जयपुर. आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन की पटरी पर कब्जा जमाकर बैठे गुर्जर समाज के लोगों और सरकार के बीच चौथे दिन भी कोई सहमति नहीं बन पाई. सरकार का संदेश लेकर पहुंचे सीनियर आईएएस नीरज के. पवन ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला से बुधवार को दो दौर की वार्ता की. लेकिन, बैकलॉग के मुद्दे पर कर्नल सरकार को और अधिक समय देने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में दो दौर की वार्ता के बाद भी आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई.
वार्ता बेनतीजा रहने के बाद शाम को नीरज के. पवन जयपुर के लिए रवाना हो गए. नीरज के पवन मंगलवार शाम को सरकार कां संदेश लेकर पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर कर्नल बैंसला के पास पहुंचे थे. यहां हुई बातचीत के बाद बुधवार सुबह करीब 11 बजे पहले दौर की वार्ता हिंडौन में हुई. इस वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकलने पर शाम को नीरज के. पवन और कर्नल बैंसला, उनके बेटे विजय बैंसला के साथ पीलूपुरा में आंदोलनकारियों के बीच पहुंचकर दूसरे दौर की वार्ता की. लेकिन, इस वार्ता में कर्नल ने भर्तियों में बैकलॉग के मुद्दे पर सरकार को अतिरिक्त समय देने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार को पहले ही काफी समय दे चुके हैं, अब और समय नहीं दे सकते. मांगें पूरी होने के बाद ही आंदोलन अब खत्म होगा. कर्नल के इस जवाब के बाद नीरज के. पवन वहां से जयपुर के लिए रवाना हो गए.
दिनभर बनी रही ऊहा-पोह की स्थिति
नीरज के पवन के आंदोलनकारियों के बीच पहुंचने और समाज के दूसरे गुट की अपील को देखते हुए पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वार्ता निर्णायक दौर में पहुंच सकती है. इसको लेकर दिनभर ऊहा-पोह की स्थिति भी बनी रही. आंदोलन की वार्ता को लेकर लोग जानकारी भी लेते रहे. लेकिन, शाम तक कोई हल नहीं निकल सका.
कर्नल बैंसला के पहुंचने के साथ बदला माहौल
दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम करके बैठे गुर्जर समाज के लोगों के बीच दोपहर बाद जैसे ही कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पहुंचे माहौल बदल गया. अब तक रेलवे ट्रैक पर खुले आसमान के नीचे बैठे आंदोलनकारियों ने शाम को ट्रैक पर ही तंबू लगा लिया. आंदोलनकारियों के इस निर्णय को उनकी मांगों को लेकर अडिग रहने से जोड़कर देखा जा रहा है.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं खुद भी चाहता हूं कि इसका हल निकले, सड़के जाम होने से मैं चिंतित हूं. बैंसला ने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, हमने कभी नहीं कहा कि बात नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी बस मांगें पूरी होनी चाहिए. हम सरकार के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन अब आगे समय देने का वक्त जा चुका है. बैंसला ने इंटरनेट बंद को लेकर कहा कि हम उपद्रव नहीं करेंगे. सरकार को इंटरनेट खोल देना चाहिए.
गुर्जर बाहुल्य इलाकों में बढ़ी इंटरनेट की पाबंदी
गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले में गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में इंटरनेट पर पाबंदी बढ़ाई गई है. जिले के गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में अब गुरुवार शाम 5 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा. संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने यह आदेश जारी किए हैं. गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में पिछले 6 दिन से इंटरनेट बंद है.
आंदोलन का राजस्थान रोडवेज पर भी असर देखने को मिल रहा है. कुछ मार्गों पर रोडवेज बसों का संचालन भी बंद किया गया है. जयपुर से दौसा ,भरतपुर, करौली, धौलपुर, हिंडौन और यूपी रूट की बसों का संचालन बंद किया गया है. जयपुर सिंधी कैंप से 250 बसों के संचालन को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा भरतपुर, करौली, धौलपुर और हिंडौन से आने वाली बसों का संचालन बंद हो गया है. यूपी राज्य के लखनऊ, कानपुर, फर्रुखाबाद बरेली और आगरा जाने वाली बसों के संचालन को बंद कर दिया गया है.
गुर्जर आंदोलन को देखते हुए रेल प्रशासन अपने इलाके के रेलवे स्टेशन और पटरियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. रेलवे ने कई ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया है. रेलवे के मुताबिक, करीब 10 ट्रेनों के रूट को बदला गया है, जिसमें सबसे अधिक ट्रेनें भरतपुर रूट की हैं.