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Special : जानें जींद-गोहाना एनकाउंटर की पूरी कहानी

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Published : Jul 2, 2020, 7:24 AM IST

पुलिस किसी भी तरह हत्यारों तक पहुंचना चाह रही थी. आखिरकार वारदात के महज कुछ ही घंटे बाद वो बदमाशों तक पहुंच गई. जींद में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक आरोपी को ढेर भी कर दिया.

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जींद-गोहाना एनकाउंटर केस

गोहाना/जींद: हरियाणा में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात गोहाना में एक सिपाही और एक एसपीओ की निर्मम हत्या से पूरा हरियाणा सन्न रह गया. इस वारदात ने पूरे प्रदेश को दहला दिया. मामला इतना गंभीर था कि इस पूरे केस को खुद डीजीपी मनोज यादव देख रहे थे. अपने पुलिसकर्मियों की हत्या से आगबबूला पुलिस बस किसी भी कीमत पर हत्यारों तक पहुंचना चाह रही थी. आखिरकार वारदात के महज कुछ ही घंटे बाद वो बदमाशों तक पहुंच गई. ये पूरी कहानी बेहद सनसनीखेज और फिल्मी है. चलिए आपको सिलसिलेवार तरीके से पूरी वारदात बताते हैं..

जींद-गोहाना एनकाउंटर केस

क्या हुआ था वारदात की रात?

पुलिस के मुताबिक एसपीओ कप्तान और सिपाही रवींद्र गोहाना के बुटाना पुलिस चौकी से गश्त पर निकले थे. गस्त के दौरान सिपाही रविंद्र और एसपीओ कप्तान को रास्ते में चार लड़के और दो लड़कियां शराब पीते दिखे. रविंद्र और कप्तान ने उन्हें सड़क पर अवारागर्दी करने रोका, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें बेरहमी से मारकर मौत के घाट उतार दिया. पुलिसकर्मियों की मौत की इस सनसनीखेज घटना से इलाके में दहशत फैल गई. शायद अपने पुलिसकर्मियों की मौत की वजह से पुलिस भी तुरंत हरकत में आ गई. यहां तक कि खुद डीजीपी मनोज यादव इसे पूरे मामले को देख रहे थे.

यह भी पढ़ें- अलवर: नाबालिग से दुष्कर्म और पिता की हत्या के मामले में रामगढ़ थाना प्रभारी सहित चार लोग APO

रविंद्र ने हाथ पर लिखा था आरोपियों के गाड़ी का नंबर

पुलिस हत्यारों को पकड़ने के लिए हर सुराग पर तेज रफ्तार से काम कर रही थी. सबसे पहला सुराग घटनास्थल से ही पुलिस को मिला. सबसे बड़ा सुराग तो सबसे पहले कांस्टेबल रविंद्र पुलिस को देकर गए. रवीन्द्र ने मौत से पहले हाथ पर आरोपियों के गाड़ी का नंबर लिख लिया था, जिसके जरिए सोनीपत सीआईए-2 की टीम को जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर में एक मकान में छिपे चार बदमाशों की लोकेशन मिली.

ऐसा था सीन ऑफ क्राइम

  • सिपाही रवींद्र के शव के बह रहे खून के ऊपर से हत्यारों ने गाड़ी निकाली. गाड़ी के टायर खून से सन गए. खून से सने टायर के निशान छोटी कार के थे. यह गाड़ी आरोपियों ने गोहाना शहर की तरफ मोड़ी थी.
  • हरियाली सेंटर के बंद गेट के सामने एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल और दो शराब की बोतल के रैपर मिले थे.
  • एसपीओ कप्तान का मोबाइल हाथ में मिला. शायद वह फोन से किसी को सूचना देना चाह रहा थे, लेकिन उससे पहले उनकी मौत हो गई.
  • रविंद्र ने अपने हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिख हुआ था, वो गाड़ी हरियाणा की थी, पुलिस को उम्मीद थी कि ये गाड़ी का नंबर बदमाशों का हो सकता है.

खुद डीजीपी ने गठित की टीमें

मंगलवार सुबह गोहाना में हुई इन दोनों सिपाहियों की मौत की खबर पूरे इलाके में फैल चुकी थी. खुद डीजीपी मनोज यादव के आदेश पर हत्यारों की तलाश के लिए 8 टीमें गठित की गई.

आरोपियों को पकड़ने गई टीम पर हुआ हमला

शाम तक पुलिस जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर में एक घर की घेरा बंदी की. पुलिस के पास पक्की सूचना थी कि आरोपी इस घर में थे. टीम ने कार्रवाई की तो बदमाशों ने चाकू और हथियारों से हमला कर दिया.

