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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा- वर्तमान समय में जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत - Food Minister Ramesh Meena

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि वर्तमान समय में जैविक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

Food Minister Ramesh Meena,  World Food Security Day
जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत
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Published : Jun 8, 2020, 4:01 AM IST

जयपुर. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने रविवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर कहा कि दुनिया भर के देशों की सरकारें अपने नागरिकों को खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पुरजोर तरीके से कार्य कर रही है. इसी दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसी उद्देश्य के साथ विभाग कार्य कर रहा है.

खाद्य मंत्री बोले- जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की ओर से दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी आबादी वर्तमान में कोरोना महामारी से प्रभावित है. आमजन को सुरक्षा प्रदान करना अधिक महत्वपूर्ण है.

पढ़ें- दीया कुमारी के आरोपों पर दानिश अबरार का पलटवार, कहा- अनर्गल बयानबाजी करके भ्रष्टाचारियों का साथ मत दो

जैविक खेती को बढ़ावा देने की है जरूरत

खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में खाद्यान्न उगाया जा रहा है. उसमें रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है. ऐसे में जैविक खेती को वर्तमान समय में बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में खान पान की वस्तुओं में जिस प्रकार से मिलावट हो रही है, वह चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार से सख्त कानून बनाने के लिए कह चुके हैं.

कोरोना काल मे निशुल्क गेहूं का वितरण

खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोरोना काल में राज्य सरकार की ओरे से निशुल्क गेहूं का वितरण किया गया. इस पर सरकार की ओर से 114 करोड़ रुपए का भार वहन किया गया है. प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि के दौरान 3 करोड़ से अधिक ड्राई राशन पैकेट और पकी हुई खाद्य सामग्री का वितरण भी किया गया.

पढ़ें- EXCLUSIVE: राज्यसभा चुनाव में हमारे पास खोने को कुछ नहीं... लेकिन पाने को बहुत कुछ है- सतीश पूनिया

तीन गुना गेहूं का उठाव कर आमजन को दी राहत

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रदेश में आमजन को कोरोना काल में खाद्य सुरक्षा के लिए सामान्य दिनों से 3 गुना गेहूं का उठाव कर दोगुना गेहूं का वितरण कर राहत प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कालाबाजारी, जमाखोरी और एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई कर आमजन को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई.

जयपुर. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने रविवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर कहा कि दुनिया भर के देशों की सरकारें अपने नागरिकों को खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पुरजोर तरीके से कार्य कर रही है. इसी दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसी उद्देश्य के साथ विभाग कार्य कर रहा है.

खाद्य मंत्री बोले- जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की ओर से दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी आबादी वर्तमान में कोरोना महामारी से प्रभावित है. आमजन को सुरक्षा प्रदान करना अधिक महत्वपूर्ण है.

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जैविक खेती को बढ़ावा देने की है जरूरत

खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में खाद्यान्न उगाया जा रहा है. उसमें रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है. ऐसे में जैविक खेती को वर्तमान समय में बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में खान पान की वस्तुओं में जिस प्रकार से मिलावट हो रही है, वह चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार से सख्त कानून बनाने के लिए कह चुके हैं.

कोरोना काल मे निशुल्क गेहूं का वितरण

खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोरोना काल में राज्य सरकार की ओरे से निशुल्क गेहूं का वितरण किया गया. इस पर सरकार की ओर से 114 करोड़ रुपए का भार वहन किया गया है. प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि के दौरान 3 करोड़ से अधिक ड्राई राशन पैकेट और पकी हुई खाद्य सामग्री का वितरण भी किया गया.

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तीन गुना गेहूं का उठाव कर आमजन को दी राहत

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रदेश में आमजन को कोरोना काल में खाद्य सुरक्षा के लिए सामान्य दिनों से 3 गुना गेहूं का उठाव कर दोगुना गेहूं का वितरण कर राहत प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कालाबाजारी, जमाखोरी और एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई कर आमजन को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई.

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