जयपुर. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद और स्त्री निधि तेलंगाना के बीच एक एमओयू साइन किया गया है जिसके तहत राजस्थान में पहला महिला बैंक खोला (First women bank in Rajasthan) जाएगा. जहां राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की महिलाओं को आसानी से ऋण मिल सकेगा. बताया जा रहा है कि महिलाओं से जुड़ा यह राजस्थान का पहला और देश का तीसरा बैंक होगा.
मामले को लेकर ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किए जाने के लिए घोषणा की थी. जिसके बाद इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में सोमवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जिसके बाद राजस्थान में भी महिला बैंक खोला जा सकेगा. जिसे लेकर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक मंजू राजपाल और तेलंगाना की ओर से स्त्रीनिधि के एमडी विद्यासागर रेड्डी ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
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इस अवसर पर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि महिला बैंक की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिए ऋण प्राप्त करने में सहूलियत (Easy loan for Rajeevika members) होगी. बैंकों में लम्बित ऋण आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी. उन्होंने बताया कि इस बैंक का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिए ही किया जाएगा. राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा. प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने महिला निधि की स्थापना को राजीविका के लिए मील का पत्थर बताया.
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समीक्षा बैठक भी आयोजित: इससे पहले मंत्री ने प्रदेशभर के जिला परियोजना प्रबन्धकों की संभागवार एवं जिलेवार बैठक लेकर उनके कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की प्रगति आंकड़ों एवं प्रतिशत में आंकने के बजाय धरातल पर काम नजर आना चाहिए. साथ ही महिला और बाल विकास या अन्य माध्यमों से आने वाले समूहों की महिलाओं को राजीविका के स्वयं सहायता समूहों में शामिल करते समय आवश्यक रूप से इस बात का ध्यान रखें कि गरीब एवं वंचित महिलाएं लाभ से वंचित न रहें.