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विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार में छूट पर ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ ने जताया विरोध

कोरोना वायरस के चलते सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. ऐसे में सरकार ने कुछ जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी उद्योग धंधों पर प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन लॉकडाउन में चंद विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की सरकार की ओर से छूट दी गई है. जिसको लेकर ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के लोगों ने सवाल उठाए हैं.

जयपुर की खबर, jaipur news
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की छूट
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Published : Apr 19, 2020, 7:48 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान समेत पूरा देश लॉकडाउन है. लॉकडाउन में खाद्य, मेडिकल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के व्यापार और सभी उद्योग धंधों पर प्रतिबंध लगाया गया है. खास बात ये है कि लॉकडाउन में चंद विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की सरकार की ओर से छूट दी गई है. ऐसे में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की छूट दिए जाने पर ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के आह्वान पर तमाम व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध जताया है. व्यापारियों ने लॉकडाउन में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार किए जाने पर सवाल उठाया है. व्यापारियों ने सरकार से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार प्रतिबंधित किए जाने की मांग की है.

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की छूट

व्यापारियों की मानें तो राजस्थान में लाखों व्यापारियों का इससे नुकसान हो रहा है. भारत का रुपया ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से विदेशों में जा रहा है. लिहाजा लॉकडाउन तक सरकार उन पर प्रतिबंध लगाए. यहीं नहीं व्यापारियों ने केंद्र सरकार की ओर से 3 महीने तक लोन और अनसिक्योर्ड लोन को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में पुनर्विचार करने की अपील की है.

पढ़ें- कांग्रेस के नेता वोट बैंक की राजनीति कर गरीबों की भावनाओं का मजाक बना रहे हैं: वसुंधरा राजे

ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ ने सरकार से मांग की है कि 3 महीने तक लोन की ईएमआई को पूरी तरह खत्म की जाए और लोन में लिए जाने वाले ब्याज में छूट देकर रियायत दी जाए. 3 महीने तक व्यापारियों का कारोबार ठप हो चुका है. ऐसे में व्यापारी वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए शीघ्र सभी मांगों को पूरा किए जाने की मांग की है. हालांकि लॉकडाउन में सभी व्यापारी फेसबुक, ट्विटर समेत सोशल मीडिया के जरिए लगातार सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे है

ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष किशोर कुमार टांक ने बताया कि सरकार की ओर से आपने घरेलू खुदरा व्यापारियों के हितों को अनदेखा कर विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से एक गैर आवश्यक वस्तुओं को ऑनलाइन के माध्यम से विक्रय करने की अनुमति प्रदान की गई है.

उन्होंने कहा कि गर्मी के सीजन के चलते व्यापारियों ने एयर कंडीशनर, कूलर, फ्रीज, पंखे, रेडीमेड गारमेंट्स, मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य सामान का स्टॉक खरीद कर अपने गोदाम में रख लिया है. जिसे वह लॉकडाउन के चलते बेच नहीं पा रहे हैं. अगर ई-कॉमर्स कंपनियां लॉकडाउन के दौरान ये सब सामान बेचेगी तो खुदरा व्यापारी पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगा.

चार कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की अनुमति दी गई है जिससे पूरा देश का पैसा बाहर चला जाएगा. इससे देश के करोड़ों व्यापारियों को नुकसान होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि विदेशी स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की अनुमति नहीं दी जाए.

पढ़ें- अंबेडकर जयंती पर किरोड़ी लाल मीणा ने SC/ST के लिए मुख्यमंत्री से की ये विशेष मांग

ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के उपाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि व्यापारी से लेकर उद्योग जगत में व्यापार को बढ़ाने के लिए बैंक लोन के अलावा समानांतर ऋण साहूकारों से भी लिया जाता है. इस तरह का ऋण हजारों से लेकर करोड़ों रुपए तक का होता है. जिसके ब्याज पर भारी रकम टीडीएस के रूप में सरकार को जमा करवाई जाती है. कोरोना महामारी की वजह से व्यापारी और उद्योगपति के हालात दिवालिया होने के कगार पर है.

साथ ही कहा कि उद्योग धंधे नहीं चलने और कोरोना महामारी के चलते व्यापारी के पास लोन चुकाने के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार ने ईएमआई के लिए 3 माह की छूट दी है, लेकिन इस वक्त व्यापारियों के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है. जिसकी वजह से 3 माह बाद एक साथ व्यापारी पर किस्त चुकाने का भार पड़ेगा.

