जयपुर. कांग्रेस ने हेरिटेज नगर निगम में असलम फारुकी को उपमहापौर का प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, उपमहापौर पद पर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद उमर दराज का नाम टॉप पर चल रहा था. वो 4 बार पार्षद रहे हैं. बुधवार को पार्षद उमर दराज की नाराजगी हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर भी नजर आई. नामांकन फॉर्म दाखिल करने के दौरान वो नाराज होकर मुख्यालय से लौट गए. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में पार्षद उमर दराज ने विधायक रफीक खान की ओर से नजरअंदाज करने और असलम फारुकी पर 420 के केस में जेल जाने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि कांग्रेस में मुस्लिम समुदाय से वरिष्ठता के हिसाब से पार्षद उमर दराज और आयशा सिद्दीकी आते हैं. लेकिन इन नामों को दरकिनार हुए कांग्रेस ने दो बार के निर्दलीय पार्षद रहकर पहली बार कांग्रेस के टिकट पर पार्षद बने असलम फारुकी को उपमहापौर पद का प्रत्याशी बनाया है. इसे लेकर वरिष्ठ पार्षद उमर दराज ने नाराजगी व्यक्त की.
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ईटीवी भारत से बातचीत में पार्षद उमर दराज ने पहले इसे पार्टी आलाकमान का फैसला बताया और फिर कहा कि क्षेत्रीय विधायक रफीक खान नहीं चाहते कि वो उप महापौर बनें. उन्होंने पार्टी आलाकमान पर वरिष्ठता की गाइडलाइन फॉलो नहीं करने का आरोप भी लगाया. साथ ही उप महापौर प्रत्याशी असलम फारुकी पर 420 के केस में एक महीने जेल जाने का आरोप भी लगाया.
वहीं, नामांकन भरने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान असलम फारुकी ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो बेबुनियाद हैं. कांग्रेस ने राय मशवरा कर उनका नाम तय किया है. जिस तरह मंगलवार को कांग्रेस की महापौर चुनी गई, उसी तरह बुधवार को कांग्रेस का ही उपमहापौर चुना जाएगा. बीजेपी को तो अपना कैंडिडेट खड़ा ही नहीं करना चाहिए था.
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हालांकि, वरिष्ठ पार्षद आयशा सिद्दीकी ने उप महापौर के नाम को पार्टी आलाकमान का फैसला बताते हुए समर्थन किया. बता दें कि उप महापौर प्रत्याशी असलम फारुकी मुख्य सचेतक महेश जोशी के करीबी माने जाते हैं. महापौर पद पर सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से मुनेश गुर्जर को प्रत्याशी बनाकर मेयर चुना गया है. ऐसे में अब उप महापौर की सीट महेश जोशी के खाते की मानी जा रही थी.