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जयपुरः पहले रजिस्ट्रार का ट्रांसफर और अब निलंबित प्रोसेसर्स को किया गया बहाल - Jaipur Hindi News

राजस्थान विश्वविद्यालय के जिन दो एसोसिएट प्रोफेसर्स को निलंबित किया गया था. उन्हें शनिवार को दोबारा बहाल कर दिया गया है. मामला 147 एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के नियमितीकरण से जुड़ा है. जिसे लेकर रजिस्ट्रार और प्रोफेसर के बीच हाथापाई की नौबत भी आ गई थी. हालांकि इससे पहले 30 अक्टूबर को रजिस्ट्रार हरफूल सिंह यादव का भी ट्रांसफर कर दिया गया था.

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अब निलंबित प्रोसेसर्स को किया गया बहाल
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Published : Nov 8, 2020, 2:13 AM IST

जयपुर. बीते दिनों राजस्थान विश्वविद्यालय के जिन दो एसोसिएट प्रोफेसर्स को निलंबित किया गया था. उन्हें शनिवार को दोबारा बहाल कर दिया गया है. मामला 147 एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के नियमितीकरण से जुड़ा है. जिसे लेकर रजिस्ट्रार और प्रोफेसर के बीच हाथापाई की नौबत भी आ गई थी. हालांकि इससे पहले 30 अक्टूबर को रजिस्ट्रार हरफूल सिंह यादव का भी ट्रांसफर कर दिया गया था.

2018 में नियुक्त शिक्षकों के नियमितीकरण करने की मांग को लेकर बीते दिनों शिक्षक आंदोलनरत थे. इस बीच 14 अक्टूबर को शिक्षक और रजिस्ट्रार के बीच हुई हाथापाई के मामले में दो प्रोफेसर को निलंबित किया गया है. जिसके विरोध में शिक्षकों ने काली पट्टी बांध क्रमिक धरना भी दिया था. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया था. वहीं शिक्षकों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी.

पढ़ेंः राजस्थान में NIA का छापा, 2 गांवों में कार्रवाई से मचा हड़कंप

हालांकि 30 अक्टूबर को राज्य सरकार द्वारा किए गए राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के फेरबदल में हरफूल सिंह यादव का ट्रांसफर कर दिया गया और उनकी जगह कजोड़मल डूडिया को लगाया गया है. वहीं जिन दो एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनोद शर्मा और डॉ. जयंत सिंह को निलंबित किया गया था. उन्हें आरोपों के प्रत्युत्तर के परीक्षण के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के अध्याधीन निलंबन तुरंत प्रभाव से बहाल किया गया.

बता दें कि मामला सिंडीकेट बैठक में 2018 की भर्ती के शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड बढ़ाने का है. जिसमें 3 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई थी. इसके विरोध में यूनिवर्सिटी के शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन की राह पर उतरे.

जयपुर. बीते दिनों राजस्थान विश्वविद्यालय के जिन दो एसोसिएट प्रोफेसर्स को निलंबित किया गया था. उन्हें शनिवार को दोबारा बहाल कर दिया गया है. मामला 147 एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के नियमितीकरण से जुड़ा है. जिसे लेकर रजिस्ट्रार और प्रोफेसर के बीच हाथापाई की नौबत भी आ गई थी. हालांकि इससे पहले 30 अक्टूबर को रजिस्ट्रार हरफूल सिंह यादव का भी ट्रांसफर कर दिया गया था.

2018 में नियुक्त शिक्षकों के नियमितीकरण करने की मांग को लेकर बीते दिनों शिक्षक आंदोलनरत थे. इस बीच 14 अक्टूबर को शिक्षक और रजिस्ट्रार के बीच हुई हाथापाई के मामले में दो प्रोफेसर को निलंबित किया गया है. जिसके विरोध में शिक्षकों ने काली पट्टी बांध क्रमिक धरना भी दिया था. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया था. वहीं शिक्षकों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी.

पढ़ेंः राजस्थान में NIA का छापा, 2 गांवों में कार्रवाई से मचा हड़कंप

हालांकि 30 अक्टूबर को राज्य सरकार द्वारा किए गए राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के फेरबदल में हरफूल सिंह यादव का ट्रांसफर कर दिया गया और उनकी जगह कजोड़मल डूडिया को लगाया गया है. वहीं जिन दो एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनोद शर्मा और डॉ. जयंत सिंह को निलंबित किया गया था. उन्हें आरोपों के प्रत्युत्तर के परीक्षण के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के अध्याधीन निलंबन तुरंत प्रभाव से बहाल किया गया.

बता दें कि मामला सिंडीकेट बैठक में 2018 की भर्ती के शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड बढ़ाने का है. जिसमें 3 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई थी. इसके विरोध में यूनिवर्सिटी के शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन की राह पर उतरे.

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