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गहलोत कैबिनेट ने जनआधार प्राधिकरण अध्यादेश को दी मंजूरी, 31 मार्च 2020 के बाद भामाशाह कार्ड होंगे बंद

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Published : Dec 17, 2019, 6:34 PM IST

पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई भामाशाह योजना नए वित्तिय वर्ष में जन आधार योजना में बदल जाएगी. इससे पहले राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर ही इस योजना के कार्ड का वितरण करने का फैसला लिया है, जिसका नाम रखा गया है जनाधार कार्ड.

Gehlot cabinet, गहलोत कैबिनेट, जनआधार प्राधिकरण अध्यादेश
Jan adhar pradhikaran ordinance Bhamashah cards

जयपुर. प्रदेश में अब पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भामाशाह कार्ड की जगह जन आधार कार्ड मान्य होगा. राजस्थान सरकार अब जन आधार कार्ड योजना के लिए जन आधार प्राधिकरण का गठन करेगी. इसके लिए गहलोत कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अध्यादेश का अनुमोदन किया है. अब सरकार ऑर्डिनेंस लाने जा रही है. इसके बाद फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र में बिल को पास कराया जाएगा.

हलोत कैबिनेट ने जनआधार प्राधिकरण अध्यादेश को दी मंजूरी, भामाशाह कार्ड की जगह होंगे जन आधार कार्ड

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर 18 दिसम्बर को इस योजना की शुरुआत करेंगे. योजना को शुरू करने से पहले सरकार ने प्राधिकरण का फैसला किया है. यह प्राधिकरण जनाधार योजना को सुचारू एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ लागू करने की दिशा में कार्य करेगा. इसका नोडल विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत होगा.

इस योजना में खाद्य सुरक्षा से जुड़े प्रदेश के एक करोड़ 16 लाख लोगों को शुरुआत में निशुल्क आधार कार्ड दिया जाएगा. इसके बाद शेष लोगों को द्वितीय चरण में कार्ड का वितरण होगा. सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में बुधवार को पंचायत समितिवार दो-दो कार्ड का वितरण करेंगे, इसके बाद विभाग स्तर पर कार्ड का वितरण होगा. यह कार्ड 1 अप्रैल से काम करना शुरू करेगा वहीं 31 मार्च के बाद भामाशाह कार्ड को बंद कर दिया जाएगा.

पढे़ंः स्पेशल: गहलोत सरकार के 1 साल के कार्यकाल पर बाड़मेर के लोगों से खास बातचीत

आयोजना विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्षगांठ पर तीन दिन तक होने वाले कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दो-दो पंचायत में जन आधार कार्ड का वितरण करेंगे. आयोजना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे.

पढे़ंः गहलोत 'राज' 1 साल : गहलोत सरकार दलित महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न रोकने में फेल, एक रिपोर्ट में दावा

सूत्रों के अनुसार 1.16 करोड़ परिवारों के लिए नए जन आधार कार्ड बनाने पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा होगा. इसके साथ ही डाटाबेस मैनेजमेंट, नई मशीन व अन्य संसाधनों पर भी 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गहलोत सरकार अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को घर-घर तक ले जाना चाहती है, ताकि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इसी मंशा के साथ सरकार जन आधार कार्ड योजना की शुरुआत करने जा रही है.

जयपुर. प्रदेश में अब पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भामाशाह कार्ड की जगह जन आधार कार्ड मान्य होगा. राजस्थान सरकार अब जन आधार कार्ड योजना के लिए जन आधार प्राधिकरण का गठन करेगी. इसके लिए गहलोत कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अध्यादेश का अनुमोदन किया है. अब सरकार ऑर्डिनेंस लाने जा रही है. इसके बाद फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र में बिल को पास कराया जाएगा.

हलोत कैबिनेट ने जनआधार प्राधिकरण अध्यादेश को दी मंजूरी, भामाशाह कार्ड की जगह होंगे जन आधार कार्ड

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर 18 दिसम्बर को इस योजना की शुरुआत करेंगे. योजना को शुरू करने से पहले सरकार ने प्राधिकरण का फैसला किया है. यह प्राधिकरण जनाधार योजना को सुचारू एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ लागू करने की दिशा में कार्य करेगा. इसका नोडल विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत होगा.

इस योजना में खाद्य सुरक्षा से जुड़े प्रदेश के एक करोड़ 16 लाख लोगों को शुरुआत में निशुल्क आधार कार्ड दिया जाएगा. इसके बाद शेष लोगों को द्वितीय चरण में कार्ड का वितरण होगा. सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में बुधवार को पंचायत समितिवार दो-दो कार्ड का वितरण करेंगे, इसके बाद विभाग स्तर पर कार्ड का वितरण होगा. यह कार्ड 1 अप्रैल से काम करना शुरू करेगा वहीं 31 मार्च के बाद भामाशाह कार्ड को बंद कर दिया जाएगा.

