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राजस्थान हाईकोर्ट में RAS भर्ती 2018 पर लगी रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र दायर - राजस्थान की खबर

आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है. ऐसे में कार्मिक विभाग ने परिणाम जारी करवाने की अनुमति मांगते हुए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है. जिसकी सुनवाई आगामी दिनों में होगी.

Removal of ban on RAS recruitment  RAS भर्ती पर लगी रोक हटाने की मांग
RAS भर्ती पर लगी रोक हटाने की मांग
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Published : Jun 6, 2020, 7:43 PM IST

जयपुर. आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करवाने की अनुमति मांगते हुए कार्मिक विभाग की ओर से हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है. ऐसे में हाईकोर्ट प्रार्थना पत्र पर आगामी दिनों सुनवाई करेगा. बता दें कि पूर्व में आरपीएससी भी इस संबंध में प्रार्थना पत्र पेश कर चुकी है.

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस राघव ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि अदालती आदेश की पालना में आयोग ने याचिकाकर्ता ओबीसी अभ्यर्थियों को ओपन केटेगरी के तहत मुख्य परीक्षा में शामिल कर लिया था.

आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा चुका है. ऐसे में अफसरों की कमी को देखते हुए मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति दी जाए. गौरतलब है कि सुरज्ञान अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था कि आरएएस और अधीनस्थ सेवा के 1080 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में सामान्य वर्ग की कट ऑफ 76.06 और ओबीसी वर्ग की कट ऑफ 99.33 रही थी.

पढ़ेंः 15 साल से जेल में बंद महिला को पिछले वर्ष मिला स्थायी पैरोल, दो गारंटी के अभाव में नहीं हो सकी रिहा, अब हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत बॉन्ड पर रिहा करने के दिए निर्देश

ओबीसी वर्ग के याचिकाकर्ताओं के अंक सामान्य वर्ग से अधिक है, लेकिन ओबीसी की कट ऑफ से कम है. आरपीएससी ने उन्हें ओबीसी में मानते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की एकलपीठ ने 1 दिसंबर 2018 को सामान्य वर्ग से अधिक अंक वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.

जयपुर. आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करवाने की अनुमति मांगते हुए कार्मिक विभाग की ओर से हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है. ऐसे में हाईकोर्ट प्रार्थना पत्र पर आगामी दिनों सुनवाई करेगा. बता दें कि पूर्व में आरपीएससी भी इस संबंध में प्रार्थना पत्र पेश कर चुकी है.

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस राघव ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि अदालती आदेश की पालना में आयोग ने याचिकाकर्ता ओबीसी अभ्यर्थियों को ओपन केटेगरी के तहत मुख्य परीक्षा में शामिल कर लिया था.

आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा चुका है. ऐसे में अफसरों की कमी को देखते हुए मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति दी जाए. गौरतलब है कि सुरज्ञान अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था कि आरएएस और अधीनस्थ सेवा के 1080 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में सामान्य वर्ग की कट ऑफ 76.06 और ओबीसी वर्ग की कट ऑफ 99.33 रही थी.

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ओबीसी वर्ग के याचिकाकर्ताओं के अंक सामान्य वर्ग से अधिक है, लेकिन ओबीसी की कट ऑफ से कम है. आरपीएससी ने उन्हें ओबीसी में मानते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की एकलपीठ ने 1 दिसंबर 2018 को सामान्य वर्ग से अधिक अंक वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.

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