ETV Bharat / city

Exclusive: राज्यसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर भाजपा के 'दांव', लेकिन कटारिया के संकेत कुछ और...

राज्यसभा चुनाव को लेकर खींचतान जारी है. ऐसे में ईटीवी भारत के संवाददाता ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से खास बातचीत की. कटारिया ने बातचीत के दौरान इस बात के संकेत तो दिए हैं कि प्रदेश में अन्य दलों के भी और निर्दलीय भी कई विधायक विचारधारा से अलग हटकर भाजपा के पक्ष में हैं.

exclusive interview news  exclusive interview gulabchand kataria  rajya sabha election
राज्यसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर भाजपा अंतिम समय में खोलेगी अपने पत्ते
author img

By

Published : Mar 17, 2020, 6:15 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 6:46 PM IST

जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में रस्साकशी का दौर जारी है. खासतौर पर अब तक भाजपा ने अपने दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के नाम वापसी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात के संकेत तो दे ही दिए हैं कि प्रदेश में अन्य दलों के भी और निर्दलीय भी कई विधायक विचारधारा से अलग हटकर भाजपा के पक्ष में हैं.

कटारिया ने बताया कि इसके पीछे मौजूदा विधानसभा सत्र इसका उदाहरण भी है, जिसमें कांग्रेस और निर्दलीय कई विधायकों ने विभिन्न मौकों पर सदन में पार्टी विचारधारा से अलग हटकर अपना संबोधन और बयान दिया है, जो यह साबित करता है कि उनके भीतर भी कहीं न कहीं असंतोष है.

दरअसल, संख्या बल के आधार पर प्रदेश की 3 में से 2 सीटों पर कांग्रेस का और एक सीट पर बीजेपी का कब्जा होगा, लेकिन भाजपा ने ओंकार सिंह लखावत के रूप में दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतार रखा है और बुधवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है. ऐसी स्थिति में सबकी निगाहें भाजपा के अगले कदम पर टिकी है.

राज्यसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर भाजपा अंतिम समय में खोलेगी अपने पत्ते

यह भी पढ़ेंः NCP, BTP से बात हुई है, बीजेपी के नाराज नेता भी हमारे संपर्क में: अमित चावड़ा

ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पार्टी ने अगर अपना दूसरा प्रत्याशी उतारा है तो कुछ सोच समझकर ही उतारा होगा. जब नाम वापस लिया जाएगा तब भी सामूहिक रूप से फैसला होगा और केंद्रीय नेतृत्व को भी पूरे प्रकरण ध्यान में लाया जाएगा. कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार और सीएए को लेकर अन्य पार्टियों के कई विधायक खुश हैं और कांग्रेस के अंदर विचारधारा और तुष्टीकरण के बीच एक संघर्ष भी होता नजर आ रहा है. मतलब साफ है कि भाजपा अब इसी असंतोष और संघर्ष का सहारा लेकर कांग्रेस सहित अन्य निर्दलीय विधायक को अपने पक्ष में करने में जुटी है. लेकिन यह संख्या कहां तक पहुंचती है, इसको लेकर फिलहाल पत्ते नहीं खोले गए.

यह भी पढ़ेंः गुजरात के राज्यसभा उम्मीदवारों के साथ 67 कांग्रेस विधायक पहुंचे जयपुर

वहीं राज्यसभा में भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी दिल्ली दौरे पर हैं. अब भाजपा यदि बुधवार को नाम वापस नहीं लेती है तो उस स्थिति में बीजेपी वोटों की गणित बिठाने की जोड़-तोड़ में जुटे हैं. ऐसे में दूसरी पार्टी और निर्दलियों को तोड़ने की कोशिश भी की जा सकती है. फिलहाल नाम वापसी के लिए बुधवार दोपहर 3 बजे तक का समय तय किया गया है.

उधर, इस मसले पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने दिल्ली में प्रमुख नेताओं से चर्चा भी की और मौजूदा स्थिति से पार्टी आलाकमान को अवगत भी कराया. पूनिया पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि लखावत को यथावत चुनाव मैदान में रखा जाएगा. लेकिन अंतिम निर्णय नाम वापसी के अंतिम समय पर ही होगा और वह भी सारे जोड़ गणित लगाने के बाद.

ये है राज्यसभा चुनाव में वोटों का गणित...

प्रदेश में 3 सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर पूरे 200 विधायकों के वोट मान्य हैं. प्रदेश की यदि बात की जाए तो हर एक सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के का 1 वोट चाहिए. कांग्रेस के पास 107 वोट है, जबकि बीजेपी के पास 72 वोट है. भाजपा को आरएलपी के तीन विधायकों का भी समर्थन है.

