जयपुर. टेरिटरी को लेकर अब झालाना में भी जंग शुरू हो गई है. राजधानी जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में कजोड़ और राणा के बीच जमकर फाइटिंग हुई. दोनों लेपर्ड्स एक पेड़ पर चढ़कर फाइटिंग करते हुए नजर आए. पहली बार झालाना में दो लेपर्ड की फाइटिंग देखी गई है. पेड़ पर लेपर्ड्स की फाइटिंग को देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो गए. लेपर्ड की फाइटिंग का वन्यजीव प्रेमियों ने वीडियो भी बनाया है.
दरअसल, झालाना लेपर्ड रिजर्व में करीब 30 लेपर्ड हैं. झालाना जंगल में लगातार लेपर्ड्स का कुनबा बढ़ रहा है. पिछले दिनों भी फीमेल लेपर्ड्स ने नन्हे शावकों को जन्म दिया था. शहर के बींचो बीच बसे झालाना जंगल में इतनी संख्या में लेपर्डस होना खुशी की बात है. अब लेपर्ड्स की बढ़ती संख्या झगड़े का कारण बनने लगी है. लेपर्ड्स के बीच टेरिटरी को लेकर जंग होने लग गई है. एक लेपर्ड अपने क्षेत्र में दूसरे लेपर्ड को पसंद नहीं करता है. इसी वजह से राजधानी जयपुर में शनिवार सुबह जोन-01 में टेरिटरी को लेकर जमकर फाइटिंग देखने को मिली है.
यह भी पढ़ेंः पालीः IOC पाइप लाइन से तेल चोरी में खुल रही नई परतें...एक और थानाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध
पर्यटकों ने भी लेपर्ड्स की फाइटिंग को अपने कैमरों में कैद किया है. लेपर्ड के बीच फाइटिंग सुबह की सफारी के दौरान होना बताया जा रहा है. वीडियो में नजर आ रहा है कि एक लेपर्ड पहले से ही पेड़ पर मौजूद है. वहीं, दूसरा लेपर्ड नीचे घास में खड़ा है. इसके बाद नीचे खड़ा लेपर्ड भी पेड़ पर चढ़ जाता है और पेड़ पर मौजूद लेपर्ड के साथ फाइटिंग करना शुरू कर देता है. दोनों के बीच जमकर फाइटिंग होती है. इसके बाद एक लेपर्ड फाइटिंग के दौरान नीचे गिर जाता है. लेपर्ड के नीचे गिरने के बाद फाइटिंग बंद होती है. झालाना लेपर्ड रिजर्व एक बहुत ही खूबसूरत जंगल है. यहां पर रोजाना पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी विजिट करने पहुंचते हैं. झालाना में सुबह और शाम 2 शिफ्टों में लेपर्ड सफारी करवाई जाती है.
यह भी पढ़ेंः बीकानेर: लूट, नकबजनी और मोबाइल चोरी के मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग निरुद्ध
बता दें, पिछले दिनों सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में दो टाइग्रेस की फाइटिंग के वीडियो सामने आए थे. कई दिनों से दोनों बाघिन बहनों के बीच क्षेत्र की लड़ाई चल रही है. रणथंभौर में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. इसी वजह से बाघों में क्षेत्र की लड़ाइयां शुरू हो गई हैं. फाइटिंग में एक बाघिन घायल हो गई थी, जिसका वन विभाग की ओर से इलाज किया गया. इन बाघिन बहनों के बीच टेरिटरी के विवाद को खत्म करने के लिए एक बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट करने का प्लान भी तैयार किया गया.