जयपुर. सीएम (CM Ashok Gehlot) ने जिस तरह के प्रेरणा गीतों का जिक्र किया, सुब्बाराव ने एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) में भर्ती होने से पहले महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवनेंस एंड सोशियल साइंसेज का अवलोकन करते हुए ऐसा ही एक प्रेरणा गीत भी गुनगुनाया था...
"जय जगत पुकारे जा, सिर अमन पे वारे जा
सबके हित के वास्ते, अपना सुख बिसारे जा
प्रेम की पुकार हो, सबका सबसे प्यार हो
जीत हो जहान की, क्यों किसी की हार हो. जय जगत...
न्याय का विधान हो, सबका हक समान हो
सबकी अपनी हो जमीन, सबका आसमान हो. जय जगत...
रंग भेद छोड़ दो, जात पात तोड़ दो
मानवों की आपसी अखंड प्रीत जोड़ दो. जय जगत...
शांति की हवा चले, जग कहे बले बले
दिन उगे सनेह का, रात रंज की ढले. जय जगत..."
डॉ. एसएन. सुब्बाराव ने जेडीसी और जेडीए के अन्य अधिकारियों के समक्ष इस प्रेरणा गीत गाया भी और दोहवाया भी था. साथ ही आशा व्यक्त की थी कि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवनेंस एंड सोशियल साइंसेज से शिक्षित/दिक्षित विद्यार्थी गांधी के विचारों को अपने-अपने जीवन में उतार कर सही मायने में देश सेवा के प्रति समर्पित होंगे.
डॉ. सुब्बाराव ने कहा था कि महात्मा गांधी के अनुसार क्रूर से क्रूर व्यक्ति भी संत बन सकता है, उस व्यक्ति में बनने की क्षमता होनी चाहिए. उन्होंने सभी को गांधी जी की गतिविधियों पर रचनात्मक कार्य किये जाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा था. साथ ही सभी को सप्ताह में एक दिन श्रमदान करने की नसीहत दी थी.
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उन्होंने कहा था कि कोटेज इंडस्ट्री विकसित करनी चाहिए, गांधी जी के विचारों के अनुसार कार्य उन्मुख होना चाहिए, जो कहे वो ही करे, वो ही गांधीवादी है. डॉ. सुब्बाराव ने प्रदेश में कृषि उत्पादों के कच्चे माल के उत्पादन की लघु इकाई विकसित करने की भी नसीहत दी थी.