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जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बताकर एक बच्चा देने का मामला, अभी तक दर्ज नहीं हुई FIR

जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चा थमाने का मामले पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है. साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चा देने का मामलाबच्चे को देने के मामला में FIR दर्ज नहीं हुई
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Published : Jul 14, 2019, 5:41 PM IST

जयपुर. राजधानी के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चा थमाने का मामला लगातार गरमा रहा है. जहां मामले को लेकर शनिवार को अस्पताल में प्रदर्शन किया गया. वहीं, अब तक ना तो अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की गई है और ना ही पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

पीड़ित पक्ष का कहना है कि वो लगातार पुलिस से गुहार कर रहे हैं कि मामले को लेकर उनकी सुनवाई की जाए और मामला दर्ज किया जाए. लेकिन अभी तक पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया है. हालत ये है कि अस्पताल में इतने बड़े हंगामे के बावजूद अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और मामले को लेकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं.

जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चे को देने के मामला में FIR दर्ज नहीं हुई

यह था मामला
जयपुर के जनाना अस्पताल में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब वो अस्पताल में डिलीवरी करवाने आए तो उन्हें सोनोग्राफी में दो बच्चे बताए गए थे. लेकिन डिलीवरी के बाद उन्हें सिर्फ एक बच्चा दिया गया. परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि पहले तो उन्हें अस्पताल प्रशासन ने धमकाया और कहा कि दूसरा बच्चा खराब हो गया था, इसलिए उसे नाले में बहा दिया गया है.

लेकिन परिजनों ने मांग करते हुए कहा कि अगर दूसरा बच्चा खराब हो गया था तो उन्हें एक बार सौंपा जाना चाहिए था. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि जो रिपोर्ट तैयार की गई थी, उसे फाइल से गायब कर दिया गया है. अब अस्पताल प्रशासन और पुलिस मामले में कोई हस्तक्षेप कर रही है. हालांकि पीड़ित पक्ष की ओर से जो शिकायत दी गई थी, उसे अस्पताल प्रशासन ने रख लिया है और जांच करने की बात कही है,

जयपुर. राजधानी के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चा थमाने का मामला लगातार गरमा रहा है. जहां मामले को लेकर शनिवार को अस्पताल में प्रदर्शन किया गया. वहीं, अब तक ना तो अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की गई है और ना ही पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

पीड़ित पक्ष का कहना है कि वो लगातार पुलिस से गुहार कर रहे हैं कि मामले को लेकर उनकी सुनवाई की जाए और मामला दर्ज किया जाए. लेकिन अभी तक पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया है. हालत ये है कि अस्पताल में इतने बड़े हंगामे के बावजूद अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और मामले को लेकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं.

जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चे को देने के मामला में FIR दर्ज नहीं हुई

यह था मामला
जयपुर के जनाना अस्पताल में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब वो अस्पताल में डिलीवरी करवाने आए तो उन्हें सोनोग्राफी में दो बच्चे बताए गए थे. लेकिन डिलीवरी के बाद उन्हें सिर्फ एक बच्चा दिया गया. परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि पहले तो उन्हें अस्पताल प्रशासन ने धमकाया और कहा कि दूसरा बच्चा खराब हो गया था, इसलिए उसे नाले में बहा दिया गया है.

लेकिन परिजनों ने मांग करते हुए कहा कि अगर दूसरा बच्चा खराब हो गया था तो उन्हें एक बार सौंपा जाना चाहिए था. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि जो रिपोर्ट तैयार की गई थी, उसे फाइल से गायब कर दिया गया है. अब अस्पताल प्रशासन और पुलिस मामले में कोई हस्तक्षेप कर रही है. हालांकि पीड़ित पक्ष की ओर से जो शिकायत दी गई थी, उसे अस्पताल प्रशासन ने रख लिया है और जांच करने की बात कही है,

Intro:जयपुर- राजधानी जयपुर के जनाना अस्पताल में जुड़वा बच्चे बताकर एक बच्चा थमाने का मामला लगातार गरमा रहा है जहां मामले को लेकर कल अस्पताल में प्रदर्शन किया गया तो वहीं अब तक ना तो अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की गई है और ना ही पुलिस ने मामला दर्ज किया है


Body:पीड़ित पक्ष का कहना है कि वे लगातार पुलिस से गुहार कर रहे हैं कि मामले को लेकर उनकी सुनवाई की जाए और मामला दर्ज किया जाए लेकिन अभी तक पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया है..... हालत यह है कि कल अस्पताल में इतना बड़ा हंगामा हुआ बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और मामले को लेकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं

यह था मामला

दरअसल जयपुर के जनाना अस्पताल में कल बड़ा हंगामा हो गया था परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि जब वे अस्पताल में डिलीवरी करवाने आए तो उन्हें सोनोग्राफी में दो बच्चे बताए गए थे लेकिन डिलीवरी के बाद उन्हें सिर्फ एक बच्चा दिया गया परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पहले तो उन्हें अस्पताल प्रशासन ने धमकाया और कहां दूसरा बच्चा खराब हो गया था इसलिए उसे नाले में बहा दिया गया है लेकिन परिजनों ये मांग करते हुए कहा कि अगर दूसरा बच्चा खराब हो गया था तो उन्हें एक बार सौंपा जाना चाहिए था वही उन्होंने यह भी कहा कि जो रिपोर्ट तैयार की गई थी उसे फाइल से गायब कर दिया गया है और अब नाश पताल प्रशासन और पुलिस मामले में कोई हस्तक्षेप कर रही है


Conclusion:हालांकि पीड़ित पक्ष की ओर से जो शिकायत दी गई थी उसे अस्पताल प्रशासन ने रख लिया है और जांच करने की बात कही है
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