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जयपुर में गणेश महोत्सव कार्यक्रम आज से, मोदकों की झांकी से होगी शुरुआत - 30 अगस्त को सिंजारा महोत्सव

जयपुर में भगवान गणेश जन्मोत्सव के अवसर पर बुधवार से 1 सितंबर तक गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत मोती डूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को मोदकों झांकी से होगी. गणेश जन्मोत्सव में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

Ganesh Janmotsav program
मोती डूंगरी गणेश मंदिर
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Published : Aug 23, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 6:43 AM IST

जयपुर. भगवान गणेश के जन्मोत्सव पर बुधवार से 1 सितंबर तक गणेश जन्मोत्सव का कार्यक्रम (Ganesh Janmotsav program) होगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत मोती डूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को मोदकों की झांकी से होगी. वहीं 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. इसके एक दिन पहले 30 अगस्त को सिंजारा महोत्सव का आयोजन होगा. जिसमें गणेशजी को 3100 किलो सिंजारे की मेहंदी धारण करवाई जाएगी. वहीं जन्मोत्सव के दूसरे दिन गणेश जी की शोभायात्रा निकाली जाएगी. इस दिन भगवान गणेश जयपुर शहर के भ्रमण पर निकलेंगे.

मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि गणेश जी का जन्मोत्सव 31 को मनाया जाएगा. इस उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम होंगे. 24 अगस्त को गणेश जी के मोदकों की झांकी के दर्शन होंगे. इस दिन बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. झांकी में 251 किलो के 2 मुख्य मोदक होंगे. इसके अलावा 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के और 1100 मोदक सवा किलो के साथ अन्य मोदक शामिल होंगे. इस दिन गजानन महाराज को माणक पन्ना युक्त मुकुट धारण करवाया जाएगा.

पढ़ें: कोटा: प्रतीकात्मक रूप से निकला अनंत चतुर्दशी का जुलूस, स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने की आरती

351 महिलाएं कलश लेकर आएंगी: उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत 25 अगस्त को गुरु पुष्य नक्षत्र पर गजानन महाराज का पंचामृत अभिषेक होगा. इस दिन 351 महिलाएं कलश लेकर आएंगी. वहीं इस जल से भगवान का अभिषेक होगा. इसके अलावा 500 किलो दूध, 50 किलो बूरा, 100 किलो दही व 11 किलो घी व 11 किलो शहद से पंचामृत अभिषेक होगा. इस दिन ध्वज पूजन होगा. नवीन ध्वज धारण होंगे. मंदिर में महोत्सव के तहत 26 से 29 अगस्त तक सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन संध्या होगी. इसमें ध्रुवपद गायन, कत्थक नृत्य और सुगम संगीत का आयोजन होगा. वहीं 30 अगस्त को भगवान श्री गणेश के सिंजारे की मेहंदी धारण होगी. सभी भक्तजनों में मेहन्दी का प्रसाद वितरण किया जाएगा. भगवान गणेश जी इस पर्व पर स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे. जो कि वर्ष में सिर्फ गणेश चतुर्थी को ही भगवान को धारण कराया जाता है. भगवान चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे और विशेष पोशाक धारण करेंगे. इसी दिन भक्ति संध्या और रात्रि जागरण का आयोजन होगा. वहीं 3100 किलो मेहंदी प्रसाद वितरण भगवान गणेश जी के मेहन्दी धारण के बाद किया जाएगा.

महंत कैलाश शर्मा का बयान

मंदिर मंहत ने बताया कि गणेश जी के महन्त परिवार की ओर से विशेष रूप से बनाया गया पारम्पारिक शृंगार धारण कराया जाएगा. इसका भाव नोलड़ी का नोलखा हार जिसमें मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं. इसे बनाने में करीब तीन महीने लगते हैं. वहीं भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 31 अगस्त बुधवार को भगवान श्री गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

पढ़ें: ganesh chaturthi 2021: रिद्धि सिद्धि के साथ हैदराबाद से काशी पहुंचे 'बप्पा', बने आकर्षण का केंद्र

विशेष पूजा और आरती का यह है समय

  • मंगला आरती सुबह 4:00 बजे
  • विशेष पूजन सुबह 11:20 बजे
  • शृंगार आरती सुबह 11:30 बजे
  • भोग आरती दोपहर 2:15 बजे
  • संध्या आरती शाम 7:00 बजे
  • शयन आरती रात 11:45 बजे

इस दौरान भगवान के दर्शन के लिए पुरुष, महिला और परिवार के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. ये व्यवस्था पंक्तिबद्ध एमडी रोड, जेएलएन मार्ग और रिजर्व बैंक तख्तेशाही मार्ग पर की गई है. वहीं निशक्तजन के लिए विशेष रिक्शे लगाए जाएंगे. वहीं 1 सितम्बर को मोती डूंगरी गणेश मंदिर से शोभायात्रा रवाना होकर श्री गढ़ गणेश गणपति मंदिर के नीचे वाले चौक तक जाएगी. ये शोभायात्रा मोती डूंगरी रोड, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होती हुई गढ़ गणेश मन्दिर महन्त परिवार की ओर से उतारी जाएगी. श्री गणेश मन्दिर मोती डूंगरी शोभा यात्रा के संयोजक प्रताप भानु सिंह ने बताया कि विशाल स्वचालित झांकी शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण केन्द्र होंगी. इसमें प्रमुख नगाड़ों की अद्भुत झांकी, अमृत महोत्सव तिरंगा झांकी, त्रिपोलिया गेट पर गणेश जी रिद्धि-सिद्धि के साथ, पृथ्वी पर नृत्य करते हुए गणेश जी, बालरूपी गणेश जी पिता शिव की पीठ पर खेलते हुए नजर आएंगे. गणेशजी रिद्धि सिद्धी के साथ घूमर नृत्य करते हुए, गणेश जी का शेषनाग पर आकृषक नृत्य और संखियां वाद्ययंत्र बजाते हुई करीब 80 झांकिया निकाली जाएगी.

