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राजस्थान संविदा कर्मी भर्ती घोटाला: अब तक चार लोग गिरफ्तार, 20 लाख रुपए नकदी बरामद

राजस्थान एसीबी (Rajasthan ACB) ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अलवर अस्पताल में नर्सिंग व अन्य कार्मिकों की भर्ती के लिए रिश्वत मांगे जाने के मामले का खुलासा करने के बाद प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. एसीबी डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में सर्च की कार्रवाई जारी है.

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संविदा कर्मियों की भर्ती में रिश्वतखोरी मामले में अब तक चार लोग गिरफ्तार
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Published : Jun 18, 2021, 5:43 PM IST

जयपुर. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अलवर अस्पताल में रिश्वत मांगे जाने के मामले में अब तक एसीबी ने अलवर, अजमेर और जोधपुर से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गुजरात के राजकोट की कंपनी एमजे सोलंकी को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नर्सिंग व अन्य कार्मिकों की भर्ती का काम सरकार की ओर से सौंपा गया है. इस पर कंपनी के लिए कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने खुली भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर अवैध रूप से रिश्वत की मांग कर लोगों की भर्ती की जाने लगी.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में संविदा कर्मियों की भर्ती में बड़े घोटाले का पर्दाफाश, अलवर सांसद के PA की भूमिका संदिग्ध

एसीबी, डीजी बीएल सोनी ने बताया, भारत सरकार के अधीन संचालित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल अलवर में नर्सिंग और अन्य कार्मिकों की भर्ती का काम एमजे सोलंकी कंपनी को सौंपा गया. कंपनी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करते हुए बेरोजगार लोगों को स्थाई नियुक्ति का झांसा देकर उनसे दो लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी वसूली गई.

संविदा कर्मियों की भर्ती में रिश्वतखोरी मामले में अब तक चार लोग गिरफ्तार

साथ ही संविदाकर्मियों को सरकार की ओर से प्रतिमाह जितना वेतन मिलना तय हुआ, उस आधार पर प्रति अभ्यर्थी तीन से चार महीने की सैलरी गैंग के सदस्यों ने अवैध रूप से एडवांस के रूप में वसूली. कंपनी को 100 संविदा कर्मियों की भर्ती का काम सौंपा गया, जिसमें घोटाला करते हुए रिश्वत की मांग कर पात्र अभ्यर्थी को नौकरी न देकर रिश्वत देने वाले व्यक्ति को नौकरी पर लगाया गया. इसके अलावा भी कंपनी को 600 से 700 अन्य कर्मचारियों की भर्ती का काम भारत सरकार की ओर से सौंपा गया है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान संविदा कर्मी भर्ती Scam : जानें कैसे हुआ घूस के इस खेल का पर्दाफाश, कौन है 'गुरूजी' ?

एसीबी इंटेलिजेंस की सूचना पर दी गई पूरी कार्रवाई को अंजाम

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया, संविदा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में किए जा रहे घोटाले की सूचना मिलने पर एसीबी इंटेलिजेंस की टीम उसे डेवलप करने में जुट गई. एसीबी इंटेलिजेंस की सूचना पर ही इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अलवर, अजमेर और जोधपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के फील्ड इंचार्ज भरत पूनिया, सुपरवाइजर कानाराम चौधरी, हिस्सेदार मंजल पटेल उर्फ मिनेश पटेल व सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महिपाल यादव को गिरफ्तार किया गया है. चारों ही आरोपियों के आवास और अन्य ठिकानों पर एसीबी की अनेक टीमों ने सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. अब तक के सच में 20 लाख रुपए से अधिक की राशि बरामद हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: भरतपुर में 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए ASI गिरफ्तार

साथ ही एसीबी मुख्यालय की ओर से अब इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्जकर आगे का अनुसंधान किया जा रहा है. कंपनी की ओर से अब तक जिन लोगों को नौकरी पर लगाया गया है, उनकी भी जांच की जा रही है. साथ ही कॉलेज प्रशासन की इस पूरे प्रकरण में भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है. कंपनी की ओर से किस तरह की प्रक्रिया को अपनाकर अभ्यर्थियों को नौकरी पर लगाया गया है. इन तमाम पहलुओं की जांच एसीबी की टीम कर रही है.

जयपुर. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अलवर अस्पताल में रिश्वत मांगे जाने के मामले में अब तक एसीबी ने अलवर, अजमेर और जोधपुर से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गुजरात के राजकोट की कंपनी एमजे सोलंकी को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नर्सिंग व अन्य कार्मिकों की भर्ती का काम सरकार की ओर से सौंपा गया है. इस पर कंपनी के लिए कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने खुली भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर अवैध रूप से रिश्वत की मांग कर लोगों की भर्ती की जाने लगी.

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एसीबी, डीजी बीएल सोनी ने बताया, भारत सरकार के अधीन संचालित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल अलवर में नर्सिंग और अन्य कार्मिकों की भर्ती का काम एमजे सोलंकी कंपनी को सौंपा गया. कंपनी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करते हुए बेरोजगार लोगों को स्थाई नियुक्ति का झांसा देकर उनसे दो लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी वसूली गई.

संविदा कर्मियों की भर्ती में रिश्वतखोरी मामले में अब तक चार लोग गिरफ्तार

साथ ही संविदाकर्मियों को सरकार की ओर से प्रतिमाह जितना वेतन मिलना तय हुआ, उस आधार पर प्रति अभ्यर्थी तीन से चार महीने की सैलरी गैंग के सदस्यों ने अवैध रूप से एडवांस के रूप में वसूली. कंपनी को 100 संविदा कर्मियों की भर्ती का काम सौंपा गया, जिसमें घोटाला करते हुए रिश्वत की मांग कर पात्र अभ्यर्थी को नौकरी न देकर रिश्वत देने वाले व्यक्ति को नौकरी पर लगाया गया. इसके अलावा भी कंपनी को 600 से 700 अन्य कर्मचारियों की भर्ती का काम भारत सरकार की ओर से सौंपा गया है.

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एसीबी इंटेलिजेंस की सूचना पर दी गई पूरी कार्रवाई को अंजाम

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया, संविदा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में किए जा रहे घोटाले की सूचना मिलने पर एसीबी इंटेलिजेंस की टीम उसे डेवलप करने में जुट गई. एसीबी इंटेलिजेंस की सूचना पर ही इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अलवर, अजमेर और जोधपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के फील्ड इंचार्ज भरत पूनिया, सुपरवाइजर कानाराम चौधरी, हिस्सेदार मंजल पटेल उर्फ मिनेश पटेल व सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महिपाल यादव को गिरफ्तार किया गया है. चारों ही आरोपियों के आवास और अन्य ठिकानों पर एसीबी की अनेक टीमों ने सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. अब तक के सच में 20 लाख रुपए से अधिक की राशि बरामद हो चुकी है.

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साथ ही एसीबी मुख्यालय की ओर से अब इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्जकर आगे का अनुसंधान किया जा रहा है. कंपनी की ओर से अब तक जिन लोगों को नौकरी पर लगाया गया है, उनकी भी जांच की जा रही है. साथ ही कॉलेज प्रशासन की इस पूरे प्रकरण में भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है. कंपनी की ओर से किस तरह की प्रक्रिया को अपनाकर अभ्यर्थियों को नौकरी पर लगाया गया है. इन तमाम पहलुओं की जांच एसीबी की टीम कर रही है.

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