जयपुर. जिला प्रशासन के अफसरों की SSO ID हैक कर जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र बनवा लिए गए. फर्जी आईडी से करीब 378 प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिन्हें जिला प्रशासन ने खारिज कर दिए हैं. इस मामले में प्रशासन के अधिकारियों ने FIR दर्ज करा दी है.
बता दें कि जयपुर उपखंड में जुलाई महीने में एसडीएम युगांतर शर्मा और तहसीलदार जयपुर की डुप्लीकेट आईडी से एक रात में 90 फर्जी प्रमाण पत्र जारी हुए. एसडीएम ने अगले दिन जांच की तो मामला पकड़ में आया. जारी किए गए प्रमाण पत्रों को खारिज कर दिया गया है और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करा दी गई है. इसी तरह आमेर उपखंड में भी एसडीएम लक्ष्मीकांत कटारा और तहसीलदार जगदीश की डुप्लीकेट एसएसओ आईडी तैयार कर प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए. 18 और 19 जुलाई को प्रमाण पत्र को डुप्लीकेट आईडी से अप्रूव कर दिया गया.
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जांच में सामने आया कि किसी ने उपखंड अधिकारी और तहसीलदार की एसएसओ आईडी की डुप्लीकेट आईडी बना ली है. एसडीएम ने पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है और जो भी प्रमाण पत्र फर्जी आईडी से जारी हुए हैं, उन सभी को खारिज कर दिया गया है. चौमू तहसील में भी तहसीलदार रहे शिवचरण शर्मा और सीमा खेतान की आईडी को हैक करके प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. सीमा खेतान की आईडी से चौमू में एक दर्जन से ज्यादा जाति प्रमाण पत्र बनाए जा चुके हैं. अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
प्रमाण पत्र बनवाने की है यह प्रक्रिया...
- जिला प्रशासन में प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक सिस्टम बनाया हुआ है, इस सिस्टम के तहत प्रथम स्तर पर जाति प्रमाण पत्र या अन्य कोई प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसीलदार के यहां आवेदन करना होता है. तहसीलदार के यहां दस्तावेजों की प्रथम लेवल पर जांच होती है. यहां से दस्तावेजों की जांच कर अप्रूवल दिया जाता है और इसके बाद दूसरे लेवल पर आवेदन भेजा जाता है.
- दूसरे लेवल पर एसडीएम के यहां दस्तावेजों की जांच होती है. एसडीएम के यहां दस्तावेज सही पाए जाने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है. ऐसे में आमेर, जयपुर और चौमू में अधिकारियों की डुप्लीकेट आईडी बनाकर प्रमाण पत्र जारी किए गए.
सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि आमेर एसडीम की ओर से हमें फर्जी एसएसओ आईडी से प्रमाण पत्र जारी होने की सूचना मिली थी. फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रवासियों की सूचना के लिए कुछ लोगों को एसएसओ आईडी को भी अधिकार दिए गए थे और इसी का फायदा उठाकर यह फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. इस मामले में विभाग के कर्मचारियों के शामिल होने से रितेश कुमार शर्मा ने साफ मना कर दिया है.
क्या होती है SSO ID?
SSO ID, Single Sign-On राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के नागरिकों को प्रदान की जाती है, जिसके बदौलत राजस्थान के लोग SSO ID Login कर बहुत सारी ऑनलाइन सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. जैसे कि सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और भी बहुत सारे काम हैं जो SSO ID से की जा सकती है.