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GANESH CHATURTHI 2022 कैसे करें प्रथम पूज्य की पूजा, क्या है शुभ मुहुर्त...जानें एक क्लिक में

गणेश चतुर्थी बुधवार को मनाई जाएगी. इस मौके पर काफी ((SUBH MUHURT GANESH CHATURTHI)) शुभ संयोग बन रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार गणेश चतुर्थी पर वो सारे योग बन रहे हैं जो भगवान गणेश के जन्म के समय बने थे. आइये जानते हैं कि भगवान गणपति की कैसे अराधना करें और पूजा का क्या है शुभ मुहुर्त.

GANESH CHATURTHI 2022 , SUBH MUHURT GANESH CHATURTHI
गणेश चतुर्थी पर कैसे करें प्रथम पूज्य की पूजा.
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Published : Aug 30, 2022, 8:09 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 11:40 PM IST

जयपुर. गणेश चतुर्थी बुधवार को मनाई जाएगी. गणेश चतुर्थी कई मायनों में बहुत खास है. इस साल वो सारे योग-संयोग (SUBH MUHURT GANESH CHATURTHI) बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म पर बने थे. बुधवार का दिन, चतुर्थी तिथि, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल ये ही वो संयोग था, जब भगवान शिव ने हाथी का सिर लगाकर उनमें प्राण डाले थे. यही वजह है कि इस बार लोगों में गणेश चतुर्थी मनाने को लेकर उत्साह दोगुना हो गया है. ईटीवी भारत के दर्शकों को हम बताते हैं कि किस तरह भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें और किस मुहूर्त में उनका पूजन सबसे ज्यादा फलदाई होगा.

व्यापार के लिए श्रेष्ठः ज्योतिषाचार्य अश्विनी चतुर्वेदी ने बताया कि ये शुभ संयोग है कि बुधवार के दिन ही गणेश चतुर्थी आई है. भगवान गणपति बुद्ध के अधिष्ठात्री देवता भी हैं, और बुद्ध वाणी का कारक है. जो भी व्यापार चलता है, वो वाणी से चलता है. बुधवार को गणेश चतुर्थी होने से व्यापार के बढ़ने की (GANESH CHATURTHI PUJA TIPS) अपार संभावना है. भगवान गणेश की सबसे सूक्ष्म पूजा पंचोपचार होती है. जिसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य लगाकर पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा श्रद्धालु पंचामृत अभिषेक, गंगाजल अभिषेक, तीर्थ जल अभिषेक कर सकते हैं. इसके बाद सिंदूर का लेप लगाकर वस्त्र, मोली, यज्ञोपवीत, पुष्पमाला, इत्र और सूखा सिंदूर चढ़ाकर चूरमा, लड्डू, गुड़धानी का भोग लगाया जा सकता है.

कैसे करें प्रथम पूज्य की पूजा.

पढ़ेंः Ganesh Chaturthi 2022 अजमेर के गणेश मंदिर का 300 साल पुराना मराठाकालीन इतिहास, जानें क्या है खास

सबसे शुभ मुहूर्त : वहीं ज्योतिषाचार्य जय शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म काल मध्यान्ह काल था. ऐसे में वृश्चिक लग्न के साथ मध्यान्ह काल में भगवान गणपति की आराधना विशेष फलदाई मानी गई है. इस बार सबसे शुभ मुहूर्त लाभ-अमृत का चौघड़िया 11:11 से 1:43 का रहेगा. इसके अलावा 10:53 से 12:27 पर शुभ चौघड़िया रहने वाले हैं. वहीं जो लोग भगवान गणेश की गणेश चतुर्थी पर स्थापना करना चाहते हैं वो गाय के देसी घी में सिंदूर मिलाकर सिंदूर का चोला चढ़ाएं. चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश को विराजमान कराएं. इसके बाद उनका अभिषेक कर वस्त्र धारण कराएं.

भगवान गणेश को प्रिय शमी पत्र चढ़ाएंः कहा जाता है शमी सभी पापों का शमन करता है. यदि आदमी जानबूझकर कोई पाप नहीं करता, उन ज्ञात-अज्ञात पापों से रक्षा के लिए शमी पत्र भगवान गणपति को अर्पण करते हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान शिव की तरह ही भगवान गणेश को भी शमी पत्र बहुत प्रिय है. यदि उन्हें शमी पत्र चढ़ाया जाता है तो ये फलदाई भी होगा. इसके अलावा केवड़ा भी भगवान गणपति को अर्पण करें.

मिट्टी के गणेश जी करें स्थापना : गणपति स्थापना विषम संख्या दिन में किया जाता है और अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. ज्योतिषाचार्य ने अपील की कि भगवान गणेश की स्थापना कर रहे हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस के गणेश जी लाने से बेहतर मिट्टी के गणेश प्रतिमा लाएं, जो प्राकृतिक रूप से सुरक्षित भी है.

