जयपुर. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. उन्हें हल्के बुखार की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया है. 88 वर्षीय मनमोहन सिंह कोरोना वायरस वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं. मनमोहन सिंह के संक्रमित होने की खबर मिलने के बाद उनके ठीक होने के लिए दुआ की जा रही है.

पढ़ें- राजस्थान में 'जन अनुशासन पखवाड़ा', जानें कहां मिली है छूट
सीएम अशोक गहलोत ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है, उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है जहां उनका उपचार चल रहा है.
बता दें, मनमोहन सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं. वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं. इससे पहले वे विदेश मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर भी रह चुके हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए रविवार को पांच उपाय सुझाते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पत्र लिखा और इस बात पर जोर दिया है कि महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण तथा दवाओं की आपूर्ति बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चाहिए. उन्होंने ये सुझाव भी दिये कि दवा निर्माताओं के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान लागू किये जाने चाहिए और राज्यों को टीकाकरण के लिए अग्रिम मोर्चे के लोगों की श्रेणी तय करने में छूट देनी चाहिए ताकि 45 साल से कम उम्र के ऐसे लोगों को भी टीके लग सकें.
सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट
वहीं, मनमोहन सिंह के पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने जनहित में सरकार को वैक्सीन को लेकर सकारात्मक सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. इसमें सरकार की कोई आलोचना नहीं थी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की ओर से राजनीति से प्रेरित होकर जिस तरह मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है वो दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी केन्द्र सरकार को सुझाव देता है तो वे इसे आलोचना समझकर बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. ऐसा लगता है कि ये जानते हैं कि इनसे गलतियां हुईं हैं और अपराध बोध से ग्रसित हैं.