यह भी पढ़ें- सिंगिंग शो में परफॉर्म कर चुकी अलवर की युवती घर से हुई गायब, घर पर तबला सीखने वाले युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

दो की गिरफ्तारी, एक हुआ ढेर

इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से आरोपी अमित की मौत हो गई, पुलिस ने संदीप और एक अन्य आरोपी को पकड़ लिया, जबकि विकास भाग निकला. इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर प्रशांत, अनिल, एसआई मंदीप और सिपाही राजेश घायल हो गए. फिलहाल पुलिस इंस्पेक्टर अनिल की गंभीर हालत को देख उन्हें रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है और गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ की जा रही है, ताकी फरार आरोपी को भी पकड़ा जा सके.

गोहाना/जींद: हरियाणा में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात गोहाना में एक सिपाही और एक एसपीओ की निर्मम हत्या से पूरा हरियाणा सन्न रह गया. इस वारदात ने पूरे प्रदेश को दहला दिया. मामला इतना गंभीर था कि इस पूरे केस को खुद डीजीपी मनोज यादव देख रहे थे. अपने पुलिसकर्मियों की हत्या से आगबबूला पुलिस बस किसी भी कीमत पर हत्यारों तक पहुंचना चाह रही थी. आखिरकार वारदात के महज कुछ ही घंटे बाद वो बदमाशों तक पहुंच गई. ये पूरी कहानी बेहद सनसनीखेज और फिल्मी है. चलिए आपको सिलसिलेवार तरीके से पूरी वारदात बताते हैं..

जींद-गोहाना एनकाउंटर केस

क्या हुआ था वारदात की रात?

पुलिस के मुताबिक एसपीओ कप्तान और सिपाही रवींद्र गोहाना के बुटाना पुलिस चौकी से गश्त पर निकले थे. गस्त के दौरान सिपाही रविंद्र और एसपीओ कप्तान को रास्ते में चार लड़के और दो लड़कियां शराब पीते दिखे. रविंद्र और कप्तान ने उन्हें सड़क पर अवारागर्दी करने रोका, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें बेरहमी से मारकर मौत के घाट उतार दिया. पुलिसकर्मियों की मौत की इस सनसनीखेज घटना से इलाके में दहशत फैल गई. शायद अपने पुलिसकर्मियों की मौत की वजह से पुलिस भी तुरंत हरकत में आ गई. यहां तक कि खुद डीजीपी मनोज यादव इसे पूरे मामले को देख रहे थे.

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रविंद्र ने हाथ पर लिखा था आरोपियों के गाड़ी का नंबर

पुलिस हत्यारों को पकड़ने के लिए हर सुराग पर तेज रफ्तार से काम कर रही थी. सबसे पहला सुराग घटनास्थल से ही पुलिस को मिला. सबसे बड़ा सुराग तो सबसे पहले कांस्टेबल रविंद्र पुलिस को देकर गए. रवीन्द्र ने मौत से पहले हाथ पर आरोपियों के गाड़ी का नंबर लिख लिया था, जिसके जरिए सोनीपत सीआईए-2 की टीम को जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर में एक मकान में छिपे चार बदमाशों की लोकेशन मिली.

ऐसा था सीन ऑफ क्राइम

  • सिपाही रवींद्र के शव के बह रहे खून के ऊपर से हत्यारों ने गाड़ी निकाली. गाड़ी के टायर खून से सन गए. खून से सने टायर के निशान छोटी कार के थे. यह गाड़ी आरोपियों ने गोहाना शहर की तरफ मोड़ी थी.
  • हरियाली सेंटर के बंद गेट के सामने एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल और दो शराब की बोतल के रैपर मिले थे.
  • एसपीओ कप्तान का मोबाइल हाथ में मिला. शायद वह फोन से किसी को सूचना देना चाह रहा थे, लेकिन उससे पहले उनकी मौत हो गई.
  • रविंद्र ने अपने हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिख हुआ था, वो गाड़ी हरियाणा की थी, पुलिस को उम्मीद थी कि ये गाड़ी का नंबर बदमाशों का हो सकता है.

खुद डीजीपी ने गठित की टीमें

मंगलवार सुबह गोहाना में हुई इन दोनों सिपाहियों की मौत की खबर पूरे इलाके में फैल चुकी थी. खुद डीजीपी मनोज यादव के आदेश पर हत्यारों की तलाश के लिए 8 टीमें गठित की गई.

आरोपियों को पकड़ने गई टीम पर हुआ हमला

शाम तक पुलिस जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर में एक घर की घेरा बंदी की. पुलिस के पास पक्की सूचना थी कि आरोपी इस घर में थे. टीम ने कार्रवाई की तो बदमाशों ने चाकू और हथियारों से हमला कर दिया.

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दो की गिरफ्तारी, एक हुआ ढेर

इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से आरोपी अमित की मौत हो गई, पुलिस ने संदीप और एक अन्य आरोपी को पकड़ लिया, जबकि विकास भाग निकला. इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर प्रशांत, अनिल, एसआई मंदीप और सिपाही राजेश घायल हो गए. फिलहाल पुलिस इंस्पेक्टर अनिल की गंभीर हालत को देख उन्हें रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है और गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ की जा रही है, ताकी फरार आरोपी को भी पकड़ा जा सके.

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