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आयोजना विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्षगांठ पर तीन दिन तक होने वाले कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दो-दो पंचायत में जन आधार कार्ड का वितरण करेंगे. आयोजना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे.

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सूत्रों के अनुसार 1.16 करोड़ परिवारों के लिए नए जन आधार कार्ड बनाने पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा होगा. इसके साथ ही डाटाबेस मैनेजमेंट, नई मशीन व अन्य संसाधनों पर भी 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गहलोत सरकार अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को घर-घर तक ले जाना चाहती है, ताकि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इसी मंशा के साथ सरकार जन आधार कार्ड योजना की शुरुआत करने जा रही है.

Intro:जयपुर

-गहलोत कैबिनेट ने जनआधार प्राधिकरण अध्यादेश को दी मंजूरी , सरकार भामाशाह कार्ड की जगह जनाधार योजना लागू कर रही है

एंकर- प्रदेश में अब पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार के भामाशाह कार्ड की जगह जन आधार कार्ड मान्य होगा , सीएम अशोक गहलोत सरकार जन आधार कार्ड योजना के लिए जन आधार प्राधिकरण का गठन करेगी। इसके लिए गहलोत कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अध्यादेश का अनुमोदन किया है। अब सरकार ऑर्डिनेंस लाने जा रही है। इसके बाद फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र में बिल को पास कराया जाएगा। गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के भामाशाह कार्ड की जगह जन आधार कार्ड योजना लागू कर रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर 18 दिसम्बर को इस योजना की शुरुआत करेंगे। योजना को शुरू करने से पहले सरकार ने प्राधिकरण का फैसला किया है।
यह प्राधिकरण जनाधार योजना को सुचारू एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ लागू करने की दिशा में कार्य करेगा। इसका नोडल विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग होगा, प्रदेश में खाद्य सुरक्षा से जुड़े एक करोड़ 16 लाख लोगों को शुरुआत में निशुल्क आधार कार्ड दिया जाएगा। इसके बाद शेष लोगों को द्वितीय चरण में कार्ड का वितरण होगा।
सीएम गहलोत सरकार के सभी मंत्री अपने अपने प्रभार वाले जिलों में बुधवार को पंचायत समितिवार दो-दो कार्ड का वितरण करेंगे, इसके बाद विभाग स्तर पर कार्ड वितरण होगा। यह कार्ड 1 अप्रैल से काम करना शुरू करेगा, 31 मार्च के बाद भामाशाह कार्ड को बंद कर दिया जाएगा।
आइए,आपको बताते हैं गहलोत सरकार की जन आधार कार्ड योजना के बारे में।
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जन आधार कार्ड योजना के लाभ
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- राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ जन आधार कार्ड से मिल सकेंगा
-पेंशनकर्मियों को हर साल जीवित प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता था अब नहीं योजना के तहत यह प्रमाण पत्र हर साल नहीं बनवाना पड़ेगा।
-परिवार के प्रत्येक सदस्यों का नाम आटो एड हो जाएगा -बार-बार नाम जुड़वाने की जरूरत नहीं होगी।
-जन आधार कार्ड एक परिवार की एक पहचान बनेगा यानि एक कार्ड, एक नम्बर, एक पहचान।
-ई-कॉमर्स और बीमा सुविधाओं का लाभ भी इसी कार्ड से मिले पाएगा।

जन आधार कार्ड की मुख्य बातें
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- भामाशाह कार्ड की तरह यह कार्ड भी महिला के नाम से बनेगा ।
-अगर किसी परिवार में महिला नहीं है तो पुरूष के नाम से भी जन आधार कार्ड बनाया जा सकता है ।
-इस कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों को जोड़ा जाएगा।
-जन आधार कार्ड में आपको 10 अंक का पंजीयन नम्बर दिया जायेगा।
जिसका भामाशाह कार्ड पहले से बना हुआ है उसे जन आधार कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है। उस परिवार को मोबाइल नम्बर पर SMS मैसेज या फोन करके 10 अंक का पंजीयन नम्बर भेजा जायेगा।
-जिस परिवार का भामाशाह कार्ड नहीं बना हुआ है उसे ही नया कार्ड जन आधार कार्ड बनवाना होगा।
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-आयोजना विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्षगांठ पर तीन दिन तक होने वाले कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दो-दो पंचायत में जन आधार कार्ड का वितरण करेंगे। आयोजना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार 1.16 करोड़ परिवारों के लिए नए जन आधार कार्ड बनाने पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा होगा। इसके साथ ही डाटाबेस मैनेजमेंट, नई मशीन व अन्य संसाधनों पर भी 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गहलोत सरकार अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को घर-घर तक ले जाना चाहती है, ताकि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। इसी मंशा के साथ सरकार जन आधार कार्ड योजना की शुरुआत करने जा रही है।
पीटीसी :- जसवंत सिंह
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