जयपुर. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई गुरुवार को अरण्य भवन पहुंचे. जहां उन्होंने कैमरा सर्विलांस कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया. साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे कैमरों के जरिए जंगलों की निगरानी रखने के निर्देश दिए. वन मंत्री ने कहा कि आठ- आठ घंटे के लिए 3 कर्मचारियों की ड्यूटी कंट्रोल रूम में लगाई जाए ताकि पल पल की अपडेट मिलती रहे और जंगल में होने वाली गलत गतिविधियों पर तुरंत एक्शन लिया जा सके.
अधिकारियों ने वन मंत्री को झालाना, सरिस्का, रणथंबोर, मुकुंदरा हिल्स जंगल की लाइव स्कोर दिखाएं. साथ ही डीओआईटीसी की ज्वाइंट डायरेक्टर सोनिया चतुर्वेदी और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने वन मंत्री को फीडबेक दिया. वन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि सर्विलांस कैमरों की सहायता से लगातार जंगलों की मॉनिटरिंग की जा रही है और वन्यजीवों के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. किसी भी तरह से कोई गलत गतिविधि नजर आने पर विभाग की ओर से तुरंत एक्शन लिया जाता है.
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वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि कैमरा सर्विलांस सेंटर में आठ-आठ घंटे के लिए 3 कर्मचारियों की डयूटी लगाने के निर्देश दिए हैं. ताकि जंगल में किसी भी प्रकार की कोई घटना हो तो उसकी सूचना तुरंत अधिकारियों को मिल सके. प्रदेश भर के विभिन्न जंगलों में 56 कैमरा के जरिए निगरानी रखी जा रही है जंगलों से पेड़ काटने और वन्यजीवों को परेशान करने सहित कई घटनाएं कैमरों के माध्यम से मिल जाती है. जिससे तुरंत प्रभाव से एक्शन लिया जाता है.
वन मंत्री ने कहा कि सर्विलांस कैमरे में अभी मैन्युअल ऑप्शन है जल्द ही ऑटोमेटिक कर दिया जाएगा. जिससे जंगल में होने वाली घटनाओं की जानकारी भी ऑटोमेटिक वन विभाग के अधिकारियों को मोबाइल पर मिल सकेगी.
सांभर झील में हुए पक्षियों की मौत को लेकर ये कहा
सांभर झील में हुई पक्षियों की मौत के मामले पर वन मंत्री ने कहा कि अभी तक करीब 17 हजार पक्षियों की मौत के आंकड़े सामने आए हैं. पक्षियों को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. वन विभाग के प्रयासों से अब पक्षियों के मौत का आंकड़ा कम होता जा रहा है. जल्द इस पर काबू पा लिया जाएगा. साथ ही घायल पक्षियों का भी नियमित इलाज किया जा रहा है और स्वस्थ होने के बाद उन्हें वापस झील में छोड़ा जा रहा है.
उन्होंने बताया कि सांभर साल्ट भारत सरकार के अधीन है. सांभर झील के पास में बने रिसोर्ट पिछली वसुंधरा सरकार ने एक निजी ग्रुप के हाथों में दे दिए थे. लेकिन रिसोर्ट वालों ने भी पक्षियों के मामले पर कोई सूचना नहीं दी. समय पर सूचना मिलती तो जल्द रेस्क्यू शुरू कर दिया जाता.
बता दें कि वन मंत्री, सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक में शामिल होने अरण्य भवन पहुंचे थे. बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री के साथ सीएस डीबी गुप्ता, वन एवं पर्यटन की प्रमुख सचिव प्रमुख श्रेया गुहा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेस दीपक भटनागर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में सांभर झील में हो रही पक्षियों की मौत के मामले पर विभिन्न उपायों को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही वन विभाग की कई बड़ी योजनाओं को लेकर भी सीएम गहलोत ने चर्चा की.