जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र से सोमवार को पांच देशों में (Five Indian ambassadors met Governor) पदस्थापित भारत के राजदूतों ने मुलाकात की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा पर्यटन, जेम्स एंड ज्वैलरी व कृषि क्षेत्र में राजस्थान के लिए आपार संभावनाएं हैं. जरूरत है कि बाहर के देशों के लोगों तक जानकारी पहुंचे. उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूतों को चाहिए कि वे राजस्थान से जुड़े लोकप्रिय उत्पादों, पर्यटन संस्कृति और मोटे अनाज के निर्यात के संबंध में अपने-अपने देशों में वातावरण तैयार करें.
उन्होंने कहा कि सुदूर देशों में राजस्थान और यहां के उत्पाद लोकप्रिय हैं. लेकिन जरूरत यह भी है कि यहां तेजी से हुए विकास के बारे में वहां के लोगों तक जानकारी पहुंचे. जिससे वहां रहने वाले लोग राजस्थान में निवेश के लिए प्रोत्साहित हों. राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन में मोरक्को में भारत के राजदूत राजेश वैष्णव, बुल्गारिया में भारत के राजदूत संजय राना, नामीबिया में राजूदत प्रशांत अग्रवाल, आर्मेनिया में राजदूत कृष्ण दान देवल और साउथ सूडान में पदस्थापित भारत के राजदूत विष्णु कुमार शर्मा ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत देश में प्रारम्भ 'एक जिला एक उत्पाद योजना', प्रत्येक जिले में जल संरक्षण के अंतर्गत 75 तालाब बनाने की केन्द्र सरकार की 'अमृत सरोवर योजना' के बारे में चर्चा की. साथ ही राजस्थान में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात वृद्धि और यहां निवेश की संभावनाओं के अंतर्गत राजस्थान में हो रहे कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की.
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राजस्थान के लिए अपार संभावनाएंः राज्यपाल कलराज मिश्र ने भारत के इन राजदूतों से विदेशों में राजस्थान के लिए संभावनाओं के बारे में जानकारी ली . उन्होंने कहा कि कैसे राजस्थान के उत्पादों का अधिकाधिक निर्यात हो सकता है और यहां के पर्यटन, जेम्स एवं ज्वैलरी उद्योगों में निवेश के लिए वहां के लोग कैसे प्रेरित हो सकते हैं?. उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है. इस पर विदेशों में तैनात राजदूतों ने राज्यपाल मिश्र को बताया कि राजस्थान के मोटे अनाज, यहां की पर्यटन सम्पदा, जेम्स एवं ज्वैलरी के प्रति विदेशों में अपार संभावनाएं हैं. राजस्थान के लोगों को चाहिए कि वे इन क्षेत्रों से जुड़ी संभावनाओं पर कार्य करें. राज्यपाल ने कहा कि भारतीय राजदूतों को चाहिए कि वे राजस्थान से जुड़े लोकप्रिय उत्पादों, पर्यटन संस्कृति और मोटे अनाज के निर्यात के संबंध में अपने-अपने देशों में वातावरण तैयार करें.