क्योंकि आरएलपी से बीजेपी का गठबंधन है. वहीं यदि कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस को 13 निर्दलीय में से अधिकतर का समर्थन है. वहीं अन्य छोटी पार्टियों के विधायकों का भी कांग्रेस को समर्थन है. मतलब कांग्रेस को 2 सीटें जीतने के लिए 102 वोट चाहिए, जो उसके पास पर्याप्त है.

जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में रस्साकशी का दौर जारी है. खासतौर पर अब तक भाजपा ने अपने दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के नाम वापसी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात के संकेत तो दे ही दिए हैं कि प्रदेश में अन्य दलों के भी और निर्दलीय भी कई विधायक विचारधारा से अलग हटकर भाजपा के पक्ष में हैं.

कटारिया ने बताया कि इसके पीछे मौजूदा विधानसभा सत्र इसका उदाहरण भी है, जिसमें कांग्रेस और निर्दलीय कई विधायकों ने विभिन्न मौकों पर सदन में पार्टी विचारधारा से अलग हटकर अपना संबोधन और बयान दिया है, जो यह साबित करता है कि उनके भीतर भी कहीं न कहीं असंतोष है.

दरअसल, संख्या बल के आधार पर प्रदेश की 3 में से 2 सीटों पर कांग्रेस का और एक सीट पर बीजेपी का कब्जा होगा, लेकिन भाजपा ने ओंकार सिंह लखावत के रूप में दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतार रखा है और बुधवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है. ऐसी स्थिति में सबकी निगाहें भाजपा के अगले कदम पर टिकी है.

राज्यसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर भाजपा अंतिम समय में खोलेगी अपने पत्ते

यह भी पढ़ेंः NCP, BTP से बात हुई है, बीजेपी के नाराज नेता भी हमारे संपर्क में: अमित चावड़ा

ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पार्टी ने अगर अपना दूसरा प्रत्याशी उतारा है तो कुछ सोच समझकर ही उतारा होगा. जब नाम वापस लिया जाएगा तब भी सामूहिक रूप से फैसला होगा और केंद्रीय नेतृत्व को भी पूरे प्रकरण ध्यान में लाया जाएगा. कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार और सीएए को लेकर अन्य पार्टियों के कई विधायक खुश हैं और कांग्रेस के अंदर विचारधारा और तुष्टीकरण के बीच एक संघर्ष भी होता नजर आ रहा है. मतलब साफ है कि भाजपा अब इसी असंतोष और संघर्ष का सहारा लेकर कांग्रेस सहित अन्य निर्दलीय विधायक को अपने पक्ष में करने में जुटी है. लेकिन यह संख्या कहां तक पहुंचती है, इसको लेकर फिलहाल पत्ते नहीं खोले गए.

यह भी पढ़ेंः गुजरात के राज्यसभा उम्मीदवारों के साथ 67 कांग्रेस विधायक पहुंचे जयपुर

वहीं राज्यसभा में भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी दिल्ली दौरे पर हैं. अब भाजपा यदि बुधवार को नाम वापस नहीं लेती है तो उस स्थिति में बीजेपी वोटों की गणित बिठाने की जोड़-तोड़ में जुटे हैं. ऐसे में दूसरी पार्टी और निर्दलियों को तोड़ने की कोशिश भी की जा सकती है. फिलहाल नाम वापसी के लिए बुधवार दोपहर 3 बजे तक का समय तय किया गया है.

उधर, इस मसले पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने दिल्ली में प्रमुख नेताओं से चर्चा भी की और मौजूदा स्थिति से पार्टी आलाकमान को अवगत भी कराया. पूनिया पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि लखावत को यथावत चुनाव मैदान में रखा जाएगा. लेकिन अंतिम निर्णय नाम वापसी के अंतिम समय पर ही होगा और वह भी सारे जोड़ गणित लगाने के बाद.

ये है राज्यसभा चुनाव में वोटों का गणित...

प्रदेश में 3 सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर पूरे 200 विधायकों के वोट मान्य हैं. प्रदेश की यदि बात की जाए तो हर एक सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के का 1 वोट चाहिए. कांग्रेस के पास 107 वोट है, जबकि बीजेपी के पास 72 वोट है. भाजपा को आरएलपी के तीन विधायकों का भी समर्थन है.

क्योंकि आरएलपी से बीजेपी का गठबंधन है. वहीं यदि कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस को 13 निर्दलीय में से अधिकतर का समर्थन है. वहीं अन्य छोटी पार्टियों के विधायकों का भी कांग्रेस को समर्थन है. मतलब कांग्रेस को 2 सीटें जीतने के लिए 102 वोट चाहिए, जो उसके पास पर्याप्त है.

Last Updated : Mar 17, 2020, 6:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.