जयपुर. सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएम एफएमई) योजना के राज्य में क्रियान्वयन के लिए शुक्रवार को राज्यस्तरीय पहली बैठक आयोजिक की गई. पंत कृषि भवन के सभागार में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. बैठक क दौरान मीणा ने अधिकारियों को योजना का राज्य में व्यापक प्रचार-प्रसार कर किसानों और उद्यमियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए.
प्रमुख शासन सचिव मीणा ने बताया कि इस योजनांतर्गत उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक उद्यमी योजना की लागत के 35 प्रतिशत अथवा अधिकतम 10 लाख रुपए तक क्रेडिट लिंक पूंजीगत अनुदान का लाभ उठा सकते हैं. सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिट एफएमई पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाईट mofpi.nic.in पर देखे जा सकते हैं.
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उन्होंने योजना की समुचित जानकारी कृषक, आम जनता एवं उद्यमियों तक पहुंचाने के व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिए. साथ ही कृषि एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं की जिला स्तरीय कमेटियों को और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए गए. राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रशासक ताराचन्द मीना ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्यम क्षेत्र उन्नयन के लिए पूंजी निवेश हेतु सहायता, गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण, पूंजी निवेश, आधारभूत तथा ब्रांडिंग और विपणन सहायता के लिए कृषक उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूह, उत्पादक सहकारी समितियों एवं एकल उद्यमियों को सहायता करना है.
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उन्होंने बताया कि इस योजना में 'एक जिला एक उत्पाद' दृष्टिकोण के तहत कृषि उत्पाद की खरीद साझा सेवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन के लाभों को प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. बैठक में उद्योग, पशुपालन, कृषि विश्वविद्यालय कोटा, राजीविका, एनसीडीसी, एसएलबीसी, नाबार्ड, नियाम एवं टेक्नीकल इंजीनियरिंग कॉलेज उदयपुर के अधिकारी मौजूद रहे.