जयपुर. दुनिया से जाते-जाते महाराष्ट्र के प्रशांत राजेंद्र शिंदे चार लोगों को नई जिंदगी देकर गए हैं. ब्रेन डेड होने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल में राजेंद्र के हार्ट, किडनी और लीवर के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू (Organ Transplant in Jaipur) कर दी गई है. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार 36 साल का प्रशांत राजेंद्र टेक्निकल इंजीनियर के तौर पर राजस्थान में नौकरी करता था.
18 जून को प्रशांत राजेंद्र को स्ट्रोक आया था जिसके चलते उसे जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. स्टेट ऑर्गन टिशू एंड ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन की ओर से परिजनों की समझाइश की गई. जिसके बाद राजेंद्र शिंदे की पत्नी नयना और उनके पिता राजेंद्र प्रसाद शिंदे अंगदान करने के लिए राजी हो गए.
परिजन की रजामंदी के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर प्रशांत राजेंद्र के हार्ट (Family donated organs of brain dead patient in Jaipur) और दोनों किडनी को SMS अस्पताल लाया गया. प्रशांत राजेंद्र का हार्ट और दोनों किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल में ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं, जबकि लीवर महात्मा गांधी अस्पताल में किया जाएगा.
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S.M.S. में चौथा हार्ट ट्रांसप्लांट: ब्रेन डेड हुए प्रशांत राजेंद्र शिंदे के ब्रेन डेड होने के बाद उनका हार्ट और किडनी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएमएस अस्पताल लाई गई. अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट की टीम पहले से ही तैयार थी और तुरंत ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. मामले को लेकर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनय मल्होत्रा का कहना है कि हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए रिसिपिएंट था और टीम को पहले ही इस बारे में सूचित किया जा चुका था. जैसे ही अस्पताल में हार्ट ग्रीन कोरिडोर के जरिए पहुंचा तो तुरंत ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया गया. ये एसएमएस अस्पताल में चौथा हार्ट ट्रांसप्लांट है.