जयपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल की अध्यक्षता में डोर-टू-डोर सर्वे और मेडिकल किट के कार्यों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए बैठक आयोजित हुई. इसमें जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा, ग्रेटर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव, हेरिटेज नगर निगम आयुक्त अवधेश मीणा, जेडीए सचिव हृदेश शर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर सर्वे कर मेडिकल किट का वितरण करने का निर्णय लिया गया. साथ ही डोर टू डोर सर्वे का रेट, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए.
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इस दौरान जयपुर कलेक्टर ने कहा कि विभिन्न दवाइयों, चिकित्सा उपकरण और अन्य खरीद से संबंधित प्रकरणों पर तुरंत प्रभाव से अनुमोदन किया जाएगा. उन्होंने सीएमएचओ प्रथम को ऐसे प्रस्ताव प्राथमिकता से भेजवाने के निर्देश दिए. वहीं, सीएमएचओ प्रथम ने बताया कि डोर टू डोर सर्वे के लिए 2700 कमेटियां हैं. इसमें 700 शहरी क्षेत्र में और 2000 ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. शहरी क्षेत्र में मेडिकल टीम 3 टायर सिस्टम के तहत कार्यरत है. इसमें 3 लेवल पर बीएलओ, हेल्थ वर्कर, आशा सहयोगिनी और अन्य, 2 लेवल पर सुपर विजन स्कूल लेक्चरर या समकक्ष और 1 लेवल पर उपायुक्त स्तर का अधिकारी कार्य कर रहा हैं. ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल टीम में बीडीओ, सीईओ के स्तर पर सरपंच, वार्ड सरपंच, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी और अन्य कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में 108 पीएससी और 35 सीएससी है. ग्रामीण क्षेत्रों में मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी के नाम से कमेटियां बनाई गई है. बैठक में सुझाव दिया गया कि कोविड कैंपेन में एनजीओस को भी शामिल किया जा सकता है.
वहीं, जेडीसी ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कार्य के दौरान ऑक्सीमीटर भी साथ रखने के निर्देश दिए. इसके लिए उन्होंने आरएमएससी के अधिकारियों को ऑक्सीमीटर सीएमएचओ को तुरंत उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा. ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट भी किए जाएंगे. टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले रोगियों को तुरंत उपचार या भर्ती करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर विकसित किए जाएंगे.
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बैठक में बताया गया कि हर पुलिस थाने पर एक इंसिडेंट कमांडर नियुक्त किया जाएगा. वहीं, नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर के स्तर पर भी विभिन्न कार्य किए जाएंगे. वर्तमान में जन जागरूकता कार्यक्रम, संक्रमित कचरे का निस्तारण किया जा रहा और पार्षदों द्वारा भी अपने-अपने वार्ड में कोविड कैंपेन चलाए जाने की जानकारी दी गई. जेडीसी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को आईईसी, सैनिटाइजेशन, लॉकडाउन-माइक्रो कंटेनमेंट जोन, ऑक्सीजन प्रबंधन, वेंटिलेटर, बेड प्रबंधन, मेडिसिन प्रबंधन की प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए.बैठक में बताया गया कि कोविड संक्रमण के बचाव के लिए जयपुर को 24 जोन में विभाजित किया गया है. इसमें जोन वार जेडीए और नगर निगम के उपायुक्तों को मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किया जाएगा. जयपुर शहर में 10 मोबाइल टेस्टिंग वाहन उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से शहर की 96 पीएससी को कवर करते हुए करीब एक सप्ताह में टेस्टिंग कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
शहर में कुल 21 सैंपल लैब्स है. जिनमें 3 सरकारी और 18 निजी लैब है. मेडिकल टीम द्वारा सर्वे और किट वितरण के बाद 3 दिन में फीडबैक लिया जाएगा और आवश्यक होने पर टेस्टिंग करवाई जाएगी. टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने पर दवाइयां लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह दी जाएगी. और आवश्यक होने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. वहीं, डोर टू डोर सर्वे कार्य में मेडिकल किट वितरण और लक्षण पाए जाने पर दवाई लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह देना, फीडबैक लेना और टेस्टिंग कार्य किए जाएंगे. डोर टू डोर सर्वे, मेडिकल किट का वितरण, टेस्टिंग और संपूर्ण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग जेडीए सचिव की ओर से की जाएगी.