जयपुर. भगवान गणेश के जन्मोत्सव पर बुधवार से 1 सितंबर तक गणेश जन्मोत्सव का कार्यक्रम (Ganesh Janmotsav program) होगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत मोती डूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को मोदकों की झांकी से होगी. वहीं 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. इसके एक दिन पहले 30 अगस्त को सिंजारा महोत्सव का आयोजन होगा. जिसमें गणेशजी को 3100 किलो सिंजारे की मेहंदी धारण करवाई जाएगी. वहीं जन्मोत्सव के दूसरे दिन गणेश जी की शोभायात्रा निकाली जाएगी. इस दिन भगवान गणेश जयपुर शहर के भ्रमण पर निकलेंगे.

मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि गणेश जी का जन्मोत्सव 31 को मनाया जाएगा. इस उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम होंगे. 24 अगस्त को गणेश जी के मोदकों की झांकी के दर्शन होंगे. इस दिन बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. झांकी में 251 किलो के 2 मुख्य मोदक होंगे. इसके अलावा 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के और 1100 मोदक सवा किलो के साथ अन्य मोदक शामिल होंगे. इस दिन गजानन महाराज को माणक पन्ना युक्त मुकुट धारण करवाया जाएगा.

पढ़ें: कोटा: प्रतीकात्मक रूप से निकला अनंत चतुर्दशी का जुलूस, स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने की आरती

351 महिलाएं कलश लेकर आएंगी: उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत 25 अगस्त को गुरु पुष्य नक्षत्र पर गजानन महाराज का पंचामृत अभिषेक होगा. इस दिन 351 महिलाएं कलश लेकर आएंगी. वहीं इस जल से भगवान का अभिषेक होगा. इसके अलावा 500 किलो दूध, 50 किलो बूरा, 100 किलो दही व 11 किलो घी व 11 किलो शहद से पंचामृत अभिषेक होगा. इस दिन ध्वज पूजन होगा. नवीन ध्वज धारण होंगे. मंदिर में महोत्सव के तहत 26 से 29 अगस्त तक सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन संध्या होगी. इसमें ध्रुवपद गायन, कत्थक नृत्य और सुगम संगीत का आयोजन होगा. वहीं 30 अगस्त को भगवान श्री गणेश के सिंजारे की मेहंदी धारण होगी. सभी भक्तजनों में मेहन्दी का प्रसाद वितरण किया जाएगा. भगवान गणेश जी इस पर्व पर स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे. जो कि वर्ष में सिर्फ गणेश चतुर्थी को ही भगवान को धारण कराया जाता है. भगवान चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे और विशेष पोशाक धारण करेंगे. इसी दिन भक्ति संध्या और रात्रि जागरण का आयोजन होगा. वहीं 3100 किलो मेहंदी प्रसाद वितरण भगवान गणेश जी के मेहन्दी धारण के बाद किया जाएगा.

महंत कैलाश शर्मा का बयान

मंदिर मंहत ने बताया कि गणेश जी के महन्त परिवार की ओर से विशेष रूप से बनाया गया पारम्पारिक शृंगार धारण कराया जाएगा. इसका भाव नोलड़ी का नोलखा हार जिसमें मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं. इसे बनाने में करीब तीन महीने लगते हैं. वहीं भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 31 अगस्त बुधवार को भगवान श्री गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

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विशेष पूजा और आरती का यह है समय

  • मंगला आरती सुबह 4:00 बजे
  • विशेष पूजन सुबह 11:20 बजे
  • शृंगार आरती सुबह 11:30 बजे
  • भोग आरती दोपहर 2:15 बजे
  • संध्या आरती शाम 7:00 बजे
  • शयन आरती रात 11:45 बजे

इस दौरान भगवान के दर्शन के लिए पुरुष, महिला और परिवार के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. ये व्यवस्था पंक्तिबद्ध एमडी रोड, जेएलएन मार्ग और रिजर्व बैंक तख्तेशाही मार्ग पर की गई है. वहीं निशक्तजन के लिए विशेष रिक्शे लगाए जाएंगे. वहीं 1 सितम्बर को मोती डूंगरी गणेश मंदिर से शोभायात्रा रवाना होकर श्री गढ़ गणेश गणपति मंदिर के नीचे वाले चौक तक जाएगी. ये शोभायात्रा मोती डूंगरी रोड, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होती हुई गढ़ गणेश मन्दिर महन्त परिवार की ओर से उतारी जाएगी. श्री गणेश मन्दिर मोती डूंगरी शोभा यात्रा के संयोजक प्रताप भानु सिंह ने बताया कि विशाल स्वचालित झांकी शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण केन्द्र होंगी. इसमें प्रमुख नगाड़ों की अद्भुत झांकी, अमृत महोत्सव तिरंगा झांकी, त्रिपोलिया गेट पर गणेश जी रिद्धि-सिद्धि के साथ, पृथ्वी पर नृत्य करते हुए गणेश जी, बालरूपी गणेश जी पिता शिव की पीठ पर खेलते हुए नजर आएंगे. गणेशजी रिद्धि सिद्धी के साथ घूमर नृत्य करते हुए, गणेश जी का शेषनाग पर आकृषक नृत्य और संखियां वाद्ययंत्र बजाते हुई करीब 80 झांकिया निकाली जाएगी.

Last Updated : Aug 24, 2022, 6:43 AM IST
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