जयपुर. 'सरकार चाहे हमारी हो या कोई और ब्यूरोक्रेसी की लिमिट होती है. ब्यूरोक्रेसी सरकार को सुहाने वाली बात ही करती है. कोई भी अधिकारी सरकार को उसकी कमजोरी नहीं बताएगा. यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने अब यह जिम्मेदारी बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सौंपी है, ताकि सरकार के पास कमियां, गुड गवर्नेंस के लिए आवश्यक सुधार और आम जनता को राहत देने के तरीकों की सीधे जानकारी मुख्यमंत्री को मिले.' यह कहना है सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ वॉलंटरी सेक्टर बोर्ड के पहले अध्यक्ष बनाए गए मुमताज मसीह (First Chairman of Center for development of voluntary sector) का.
मसीह ने कहा की जिस बोर्ड का मुझे चेयरमैन बनाया गया है, वह मेरे इंटरेस्ट का काम है. क्योंकि यह आम जनता से जुड़ा हुआ काम है. इसलिए मुख्यमंत्री ने मुझे सेवा का मौका दिया है. सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ वॉलंटरी सेक्टर नया बोर्ड है. जितने भी एनजीओ हैं, उनके साथ मिलकर सरकार की हर विभाग से जुड़ी जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाना इस बोर्ड की जिम्मेदारी है. ताकि गरीब, पिछड़ों, महिलाओं, एससी-एसटी के लिए योजनाएं योग्य लाभान्वित पहुंच सके. उन्होंने कहा कि कहीं किसी योजना के इंप्लीमेंटेशन में परेशानी आती है, तो वे इसकी जानकारी सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे.
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राजस्थान में 44 बोर्ड और आयोगों में 58 नेताओं को एडजस्ट कर दिया गया है. लेकिन अब भी कई बोर्ड, आयोग, अकादमियों के साथ ही जिलों की यूआईटी में नियुक्तियां होनी बाकी हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता अब राजनीतिक नियुक्तियों की दूसरी सूची का इंतजार कर रहे हैं. पहली सूची में राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले मशीह ने कहा की नियुक्तियों को लेकर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को करना है, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियां पाने वाले नेताओं के लिए काम करने का यह सबसे अच्छा समय है. ताकि जनता तक सरकार की बात पहुंचाई जा सके और दोबारा सरकार दोबारा बनाने में वे अपना योगदान दे सकें.