जयपुर. एक सरकारी अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद 65 लाख मिले. रिटायरमेंट के पैसे मिलने के बारे में जब अधिकारी के परिचित को पता चला तो रुपए ठगने का प्लान बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे दिया. पीड़ित ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है. आरोपी बाप-बेटे व उनका परिचित फरार है.
आरोपी बाप—बेटे ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर रिटायरमेंट अधिकारी के रुपए जमीनों में इन्वेस्ट करवाने के नाम पर (investment fraud in Jaipur) लालच दिया और रुपए डबल करने का सपना दिखा दिया. लेकिन जिन जमीनों में रिटायर्ड अधिकारी के पैसे इन्वेस्ट करवाए, उनका स्वामित्व ठगों के पास नहीं था.
ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी रणजीत सिंह मीणा को शिकार बनाया है. पीड़ित ने एयरपोर्ट थाने में आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस के मुताबिक मीणा के रिटायरमेंट के पैसे के बारे में जब ठगों को पता चला तो उन्होंने पैसे डबल करने का प्लान बताकर जमीनों में इन्वेस्ट करवाया. पीड़ित से पैसा, चेक और आरटीजीएस के माध्यम से लिए गया. लेकिन जब पीड़ित खरीदे गए प्लॉटों पर पजेशन लेने पहुंचा तो असली मालिक दूसरे निकले. जिसके बाद ठगी का पता चला.
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पीड़ित रिटायरमेंट के बाद पैसा जमीनों में इन्वेस्ट करना चाहता था. जिसकी जानकारी रिटायर्ड अधिकारी के परिचित जगदीश और उसके बेटे कैलाश को मिली, तो दोनों ने अपने तीसरे साथी किशनलाल के साथ मिलकर ठगी करने का प्लान बनाया. जमीनों में इन्वेस्ट कराने के नाम पर पीड़ित से 65 लाख रुपए ले लिए. आरोपियों ने अपने जानकारों के प्लॉट बताकर बेच दिए.