जयपुर. जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में भले ही कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े दावे कर रही हो कि उनकी पार्टी में बगावत नहीं है, लेकिन यह दावे सच्चाई से परे हैं. कांग्रेस पार्टी के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के भाई अमरदीन फकीर ही कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरे हुए हैं.
अमरदीन फकीर न केवल मंत्री के भाई हैं बल्कि वह खुद वर्तमान में राजस्थान यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं. ऐसे में उनकी बगावत अपने आप में कई सवाल खड़े कर रही है. इतना ही नहीं जैसलमेर जिले से आने वाले कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के तीन भाई और एक भाई की पत्नी भी बागी होकर चुनाव लड़ रही है.
दरअसल, जैसलमेर में कांग्रेस की राजनीति गाजी फकीर परिवार के इर्द-गिर्द रहती है. ऐसे में फकीर परिवार के चार भाइयों का कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ना अपने आप में सवाल है लेकिन इसके साथ आश्चर्य की बात यह भी है कि मंत्री के भाई और पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर कांग्रेस पार्टी के टिकट पर ही जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं जो अमरदीन फकीर प्रदेश उपाध्यक्ष होते हुए बागी चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी पत्नी को कांग्रेस ने टिकट दिया है. ऐसे में इस बगावत पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब पार्टी ने इस परिवार के दो सदस्यों को टिकट दे दिया था तो क्या पूरा परिवार ही टिकट चाह रहा था और जिसे टिकट नहीं मिला, वह बागी हो गया.
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बता दें कि पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में कूदे कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के चार भाई जो चुनाव लड़ रहे हैं, उन में से एक अमरदीन फकीर प्रदेश युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं, दूसरे भाई पीराने फकीर वर्तमान में यूथ कांग्रेस के जैसलमेर के जिला अध्यक्ष हैं. अमरदीन सम पंचायत समिति से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में हैं.
इसके साथ ही मंत्री साले मोहम्मद के दो और छोटे भाई इलियास फकीर और अमीन फकीर की पत्नी भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में पार्टी द्वारा परिवार के सदस्यों को टिकट देने के बावजूद भी बाकी सदस्यों की बगावत अब प्रदेश कांग्रेस तक पहुंच गई है. हालांकि, अब तक कांग्रेस पार्टी की ओर से इन नेताओं के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर केवल चुप्पी साधी जा रही है.