पढ़ेंः Steamed Modak : इस बार गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को लगाएं स्टीम्ड मोदक का भोग

गणेश चतुर्थी का चंद्रमा देखने से लगता है कलंकः गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना अशुभ माना गया है. इस दिन रात को चंद्र दर्शन करने पर व्यक्ति को भविष्य में झूठा कलंक लगने का भय बना रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण पर भी इसी वजह से झूठा कलंक लगा था. इससे जुड़ी भगवान गणेश और चंद्रमा की पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं. इस बार अकेले गणेश चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं. इन सात दिनों में गणपति की पूजा के साथ नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं.

जयपुर. गणेश चतुर्थी बुधवार को मनाई जाएगी. गणेश चतुर्थी कई मायनों में बहुत खास है. इस साल वो सारे योग-संयोग (SUBH MUHURT GANESH CHATURTHI) बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म पर बने थे. बुधवार का दिन, चतुर्थी तिथि, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल ये ही वो संयोग था, जब भगवान शिव ने हाथी का सिर लगाकर उनमें प्राण डाले थे. यही वजह है कि इस बार लोगों में गणेश चतुर्थी मनाने को लेकर उत्साह दोगुना हो गया है. ईटीवी भारत के दर्शकों को हम बताते हैं कि किस तरह भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें और किस मुहूर्त में उनका पूजन सबसे ज्यादा फलदाई होगा.

व्यापार के लिए श्रेष्ठः ज्योतिषाचार्य अश्विनी चतुर्वेदी ने बताया कि ये शुभ संयोग है कि बुधवार के दिन ही गणेश चतुर्थी आई है. भगवान गणपति बुद्ध के अधिष्ठात्री देवता भी हैं, और बुद्ध वाणी का कारक है. जो भी व्यापार चलता है, वो वाणी से चलता है. बुधवार को गणेश चतुर्थी होने से व्यापार के बढ़ने की (GANESH CHATURTHI PUJA TIPS) अपार संभावना है. भगवान गणेश की सबसे सूक्ष्म पूजा पंचोपचार होती है. जिसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य लगाकर पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा श्रद्धालु पंचामृत अभिषेक, गंगाजल अभिषेक, तीर्थ जल अभिषेक कर सकते हैं. इसके बाद सिंदूर का लेप लगाकर वस्त्र, मोली, यज्ञोपवीत, पुष्पमाला, इत्र और सूखा सिंदूर चढ़ाकर चूरमा, लड्डू, गुड़धानी का भोग लगाया जा सकता है.

कैसे करें प्रथम पूज्य की पूजा.

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सबसे शुभ मुहूर्त : वहीं ज्योतिषाचार्य जय शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म काल मध्यान्ह काल था. ऐसे में वृश्चिक लग्न के साथ मध्यान्ह काल में भगवान गणपति की आराधना विशेष फलदाई मानी गई है. इस बार सबसे शुभ मुहूर्त लाभ-अमृत का चौघड़िया 11:11 से 1:43 का रहेगा. इसके अलावा 10:53 से 12:27 पर शुभ चौघड़िया रहने वाले हैं. वहीं जो लोग भगवान गणेश की गणेश चतुर्थी पर स्थापना करना चाहते हैं वो गाय के देसी घी में सिंदूर मिलाकर सिंदूर का चोला चढ़ाएं. चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश को विराजमान कराएं. इसके बाद उनका अभिषेक कर वस्त्र धारण कराएं.

भगवान गणेश को प्रिय शमी पत्र चढ़ाएंः कहा जाता है शमी सभी पापों का शमन करता है. यदि आदमी जानबूझकर कोई पाप नहीं करता, उन ज्ञात-अज्ञात पापों से रक्षा के लिए शमी पत्र भगवान गणपति को अर्पण करते हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान शिव की तरह ही भगवान गणेश को भी शमी पत्र बहुत प्रिय है. यदि उन्हें शमी पत्र चढ़ाया जाता है तो ये फलदाई भी होगा. इसके अलावा केवड़ा भी भगवान गणपति को अर्पण करें.

मिट्टी के गणेश जी करें स्थापना : गणपति स्थापना विषम संख्या दिन में किया जाता है और अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. ज्योतिषाचार्य ने अपील की कि भगवान गणेश की स्थापना कर रहे हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस के गणेश जी लाने से बेहतर मिट्टी के गणेश प्रतिमा लाएं, जो प्राकृतिक रूप से सुरक्षित भी है.

पढ़ेंः Steamed Modak : इस बार गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को लगाएं स्टीम्ड मोदक का भोग

गणेश चतुर्थी का चंद्रमा देखने से लगता है कलंकः गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना अशुभ माना गया है. इस दिन रात को चंद्र दर्शन करने पर व्यक्ति को भविष्य में झूठा कलंक लगने का भय बना रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण पर भी इसी वजह से झूठा कलंक लगा था. इससे जुड़ी भगवान गणेश और चंद्रमा की पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं. इस बार अकेले गणेश चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं. इन सात दिनों में गणपति की पूजा के साथ नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 30, 2022, 11:40 PM IST
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