ETV Bharat / city

चिकित्सीय लापरवाही से मौत पर अस्पताल पर 15 लाख का हर्जाना

राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बीकानेर ने संतान की चाह में कराई गई जांच के दौरान चिकित्सीय लापरवाही के चलते विवाहिता की मौत के मामले में प्रताप प्रसूति गृह टोडा हाउस पर 15 लाख 21 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने हर्जाना राशि परिवाद दायर करने की तिथि से 9 फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं.

Penalty on Hospital, Hospital Negligence Case
चिकित्सीय लापरवाही से मौत पर अस्पताल पर 15 लाख का हर्जाना
author img

By

Published : Jan 5, 2021, 7:57 PM IST

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बीकानेर ने संतान की चाह में कराई गई जांच के दौरान चिकित्सीय लापरवाही के चलते विवाहिता की मौत के मामले में प्रताप प्रसूति गृह टोडा हाउस पर 15 लाख 21 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने हर्जाना राशि परिवाद दायर करने की तिथि से 9 फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं. आयोग ने यह आदेश मुकेश कुमार नाहटा के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया है कि शादी के 4 साल बाद तक संतान नहीं होने पर परिवादी और उसकी पत्नी ने प्रताप प्रसूति गृह में संपर्क किया था. अस्पताल प्रबंधन ने 14 जुलाई 2007 को परिवादी की पत्नी अनुपमा की लेप्रोस्कोपी की, लेकिन इससे पहले होने वाली जांचें नहीं की गईं. जांच के दौरान सही जगह जांच निडल नहीं डालने के चलते अनुपमा के इंजरी हो गई और काफी खून बहने लगा. इसके चलते उसका ऑपरेशन भी कर दिया गया.

पढ़ें- REET परीक्षा की विज्ञप्ति जारी, शिक्षा मंत्री डोटासरा ने ट्वीट कर दी जानकारी

परिवाद में कहा गया कि जांच निडल की स्प्रिंग को लापरवाहीपूर्वक पीछे खींचने से नुकीला सिरा आंत तक चला गया और नसें कट गईं. जिसके चलते अनुपमा की मौत हो गई. आयोग ने सुनवाई करते हुए माना कि अस्पताल में पर्याप्त संसाधन नहीं थे. वहीं गंभीर चिकित्सीय लापरवाही के चलते परिवादी की पत्नी की मौत हुई है.

शिक्षक के तबादले पर रोक

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने पदस्थापन के तीन साल तक स्थानान्तरण करने पर रोक होने के बावजूद भी शिक्षक का तबादला करने पर आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षक को विभाग में अपना अभ्यावेदन देने को कहा है. अधिकरण ने यह आदेश लक्ष्मी शर्मा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता आरपी सैनी ने कहा कि याचिकाकर्ता का वर्ष 2018 में संस्कृत शिक्षक के तौर पर नियुक्ति हुई थी. प्रथम पदस्थापना के तौर पर उसे दौसा के हिंगवा में तैनात किया गया. वहीं संस्कृत शिक्षा विभाग ने गत 28 दिसंबर को उसका तबादला बाड़मेर की समदड़ी में कर दिया. अपील में कहा गया कि नियुक्ति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रथम पदस्थापन के शुरुआती तीन साल में शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद भी उसका तबादला सुदूर इलाके में कर दिया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बीकानेर ने संतान की चाह में कराई गई जांच के दौरान चिकित्सीय लापरवाही के चलते विवाहिता की मौत के मामले में प्रताप प्रसूति गृह टोडा हाउस पर 15 लाख 21 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने हर्जाना राशि परिवाद दायर करने की तिथि से 9 फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं. आयोग ने यह आदेश मुकेश कुमार नाहटा के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया है कि शादी के 4 साल बाद तक संतान नहीं होने पर परिवादी और उसकी पत्नी ने प्रताप प्रसूति गृह में संपर्क किया था. अस्पताल प्रबंधन ने 14 जुलाई 2007 को परिवादी की पत्नी अनुपमा की लेप्रोस्कोपी की, लेकिन इससे पहले होने वाली जांचें नहीं की गईं. जांच के दौरान सही जगह जांच निडल नहीं डालने के चलते अनुपमा के इंजरी हो गई और काफी खून बहने लगा. इसके चलते उसका ऑपरेशन भी कर दिया गया.

पढ़ें- REET परीक्षा की विज्ञप्ति जारी, शिक्षा मंत्री डोटासरा ने ट्वीट कर दी जानकारी

परिवाद में कहा गया कि जांच निडल की स्प्रिंग को लापरवाहीपूर्वक पीछे खींचने से नुकीला सिरा आंत तक चला गया और नसें कट गईं. जिसके चलते अनुपमा की मौत हो गई. आयोग ने सुनवाई करते हुए माना कि अस्पताल में पर्याप्त संसाधन नहीं थे. वहीं गंभीर चिकित्सीय लापरवाही के चलते परिवादी की पत्नी की मौत हुई है.

शिक्षक के तबादले पर रोक

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने पदस्थापन के तीन साल तक स्थानान्तरण करने पर रोक होने के बावजूद भी शिक्षक का तबादला करने पर आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षक को विभाग में अपना अभ्यावेदन देने को कहा है. अधिकरण ने यह आदेश लक्ष्मी शर्मा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता आरपी सैनी ने कहा कि याचिकाकर्ता का वर्ष 2018 में संस्कृत शिक्षक के तौर पर नियुक्ति हुई थी. प्रथम पदस्थापना के तौर पर उसे दौसा के हिंगवा में तैनात किया गया. वहीं संस्कृत शिक्षा विभाग ने गत 28 दिसंबर को उसका तबादला बाड़मेर की समदड़ी में कर दिया. अपील में कहा गया कि नियुक्ति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रथम पदस्थापन के शुरुआती तीन साल में शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद भी उसका तबादला सुदूर इलाके में कर दिया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.