जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय से शिक्षा-दीक्षा हासिल करने वाले प्रोफेसर जेपी यादव को ही अब विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार सौंपा गया है. बीते 33 साल से विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर जेपी यादव छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की समस्याओं से भी भलीभांति परिचित हैं. ऐसे में उन्होंने इनका निस्तारण करने और कोरोना काल में छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं और पीएचडी रिसर्चर के ऑनलाइन वाइवा कराए जाने को अपनी प्राथमिकता बताई.
पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में बतौर छात्र एम कॉम और पीएचडी करने वाले जेपी यादव इसी विश्वविद्यालय में डीएसडब्ल्यू और कॉमर्स कॉलेज के प्रिंसिपल जैसे पदभार संभालने के बाद अलवर स्थित मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति बनाये गए. अब उन्हें इसके साथ-साथ राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति का भी अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोफेसर जेपी यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र का आभार जताया. जेपी यादव ने कहा कि कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो, इसे ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन क्लासेज शुरू की जा रही हैं. ताकि छात्र घर बैठे शिक्षक तक पहुंच सकें.
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ऑनलाइन होगा वाइवा
वहीं रिसर्च स्टूडेंट के वाइवा नहीं हो पा रहे हैं. जिसकी वजह से छात्रों को डिग्री भी नहीं मिल पा रही. ऐसे में रिसर्च सेक्शन और डायरेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि ऑनलाइन वाइवा कराने की व्यवस्था की जाए, ताकि पेंडेंसी खत्म हो. इसकी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. उन्होंने कहा कि यदि वाइवा ऑनलाइन होता है, तो विश्वविद्यालय का टीए/डीए भी बचेगा.
फाइनल ईयर के एग्जाम पर कुलपति की राय
फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाओं को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइन में फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से कराने की बात कही गई थी. जबकि स्टेट गवर्नमेंट ने छात्रों को कोरोना काल में राहत देने की घोषणा की थी. ऐसे में उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्यपाल स्तर पर गठित कमेटी और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज के लिए उपयुक्त फैसला लेगी.
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शिक्षकों की समस्याओं का जल्द होगा निस्तारण
राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति और शिक्षकों के बीच तारतम्य स्थापित करना भी एक बड़ी चुनौती रहती है. इसे लेकर प्रोफेसर जेपी यादव ने कहा कि चूंकि वो खुद विश्वविद्यालय में शिक्षक रहे हैं. ऐसे में उन्हें शिक्षकों की समय पर प्रमोशन, कंफर्मेशन जैसी समस्याओं की जानकारी है. उन्होंने कहा कि पदभार ग्रहण करने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं, कि जल्द कागजी कार्रवाई पूरी कर शिक्षकों से जुड़ी हुई समस्याओं को भी दूर कर दिया जाएगा.
क्या हैं प्राथमिकताएं
ईटीवी भारत को अपनी प्राथमिकताएं बताते हुए हैं प्रोफेसर जेपी यादव ने कहा कि छात्रों की कक्षाएं लगे, छात्रावासों में छात्रों को सुविधाएं मिलें. शिक्षक और कर्मचारियों की जो वाजिब मांगे हैं उनके लिए अनावश्यक परेशान ना होना पड़े, और जो कार्य नियम/प्रक्रिया में हैं उन्हें डिले ना किया जाए. कोरोना काल में छात्र, शिक्षक और विश्वविद्यालय सुरक्षित रहे. इसके मद्देनजर कोरोना से सावधानी और बचाव के उपाय से जुड़े दिशा निर्देश विश्वविद्यालय परिसर और संबंधित कॉलेजों में चस्पा करवाए हैं. प्रत्येक यूनिट में सैनिटाइजेशन की उपयुक्त व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.