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राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. श्यामलाल को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और प्रख्यात समाजशास्त्री प्रो. श्यामलाल को दलित समाजशास्त्र के विकास एवं प्रसार के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (Professor Shyamlal receives Lifetime Achievement Award) से नवाजा गया है. उन्हें यह सम्मान मुंबई विश्वविद्यालय में आयोजित 46वें भारतीय समाजशास्त्र परिषद के वार्षिक सम्मेलन (46th Annual Conference of the Sociology Council of India) में दिया गया है.

Former VC of RU Shyamlal
Former VC of RU Shyamlal
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Published : Jan 6, 2022, 5:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और प्रख्यात समाजशास्त्री प्रो. श्यामलाल को दलित समाजशास्त्र के विकास एवं प्रसार के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (Professor Shyamlal receives Lifetime Achievement Award) से नवाजा गया है. उन्हें यह सम्मान मुंबई विश्वविद्यालय में आयोजित 46वें भारतीय समाजशास्त्र परिषद के वार्षिक सम्मेलन (46th Annual Conference of the Sociology Council of India) में दिया गया है. प्रो. श्यामलाल जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर और पटना विश्वविद्यालय, पटना के भी कुलपति रहे हैं.

समाजशास्त्र में विलक्षण और विद्वत्तापूर्ण योगदान को देखते हुए प्रो. श्यामलाल को कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं. कर्नाटक के मैसूर विश्वविद्यालय में भी पूर्व में आयोजित भारतीय समाजशास्त्र परिषद के वर्ष 2013 में आयोजित 39वें आयोजन में भी उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जा चुका है.

पढ़ें- Kalraj Mishra On Online Education: कहा- ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क ऑनलाइन शिक्षा के लिए गंभीर प्रयास जरूरी

प्रो. श्यामलाल अब तक 23 से ज्यादा शोधग्रंथ, दलित नेतृत्व का संकट, दलित आंदोलन, दलित राजनीति, दलित गतिशीलता, डॉ. अंबेडकर एवं दलित समाज आदि विषयों पर लिख चुके हैं. कई प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में उनके 50 से ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं.

श्यामलाल को राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. भारत सरकार के आईसीएसएसआर की ओर से प्रो. श्यामलाल को डॉ. भीमराव अंबेडकर नेशनल फैलोशिप 2003-04 और 2004-05 में दी गई थी. वे राजस्थान सरकार के कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के अंबेडकर फाउंडेशन के पांडुलेखन समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे राजस्थान विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और प्रख्यात समाजशास्त्री प्रो. श्यामलाल को दलित समाजशास्त्र के विकास एवं प्रसार के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (Professor Shyamlal receives Lifetime Achievement Award) से नवाजा गया है. उन्हें यह सम्मान मुंबई विश्वविद्यालय में आयोजित 46वें भारतीय समाजशास्त्र परिषद के वार्षिक सम्मेलन (46th Annual Conference of the Sociology Council of India) में दिया गया है. प्रो. श्यामलाल जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर और पटना विश्वविद्यालय, पटना के भी कुलपति रहे हैं.

समाजशास्त्र में विलक्षण और विद्वत्तापूर्ण योगदान को देखते हुए प्रो. श्यामलाल को कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं. कर्नाटक के मैसूर विश्वविद्यालय में भी पूर्व में आयोजित भारतीय समाजशास्त्र परिषद के वर्ष 2013 में आयोजित 39वें आयोजन में भी उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जा चुका है.

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प्रो. श्यामलाल अब तक 23 से ज्यादा शोधग्रंथ, दलित नेतृत्व का संकट, दलित आंदोलन, दलित राजनीति, दलित गतिशीलता, डॉ. अंबेडकर एवं दलित समाज आदि विषयों पर लिख चुके हैं. कई प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में उनके 50 से ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं.

श्यामलाल को राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. भारत सरकार के आईसीएसएसआर की ओर से प्रो. श्यामलाल को डॉ. भीमराव अंबेडकर नेशनल फैलोशिप 2003-04 और 2004-05 में दी गई थी. वे राजस्थान सरकार के कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के अंबेडकर फाउंडेशन के पांडुलेखन समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे राजस्थान विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं.

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