बस्सी ( जयपुर ). राजधानी जयपुर सहित राज्य भर में मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में चहल पहल शुरु हो गई हैं. बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में जगह-जगह पतंग - मांझे और तिलकुट की दुकानें सज चुकी हैं. लेकिन खरीदारी के लिए लोगों में उत्साह काफी कम नजर आ रहा हैं. इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा.
मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मकर में प्रवेश में होने से सारे शुभ काम शुरू होने लगते हैं. मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ में तिल गुड़ चढ़ाते हैं, वहीं दान पुण्य का दौर चलता हैं. खासकर इस दिन लोग सुबह स्नान और पूजा-पाठ कर तिल से बने साम्रगी का सेवन करते हैं. इस पर्व में तिल के बने सामान खाने और दान पुण्य करने में काम लिया जाता हैं.
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15 जनवरी को मनाई जाएंगी मकर संक्रांति
14 जनवरी को रात्री 2 बजकर 7 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा. इसके चलते दान-पुण्य 15 जनवरी को किया जाएगा. इस वजह से इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
पतंगों की बिक्री परवान पर लेकिन पिछले सालों की तुलना में कम
वहीं पतंगों की बिक्री अब परवान पर चढ़ी है. सोमवार को सुबह से ही बाजारों में पतंगों के खरीददार आने लगे हैं, रात तक दुकानों पर ग्राहकी हो रही है. बाजार में एक रुपए से लेकर 25 रुपए तक की एक पतंग बिक रही है. कागज से तैयार पतंगे महंगी बिक रही हैं.
कानोता में पिछले 25 वर्षों से पंतग बेचने वाले व्यापारी प्रकाश महावर ने बताया कि पिछले वर्षो की तुलना में इस बार पतंग खरीदने में लोग कम रुचि दिखा रहे हैं. पिछले वर्षों में मकर संक्रांति से पहले लाखों रुपये की डोर, पतंग और मांझा बेच देते थे, लेकिन इस बार 30 हजार की ही बिक्री हुई हैं.