जयपुर. स्नेक रेस्क्यू ट्रेनिंग के बाद अब महिला वन कर्मचारी ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है. सांपों की प्रजातियों को बचाने की पहल नजर भी आने लगी है. पिछले दिनों वन विभाग की ओर से पहली बार महिला वन कर्मियों को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया गया था. महिला वनकर्मियों ने प्रशिक्षण के बाद अपने क्षेत्र में स्नेक रेस्क्यू करने का काम करना शुरू कर दिया है. हाल ही में नादियां गांव में करीब एक से डेढ़ महीने से अजगर और जहरीला सांप कुएं में गिरे हुए थे. जिनको किसानों ने निकलाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई.
सूचना पर महिला वनकर्मी अंजू चौहान और उनकी टीम मौके पर पहुंची. वन कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद पानी से भरे गहरे कुएं से अजगर और जहरीले सांप का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला. अजगर को शिकार किए भोजन को बिना उगलाएं ही सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर जंगल में छोड दिया गया.
किसान के गहरे कुएं से अजगर और सांप के रेस्क्यू के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को महिला वनकर्मी अंजू चौहान ने कहा कि यदि आपकों अपने घर या खेत में किसी भी प्रजाति का सांप दिखाई देता है तो उसको मारे नहीं वन विभाग को सूचना दें. जिससे सांपों की प्रजातियों को मरने से बचाया जा सके.
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लोगों के मन से सांप के प्रति जो मारने की भ्रांति बनी हुई है उसको निकालना होगा. सांप प्रजाति का जीव बड़ा ही शर्मिला और सरल होता है, ये किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. इसलिए प्रकृति के संतुलन के लिए सांपों को बचाना अतिआवश्यक है. वन एक्ट के तहत सांप को मारने पर दंड का प्रावधन है. सांपों की प्रजाति को बचाने के लिए हम सब को आगे आना होगा.