चाकसू (जयपुर). जिले के चाकसू में बारिश से हालात खराब है. यहां अब भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है. शुक्रवार रात्रि से दिनभर हुई बारिश के बाद से क्षेत्र में जलभराव हो गया. कई तालाब बांध टूट चुके हैं. चाकसू का गोलीराव तालाब में भी सुबह से तीन-चार जगहों से रिसाव शुरू हो गया है. हालांकि प्रशासन एसडीएम ओपी सहारण, तहसीलदार अनिल चौधरी, चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी लगातार प्रशासन से संपर्क में रहते हुए जनता को हर संभव मदद का प्रयास कर रहे हैं.
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पानी में डूबे बुजुर्ग का मिट्टी में दबा मिला शव
बारिश के हालातों को देखते हुए मौके पर एसडीआरएफ सिविल डिफेंस तैनात है. बारिश के बाद मुख्यालय व कई गांवों को जोड़ने वाले रास्ते पानी भरने से अवरुद्ध हैं. इलाके में कई तालाब टूटने से ऐसी स्थितियां बनी है. जहां लोग आगमन को लेकर बीच रास्ते व टापूओं में फंसे हुए है. शुक्रवार को तेज बहाव में गांव मानसर मरख्या में एक बुजुर्ग रामू चौधरी का पानी में डूबने से सुबह उसका शव मिट्टी में दबा मिला. जिसे शिवदासपुरा पुलिस ने कब्जे में लेकर शव को महात्मा गांधी मोर्चरी रखवाया गया है.
अभी भी एक बुजुर्ग की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
वहीं शुक्रवार शाम से बुजुर्ग की तलाश में प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था. जहां सिविल डिफेंस एसडीआरएफ टीम, पुलिस प्रशासन, एसडीएम, तहसीलदार, चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी आदि मौके पर मौजूद थे. विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याओं पर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
लोग घरों से निकले को मजबूर, हर तरफ पानी ही पानी
चाकसू में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. लोग अब अपना घरों से पलायन करने लगे हैं. घर खाली कर दिए है. क्योंकि उनके घरों में पानी भर आया है. रावतावाला बांध के टूटने की वजह से उनके घर में पानी घुस गया है. जिससे वार्ड-1 सोलंकी वाली ढाणी सहित आसपास के इलाके खाली से हो गए हैं.
पलायन कर रहे ग्रामीण
वहीं लोगों का कहना है प्रशासन की सुबह तक कोई मदद नहीं मिली, मीडिया के लोगों के आने के बाद ही प्रशासन चेता है. लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों व मवेशियों को लेकर कहां जाए. हालांकि मौके पर मीडिया सूचना पाकर तहसील प्रशासन से पटवार संघ अध्यक्ष सुरेश जाट ने प्रभावित पीड़ित परिवार के लोगों को खाने के पैकेट्स वितरित किए, लेकिन लोगों के लिए इतना कुछ राहत देने वाला नहीं था.
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प्रशासन ने जलभराव को लेकर सजगता दिखाई होती... तो नहीं आती ये नौबत
अगर समय रहते ही प्रशासन आने वाली बारिश व तालाब, डेम आदि के जलभराव को लेकर सजगता दिखाता तो आज ये हालात ऐसे नहीं होते. पीड़ित लोगों ने प्रशासन पर लापरवाह होने का आरोप लगाया है. अब इलाके में बने बाढ़ जैसे हालत का प्रशासन पूरे तौर से जिम्मेदार है. हालांकि प्रशासन लोगों तक राहत पहुंचाने का दावा कर रहा है. लेकिन तस्वीरे सभी दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.