जयपुर. पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन बुधवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से रूबरू हुये. बता दें कि उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया था. मीडिया से बात करते हुये कन्नन गोपीनाथन ने कहा अनुच्छेद 370 से कश्मीर के लोगों का अटैचमेंट था.
उन्होंने साफ कहा कि देश को बांट कर हम देश नहीं बना सकते. अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद खत्म होने की बात कही गयी थी, जैसे कि आतंकवादी संविधान और अनुच्छेद 370 पढ़कर आता है. उन्होंने कहा कि देश बहुत आगे बढ़ चुका है, यदि हम 1950 के एजेंडे पर ही चलेंगे तो हम देश को आगे नहीं पीछे धकेलेगें.
कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि झारखंड, बिहार, राजस्थान में अनुच्छेद 370 नहीं है, इसके बावजूद वहां विकास नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि एक बार निर्णय लेने के बाद जस्टिफिकेशन के तौर पर जो कारण बताए जा रहे हैं वही कारण मोदी सरकार बता रही है. अगर आपको अनुच्छेद 370 हटाना ही था तो वहां के लोगों की राय लेते और संवैधानिक तरीके से हटाते.
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पूर्व आईएएस ने कहा कि यदि कोई भी निर्णय आप जोर जबरदस्ती से इंप्लीमेंट करेंगे, तो देश का बंटवारा ही करोगे. अनुच्छेद 370 हटा कर संवाद के सभी रास्ते फेसबुक व्हाट्सएप इंटरनेट, सिम सब बंद कर दिया. लोग सड़कों पर उतरे किसी ने भी इसका कारण नहीं जाना सवाल नहीं पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है. चुने हुये जनप्रतिनिधियों को जेल में बंद कर दिया. उस समय हमें उनके साथ खड़ा होना चाहिए था.
कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से क्या फायदा हुआ. जहां से हटाया उन लोगों को दुख पहुंचा, दूसरे लोग परेशान हुए. सरकार यह कहती है कि हमने कहा था इसलिए किया. यह तरीका लोकतंत्र में किसी भी मायने में सही नहीं है. इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा पहले नागरिक सरकार चुनते थे, अब सरकार नागरिकता चुनेगी.