जयपुर. प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है. वन विभाग की ओर से हर साल मानसून में पौधारोपण किया जाता है. इस बार भी वन विभाग की ओर से पौधारोपण और वितरण को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन कितनी तैयार हैं विभाग की नर्सरियां. देखिये जयपुर से ये रिपोर्ट...
जयपुर में करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार...
जयपुर में वन विभाग की नर्सरियों में करीब 1.5 लाख पौधे तैयार किए गए हैं. जयपुर की मनसा माता नर्सरी, चिमनपुरा नर्सरी, बालाजी नर्सरी, जवाहर नगर नर्सरी, सिल्वन नर्सरी, दहमी कला नर्सरी और कालवाड़ नर्सरी में छायादार, फलदार और सजावटी पौधे तैयार किए गए हैं. जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश की बात की जाए तो करीब एक करोड़ से भी अधिक छायादार फलदार और सजावटी पौधे तैयार किए गए हैं.
50 से ज्यादा वैरायटी के पौधे तैयार...
इन नर्सरियों में करीब डेढ़ लाख पौधे वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इनमें नीम, शीशम, अरडू, जामुन, बिल्वपत्र, अशोक, पीपल, बरगद, पपीता, अनार, अमरूद, आम, गुलाब, मोगरा, चांदनी, कनेर समेत पौधों की करीब 50 से भी अधिक वैरायटी तैयार की गई है. इसके साथ ही बन विभाग की नर्सरियो में घर-घर औषधि योजना के तहत औषधीय पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं. वन विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से औषधीय पौधों का वितरण करेगा.
एसीएफ गजनफर अली ने बताया कि नाहरगढ़ सेंचुरी में दो नर्सरी हैं. एक चिमनपुरा और दूसरी मनसा माता नर्सरी है. मनसा माता नर्सरी में एक दिन में ही करीब ढाई हजार पौधे बिके हैं. लोगों में पौधारोपण को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. मनसा माता नर्सरी में करीब 23,000 पौधे तैयार किए गए हैं. वन विभाग की दो स्कीम है, कैंपा योजना और फार्म वन विद्या. कैंपा के पौधे काफी समय से वितरण किए जा रहे हैं. फार्म विद्या के पौधे भी अब शुरू किए जाएंगे.
मानसून में पौधारोपण को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. ज्यादा से ज्यादा पौधे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. पौधारोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण हो. घर के आस पास बहुत सारी थारी जगह पड़ी रहती है. ऐसी जगह पर लोगों को पौधे लगानी चाहिए. अपने घर और क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधों का आवरण इकट्ठा करना पड़ेगा. फार्म वन विद्या योजना के तहत नर्सरी में गुलाब, मोगरा, वोगन वेली, अमरूद और अन्य शोभाकारी पौधे तैयार किए गए हैं. इस तरह के पौधे लोगों को ज्यादा पसंद आते हैं. इसके अलावा नीम, अमलतास, गुलमोहर समेत अन्य छायादार पौधे भी तैयार किए गए हैं.
कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को समझाया पेड़-पौधों का महत्व...
एसीएफ गजनफर अली ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में सभी ने देखा है कि ऑक्सीजन की कितनी किल्लत हुई. जिसके बाद लोगों में पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ा है. अब लोग भी चाहने लगे हैं कि आसपास में पेड़-पौधे लगाएं. कोरोना की दूसरी लहर में हुई ऑक्सीजन की किल्लत के बाद लोगों को भी पेड़-पौधों का महत्व समझ आया है.
वन विभाग की घर-घर औषधि योजना...
उन्होंने बताया कि वन विभाग की एक और योजना शुरू हुई है, जो कि 5 साल तक चलेगी. जिसका नाम है घर-घर औषधि योजना. घर-घर औषधि योजना के तहत 4 औषधीय पौधे तैयार किए जा रहे हैं. कालमेघ, अश्वगंधा, तुलसी और गिलोय के पौधे घर-घर में लगाए जाएंगे. वन विभाग की ओर से औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे.
जानकारी के अनुसार 5 साल की घर-घर औषधि योजना के तहत 30 करोड़ 36 लाख औषधीय पौधे बांटे जाएंगे. 5 साल में हर परिवार को 3 बार में 4 तरह के औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे. एक परिवार को 24 पौधे नि:शुल्क मिलेंगे.
ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें...
वन विभाग की ओर से आमजन से अपील की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें. अपने घर के आस-पास और रोडसाइड पौधे लगाकर देश को हरा-भरा बनाने में योगदान दें. पौधारोपण से ऑक्सीजन की कमी भी दूर होगी और शुद्ध वातावरण मिलेगा. इसके साथ ही पेड़-पौधों और हरियाली से कई फायदे होंगे.
वन विभाग की ओर से नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे पौधे...
प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग की ओर से लोगों को नि:शुल्क पौधे भी वितरित किए जाएंगे. प्रदेश में वन विभाग की 550 से ज्यादा नर्सरियां हैं, जिनमें पौधे तैयार किए गए हैं. 1 जुलाई से पौधा वितरण का काम शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही वन विभाग की ओर से हर साल की तरह मानसून में पौधारोपण किया जाएगा.