जयपुर. कोरोना वायरस ने पूरे देश के यातायात सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित किया है. ट्रेनों, बसों का संचालन सामान्य नहीं हुआ है. हवाई संचालन पर भी कोरोना का असर देखा जा रहा है. लगातार यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है. जिसके चलते या तो एयलाइंस ने उड़ानों को रद्द कर दिया है या उनकी संख्या पहले से काफी कम हो गई है. राजस्थान के प्रमुख एयरपोर्टस पर फ्लाइट्स का संचालन सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम है.
देशभर में 22 मार्च को पहली बार एक दिन का लॉकडाउन सरकार की तरफ से लगाया गया था. जिसके बाद 24 मार्च की रात 12 बाहर बजे से पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया. जिसके बाद एक झटके में जो जहां था वो वहीं फंस गया. यातायात के सभी माध्यम बंद हो गए. ट्रेन, बस यहां तक की हवाई यात्रा पर भी रोक लगा दी गई. लेकिन अनलॉक के बाद हवाई यातायात शुरू हुआ. 25 मई से घरेलू उड़ानों को सरकार ने मंजूरी दे दी. लेकिन उसके बाद भी प्रदेश के प्रमुख एयरपोर्टस पर फ्लाइट्स के संचालन की क्या स्थिति है. आइए जानते हैं.
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जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना 5 फ्लाइट्स हो रही हैं रद्द
सामान्य दिनों में जयपुर एयरपोर्ट से 62 विमानों की आवाजाही होती थी. अनलॉक में घरेलू उड़ान शुरू होने के बाद एयरपोर्ट से 25 फ्लाइट का ही संचालन शुरू हुआ. जिसमें से रोजाना 5 फ्लाइट्स रद्द हो रही हैं. फ्लाइट्स के रद्द होने के पीछे एयरलाइंस की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि लगातार यात्रियों की संख्या कम हो रही है. जिसके चलते फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ रहा है.
3 महीने में 600 उड़ानें रद्द
जयपुर एयरपोर्ट पर अनलॉक के बाद लगातार एयरलाइंस की तरफ से यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए फ्लाइट्स का संचालन रद्द किया जा रहा है. पिछले 3 महीनों में अकेले जयपुर एयरपोर्ट पर 600 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं. स्पाइसजेट ने चार शहरों के लिए फ्लाइट्स का संचालन बंद कर दिया तो एयर इंडिया ने दिल्ली जाने वाले आधे दर्जन विमानों को मर्ज कर दिया. जिसके बाद यात्रियों को दिल्ली जाने के लिए पहले इंदौर, पुणे, लखनऊ, अहमदाबाद जैसे शहरों से होकर दिल्ली जाना पड़ता है. घूम के जाने से यात्रियों को 2 से 3 घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है.
प्रदेश के प्रमुख एयरपोर्टस की स्थिति
जैसलमेर एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानों पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर देखा गया है. फिलहाल एयरपोर्ट से एक भी फ्लाइट का संचालन नहीं हो रहा है. जहां सामान्य दिनों में अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, मुंबई और दिल्ली के लिए उड़ानें संचालित होती थी. वहीं अनलॉक के बाद जैसलमेर से केवल एक ही फ्लाइट का संचालन शुरू हुआ था जिसे 12 जुलाई के बाद बंद कर दिया गया.
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बीकानेर एयरपोर्ट से केवल 50 यात्री कर रहे हैं यात्रा
बीकानेर से अनलॉक के बाद केवल दिल्ली के लिए ही एक फ्लाइट का संचालन शुरू हुआ है. एयरपोर्ट से रोजाना अधिकतम 50 यात्री ट्रैवल कर रहे हैं. जबकि 24 सीटें खाली जा रही हैं. इसके अलावा जयपुर के लिए यहां से कोई विमान सेवा संचालित नहीं है. ऐसे में जयपुर बीकानेर की एयर कनेक्टिविटी टूट गई है.
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर ठीक-ठाक है यात्री भार
किशनगढ़ एयरपोर्ट से हैदराबाद, इंदौर, अहमदाबाद और दिल्ली के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं. दिल्ली जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिली है. लेकिन दूसरे शहरों से यात्री भार अच्छा खासा है. एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि ट्रेनों की कनेक्टिविटी बंद होने से यहां आने वाले कारोबारियों को हवाई सेवा रास आ रही है. इस वजह से किशनगढ़ एयरपोर्ट पर यात्री भार में ज्यादा कमी नहीं देखने को मिली है.
उदयपुर से कभी कभार उड़ानें होती हैं संचालित
उदयपुर एयरपोर्ट से अनलॉक के बाद 3 फ्लाइट्स का संचालन शुरू हुआ है. एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि वर्तमान में केवल इंडिगो एयरलाइंस की दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं. लेकिन कई बार यात्री भार में कमी के चलते उड़ानें रद्द हो जाती हैं. जिसके चलते दूसरी एयरलाइंस यहां से फ्लाइट्स के संचालन में खास रूचि नहीं दिखा रही हैं.
जोधपुर एयरपोर्ट से उड़ानें हैं बंद
कोरोना का सबसे अधिक इफेक्ट जोधपुर एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानों पर पड़ा है. सामान्य दिनों में यहां से 2 दर्जन उड़ानें दिनभर में संचालित होती थी. लेकिन लॉकडाउन से अब तक पिछले 5 महीनों में यहां से एक भी फ्लाइट का संचालन शुरू नहीं हुआ है. इस संबंध में एयरपोर्ट डायरेक्टर ने एयरलाइंस को पत्र भी लिखा है.
पूरे देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसका सीधा असर ये देखा जा रहा है कि लोग ट्रैवल करने से बच रहे हैं. जिसके चलते यात्रियों के भार में लगातार गिरावट देखी जा रही है. एयरलाइंस भी घाटे से बचने के लिए फ्लाइट्स का संचालन रद्द कर रही हैं. प्रदेश के ज्यादातर एयरपोर्टस पर सामान्य दिनों की तुलना में अनलॉक के बाद शुरू हुई उड़ानों में कम यात्री भार देखा जा रहा है. ऐसे में निकट भविष्य में यात्री भार बढ़ने की संभावना कम ही नजर आ रही है.