जयपुर. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने खाद्य सुरक्षा योजना को लेकर सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में अहम बैठक ली. बैठक में कुछ विषयों को लेकर मंत्री ने नाराजगी भी जताई. वहीं, बैठक के दौरान एक अजीब वाक्या देखने को मिला. जब खाद्य सुरक्षा योजना की पात्रता की चर्चा हो रही थी तब जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जब विधायक लिख कर दे दे कि यह शख्स कच्ची बस्ती का रहने वाला है, रिक्शा चालक है या स्ट्रीट वेंडर्स है तभी उसका नाम खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल कर लेना चाहिए. वहीं, इसमें खास बात यह रही कि यह सारी बातें मंत्री रमेश मीणा के सामने ही हुई.
बता दें कि जयपुर शहर में खाद्य सुरक्षा योजना में मात्र 14 फीसदी ही नाम जुड़ पाए हैं, जबकि यहां 53 फीसदी नाम जुड़ने चाहिए. मंत्री ने पूछा कि जयपुर शहर में खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने का प्रतिशत कम क्यों है. डीएसओ ने कहा कि जब नाम जुड़वाने के लिए अपील आती है तो उसमें पात्रता के दस्तावेज पूरे नहीं होते हैं और इसके कारण अपील खारिज कर दी जाती है. इस पर महेश जोशी और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा जब विधायक यह लिखकर दे दे कि यह व्यक्ति कच्ची बस्ती में रहता है, रिक्शा चालक है या स्ट्रीट वेंडर है तो उसे खाद्य सुरक्षा योजना में स्थान मिलना चाहिए क्योंकि क्षेत्र विधायक को पता है कि जनता कहां रहती है और क्या काम करती है. बाद में फंसेगा तो विधायक फंसेगा.
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वहीं, इस पर अधिकारियों ने अपना बचाव करते हुए कहा कि इसका कोई आदेश निकल जाए या प्रोसीडिंग में इसे ले लिया जाए तो ठीक रहेगा. इस पर महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री रमेश मीणा को इसका आदेश जारी करने का आग्रह किया. मंत्री ने पूरी बात संभालते हुए कहा कि यदि खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए नियमों में शिथिलता की आवश्यकता होगी तो शिथिलता दी जाएगी.
बैठक में जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा कहा कि यदि शहरी क्षेत्र अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा है तो उसके हिस्से का गेहूं ग्रामीण क्षेत्र को दे दिया जाए. इस पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में ही खाद्य सुरक्षा के पात्र लोगों को यह गेहूं बांटा जाएगा.