधरा राजे सरकार कैबिनेट का फैसला भी अभी अंतिम चरण में था पीटीसी अजीत


Conclusion:गहलोत सरकार के इस निर्णय से साफ हो गया है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेसी ने जिस तरीके से निजीकरण का विरोध किया था अब सरकार बनने के बाद कॉन्ग्रेस निजी करण पर रोक लगाने का प्रयास करेगी
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