ऐसे में व्यापारियों के लिए आर्थिक पैकेज देने की काफी आवश्यकता है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बिना ब्याज कम से कम 2 वर्ष की ऋण चुकाने की छूट दी जाए. देश के वर्तमान आर्थिक हालात को देखते हुए इस विषय पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र ही व्यापारियों के हित में कोई ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है.

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान समेत पूरा देश लॉकडाउन है. लॉकडाउन में खाद्य, मेडिकल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के व्यापार और सभी उद्योग धंधों पर प्रतिबंध लगाया गया है. खास बात ये है कि लॉकडाउन में चंद विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की सरकार की ओर से छूट दी गई है. ऐसे में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की छूट दिए जाने पर ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के आह्वान पर तमाम व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध जताया है. व्यापारियों ने लॉकडाउन में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार किए जाने पर सवाल उठाया है. व्यापारियों ने सरकार से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार प्रतिबंधित किए जाने की मांग की है.

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की छूट

व्यापारियों की मानें तो राजस्थान में लाखों व्यापारियों का इससे नुकसान हो रहा है. भारत का रुपया ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से विदेशों में जा रहा है. लिहाजा लॉकडाउन तक सरकार उन पर प्रतिबंध लगाए. यहीं नहीं व्यापारियों ने केंद्र सरकार की ओर से 3 महीने तक लोन और अनसिक्योर्ड लोन को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में पुनर्विचार करने की अपील की है.

पढ़ें- कांग्रेस के नेता वोट बैंक की राजनीति कर गरीबों की भावनाओं का मजाक बना रहे हैं: वसुंधरा राजे

ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ ने सरकार से मांग की है कि 3 महीने तक लोन की ईएमआई को पूरी तरह खत्म की जाए और लोन में लिए जाने वाले ब्याज में छूट देकर रियायत दी जाए. 3 महीने तक व्यापारियों का कारोबार ठप हो चुका है. ऐसे में व्यापारी वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए शीघ्र सभी मांगों को पूरा किए जाने की मांग की है. हालांकि लॉकडाउन में सभी व्यापारी फेसबुक, ट्विटर समेत सोशल मीडिया के जरिए लगातार सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे है

ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष किशोर कुमार टांक ने बताया कि सरकार की ओर से आपने घरेलू खुदरा व्यापारियों के हितों को अनदेखा कर विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से एक गैर आवश्यक वस्तुओं को ऑनलाइन के माध्यम से विक्रय करने की अनुमति प्रदान की गई है.

उन्होंने कहा कि गर्मी के सीजन के चलते व्यापारियों ने एयर कंडीशनर, कूलर, फ्रीज, पंखे, रेडीमेड गारमेंट्स, मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य सामान का स्टॉक खरीद कर अपने गोदाम में रख लिया है. जिसे वह लॉकडाउन के चलते बेच नहीं पा रहे हैं. अगर ई-कॉमर्स कंपनियां लॉकडाउन के दौरान ये सब सामान बेचेगी तो खुदरा व्यापारी पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगा.

चार कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की अनुमति दी गई है जिससे पूरा देश का पैसा बाहर चला जाएगा. इससे देश के करोड़ों व्यापारियों को नुकसान होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि विदेशी स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की अनुमति नहीं दी जाए.

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ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के उपाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि व्यापारी से लेकर उद्योग जगत में व्यापार को बढ़ाने के लिए बैंक लोन के अलावा समानांतर ऋण साहूकारों से भी लिया जाता है. इस तरह का ऋण हजारों से लेकर करोड़ों रुपए तक का होता है. जिसके ब्याज पर भारी रकम टीडीएस के रूप में सरकार को जमा करवाई जाती है. कोरोना महामारी की वजह से व्यापारी और उद्योगपति के हालात दिवालिया होने के कगार पर है.

साथ ही कहा कि उद्योग धंधे नहीं चलने और कोरोना महामारी के चलते व्यापारी के पास लोन चुकाने के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार ने ईएमआई के लिए 3 माह की छूट दी है, लेकिन इस वक्त व्यापारियों के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है. जिसकी वजह से 3 माह बाद एक साथ व्यापारी पर किस्त चुकाने का भार पड़ेगा.

ऐसे में व्यापारियों के लिए आर्थिक पैकेज देने की काफी आवश्यकता है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बिना ब्याज कम से कम 2 वर्ष की ऋण चुकाने की छूट दी जाए. देश के वर्तमान आर्थिक हालात को देखते हुए इस विषय पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र ही व्यापारियों के हित में कोई ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है.

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