जयपुर. एनसीटीई की गाइडलाइन का विरोध कर रहे बीएसटीसी के अभ्यर्थी 2 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. बीएसटीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुलिस ने धरना स्थल पर उनका खाना नहीं आने दिया जिसके कारण वह भूखे रहने को मजबूर हैं. पानी भी बंद कर दिया. दूसरी ओर राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ की ओर से सरकार को चेतावनी दी गई है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो वे अपने परिवारों के साथ धरनास्थल पर ही दीवाली मनाएंगे.
बीएसटीसी के छात्र एनसीटीई की गाइडलाइन का विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग हैं कि सरकार उनके मामले को लेकर कोर्ट में मजबूत पैरवी करे ताकि उन्हें न्याय मिल सके. बीएसटीसी के अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि शहीद स्मारक पर आंदोलन के दौरान विधायक पुरी पुलिस उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है. उन्होंने सरकार और पुलिस पर आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया. पुलिस यहां आकर हमारा माइक छीनती है, हमें दरी नहीं बिछाने देती और कभी लाइट बन्द कर देते हैं. पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर हमारा खाना रोक दिया और आज पानी के टैंकर को भी नहीं आने दिया.
बीएसटीसी संघर्ष समिति के सदस्य महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि जितना प्रशासन हम लोगों पर जुर्म करेगा, उतनी ही मजबूती से हम आंदोलन करेंगे. आज साढ़े 4 लाख परिवार खतरे में हैं. एनसीटीई काला कानून लेकर आई है. हम लोग यहां भगवान राम की तरह वनवास काट रहे हैं. जब हमारी मांग पूरी हो जाएगी तभी हम घर जाकर दीवाली मनाएंगे.
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ की ओर से सरकार को चेतावनी दी गई है कि वे धरनास्थल शहीद स्मारक पर ही दीवाली मनाएंगे. आज कुछ परिवारों के बच्चे भी आन्दोलन में शामिल हुए हैं और यह संख्या दीवाली पर बढ़ेगी. प्रदेश में 27000 ग्राम पंचायत सहायकों को नियमित किया जाना है और इतने ही परिवारों के हजारों सदस्य दीवाली पर शहीद स्मारक पर आंदोलन में शामिल होंगे और सरकार के सामने अपनी मांग रखेंगे. परिवार अपने साथ घर के पशु भी लेकर आएंगे और इसके लिए वाहनों को भी बुक कर लिया है.
ग्राम पंचायत सहायकों की मांग है कि नियमितीकरण या समायोजन किए जाने तक न्यूनतम मानदेय 17700 रुपए किया जाए. नवसृजित नगरपालिका बनाए जाने से बाहर हुए ग्राम पंचायत सहायकों को तुरंत नई ग्राम पंचायतों में नियुक्त दी जाए. चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार पंचायत सहायकों को नियमित किया जाए.
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संघ के संयोजक रामजी पटेल ने बताया कि करौली के एक पंचायत सहायक ने आर्थिक तंगी से तंग आकर सुसाइड कर लिया और एक अन्य साथी की धरनास्थल पर तबीयत खराब हो गई. उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पटेल ने कहा कि एक ओर प्रियंका गांधी यूपी में संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में संविदाकर्मियों का शोषण किया जा रहा है.