जयपुर. प्रदेश में अब पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भामाशाह कार्ड की जगह जन आधार कार्ड मान्य होगा. राजस्थान सरकार अब जन आधार कार्ड योजना के लिए जन आधार प्राधिकरण का गठन करेगी. इसके लिए गहलोत कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अध्यादेश का अनुमोदन किया है. अब सरकार ऑर्डिनेंस लाने जा रही है. इसके बाद फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र में बिल को पास कराया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर 18 दिसम्बर को इस योजना की शुरुआत करेंगे. योजना को शुरू करने से पहले सरकार ने प्राधिकरण का फैसला किया है. यह प्राधिकरण जनाधार योजना को सुचारू एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ लागू करने की दिशा में कार्य करेगा. इसका नोडल विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत होगा.
इस योजना में खाद्य सुरक्षा से जुड़े प्रदेश के एक करोड़ 16 लाख लोगों को शुरुआत में निशुल्क आधार कार्ड दिया जाएगा. इसके बाद शेष लोगों को द्वितीय चरण में कार्ड का वितरण होगा. सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में बुधवार को पंचायत समितिवार दो-दो कार्ड का वितरण करेंगे, इसके बाद विभाग स्तर पर कार्ड का वितरण होगा. यह कार्ड 1 अप्रैल से काम करना शुरू करेगा वहीं 31 मार्च के बाद भामाशाह कार्ड को बंद कर दिया जाएगा.
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आयोजना विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्षगांठ पर तीन दिन तक होने वाले कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दो-दो पंचायत में जन आधार कार्ड का वितरण करेंगे. आयोजना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे.
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सूत्रों के अनुसार 1.16 करोड़ परिवारों के लिए नए जन आधार कार्ड बनाने पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा होगा. इसके साथ ही डाटाबेस मैनेजमेंट, नई मशीन व अन्य संसाधनों पर भी 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गहलोत सरकार अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को घर-घर तक ले जाना चाहती है, ताकि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इसी मंशा के साथ सरकार जन आधार कार्ड योजना की शुरुआत करने जा रही है.