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Festive Season में आगजनी की घटनाओं से लड़ने के लिए तैयार है Fire Team, ऊंची इमारतों पर आग बुझाने के लिए DLB की ओर पड़ेगा झांकना

त्योहारी सीजन (Festive Season) में आगजनी की घटनाओं से लड़ने के लिए जयपुर की फायर टीम तैयार है. राजधानी में 12 फायर स्टेशनों पर 55 छोटी-बड़ी दमकल मौजूद हैं. इसके अलावा तंग गलियों में आग पर काबू पाने के लिए मोटरसाइकिल दमकल और बड़ी बिल्डिंग के लिए 42 मीटर एएचएलपी मौजूद है.

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आगजनी की घटनाओं से लड़ने के लिए तैयार है Fire Team
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Published : Nov 1, 2021, 2:05 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 10:07 PM IST

जयपुर. त्योहारी सीजन (Festive Season) में पटाखों और शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हालांकि इनसे निपटने के लिए राजधानी में 12 फायर स्टेशनों पर 55 छोटी-बड़ी दमकल मौजूद हैं. इसके अलावा तंग गलियों में आग पर काबू पाने के लिए मोटरसाइकिल दमकल और बड़ी बिल्डिंग के लिए 42 मीटर एएचएलपी मौजूद है. शहर में 70 मीटर एचएलपी (HLP) भी है, लेकिन डीएलबी (DLB) की ओर से अब तक ग्रेटर नगर निगम को हैंड ओवर नहीं की गई है. उधर, शहरी क्षेत्र संकुल होने की वजह से जगह-जगह हाइड्रेंट की जरूरत महसूस करते हुए फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

पढ़ें- Special : त्योहारी सीजन में महंगी हुई प्रॉपर्टी, बिल्डर्स ने बायर्स को रिझाने के लिए खेला 'ऑफर्स कार्ड'

राजधानी का क्षेत्रफल भी बढ़ता जा रहा है और इमारतों का कद भी बढ़ता जा रहा है. राजधानी में 1300 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई. हालांकि जयपुर की फायर ब्रिगेड ने इन पर समय रहते काबू पाया. वहीं, अब दीपावली और फिर शादियों का सीजन शुरू होगा, जिसमें पटाखों और शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं भी बढ़ जाती है.

अब शहर में दो निगम (Nagar Nigam) हो गए हैं, ऐसे में फायर डिपार्टमेंट (Fire Department) भी दो हिस्सों में बंट गया है. शहर में मौजूद 12 फायर स्टेशन में से 8 ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में जबकि 4 हेरिटेज नगर निगम (Heritage Municipal Corporation) क्षेत्र में है. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार शहर में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर टीम पूरी तरह सक्षम है, फिर चाहे बड़ी इमारतें हो या तंग गलियां.

पढ़ें- कमेटियां या झुनझुना : गहलोत सरकार ने बनाई दो दर्जन से ज्यादा कमेटियां, महत्वपूर्ण कमेटियों का काम अभी भी अधूरा

शहर में ऊंची इमारतों में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए 70 मीटर की एचएलपी आ चुकी है. हालांकि, डीएलबी (Department Of Local Bodies) ने इसे अब तक ग्रेटर नगर निगम को हैंड ओवर नहीं किया है और अपने स्तर पर ही फायरमैन को ट्रेनिंग दे रहा है. वहीं, हेरिटेज क्षेत्र संकुल होने के चलते वहां स्मार्ट सिटी की ओर से फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

इसके तहत घाटगेट फायर स्टेशन से वॉल सिटी एरिया में 7 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली जा रही है, जिसमें परकोटे के सभी प्रमुख बाजार कवर किया जा रहा है. सभी बाजारों में निश्चित दूरी पर हाइड्रेंट की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन हाइड्रेंट का इस्तेमाल कर फायर वाहनों में पानी भरा जा सके. वहीं, हेरिटेज नगर निगम प्रशासन ने नए इक्विपमेंट और ऊंची इमारतों पर आग बुझाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए डीएलबी को लिखा है.

इसके अलावा हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में 250-250 इमारतों को चिह्नित कर उन्हें फायर एनओसी नहीं होने के संबंध में नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं. बहरहाल, वर्तमान संसाधनों के साथ ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए तैयार तो है, लेकिन ऊंची इमारतों में आग बुझाने के लिए दोनों ही निगमों को डीएलबी (Department Of Local Bodies) की ओर झांकना होगा.

जयपुर. त्योहारी सीजन (Festive Season) में पटाखों और शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हालांकि इनसे निपटने के लिए राजधानी में 12 फायर स्टेशनों पर 55 छोटी-बड़ी दमकल मौजूद हैं. इसके अलावा तंग गलियों में आग पर काबू पाने के लिए मोटरसाइकिल दमकल और बड़ी बिल्डिंग के लिए 42 मीटर एएचएलपी मौजूद है. शहर में 70 मीटर एचएलपी (HLP) भी है, लेकिन डीएलबी (DLB) की ओर से अब तक ग्रेटर नगर निगम को हैंड ओवर नहीं की गई है. उधर, शहरी क्षेत्र संकुल होने की वजह से जगह-जगह हाइड्रेंट की जरूरत महसूस करते हुए फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

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राजधानी का क्षेत्रफल भी बढ़ता जा रहा है और इमारतों का कद भी बढ़ता जा रहा है. राजधानी में 1300 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई. हालांकि जयपुर की फायर ब्रिगेड ने इन पर समय रहते काबू पाया. वहीं, अब दीपावली और फिर शादियों का सीजन शुरू होगा, जिसमें पटाखों और शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं भी बढ़ जाती है.

अब शहर में दो निगम (Nagar Nigam) हो गए हैं, ऐसे में फायर डिपार्टमेंट (Fire Department) भी दो हिस्सों में बंट गया है. शहर में मौजूद 12 फायर स्टेशन में से 8 ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में जबकि 4 हेरिटेज नगर निगम (Heritage Municipal Corporation) क्षेत्र में है. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार शहर में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर टीम पूरी तरह सक्षम है, फिर चाहे बड़ी इमारतें हो या तंग गलियां.

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शहर में ऊंची इमारतों में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए 70 मीटर की एचएलपी आ चुकी है. हालांकि, डीएलबी (Department Of Local Bodies) ने इसे अब तक ग्रेटर नगर निगम को हैंड ओवर नहीं किया है और अपने स्तर पर ही फायरमैन को ट्रेनिंग दे रहा है. वहीं, हेरिटेज क्षेत्र संकुल होने के चलते वहां स्मार्ट सिटी की ओर से फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

इसके तहत घाटगेट फायर स्टेशन से वॉल सिटी एरिया में 7 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली जा रही है, जिसमें परकोटे के सभी प्रमुख बाजार कवर किया जा रहा है. सभी बाजारों में निश्चित दूरी पर हाइड्रेंट की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन हाइड्रेंट का इस्तेमाल कर फायर वाहनों में पानी भरा जा सके. वहीं, हेरिटेज नगर निगम प्रशासन ने नए इक्विपमेंट और ऊंची इमारतों पर आग बुझाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए डीएलबी को लिखा है.

इसके अलावा हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में 250-250 इमारतों को चिह्नित कर उन्हें फायर एनओसी नहीं होने के संबंध में नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं. बहरहाल, वर्तमान संसाधनों के साथ ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए तैयार तो है, लेकिन ऊंची इमारतों में आग बुझाने के लिए दोनों ही निगमों को डीएलबी (Department Of Local Bodies) की ओर झांकना होगा.

Last Updated : Nov 2, 2021, 10:07 PM IST
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