जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के सबसे बड़े संकट काल से गुजर रहे राजस्थान में लगातार हावी हो रहे सियासत के वायरस को थामा जाना बेहद जरूरी है. आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच ये किस तरह संभव हो पाएगा. ईटीवी भारत की टीम ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से बातचीत की. इस दौरान कटारिया ने प्रधानमंत्री द्वारा सीएम अशोक गहलोत की तारीफ करना और प्रदेश भाजपा नेताओं द्वारा लगातार आरोप लगाने की सियासत से जुड़े कई सवालों के बेबाक जवाब दिए.
ईटीवी से खास बातचीत के दौरान कटारिया ने वो उपाय भी बता दिया. जिससे इस संकट काल में भाजपा और कांग्रेस नेता एकजुट होकर इस महामारी से लड़ सकते हैं. क्या है विपक्ष के नेता का दर्द और किस तरह हो सकता है इसका समाधान. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से की विशेष बातचीत.
अच्छे काम की पीएम ने की तारीफ लेकिन कमियों को इंगित करना भी हमारा काम- कटारिया
आरोप-प्रत्यारोप की सियासत के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से पूछा गया कि प्रदेश के नेता भले ही मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हो. लेकिन आप ही की पार्टी के प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हैं. जवाब में कटारिया ने कहा कि जो काम अच्छे हैं, उसकी तारीफ हम भी करते हैं और प्रधानमंत्री जी भी करते हैं. लेकिन इसके साथ ही हमारा कर्तव्य है कि जो कमियां है उसको भी इंगित करें और वो काम हम कर रहे हैं.
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कटारिया के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुछ डिसीजन ऐसे थे. जिसकी प्रधानमंत्री ने तारीफ की है. देश में सबसे पहले लॉकडाउन का कदम उठाने का निर्णय हो या फिर जाचों की संख्या बढ़ाने और कार्य के घंटे बढ़ाए जाने का निर्णय, हमनें भी उसकी तारीफ की है. लेकिन मुख्यमंत्री जी जिस तरह राजनीतिक पत्थरबाजी करते हैं, वह हमें बुरा लगता है.
तारीफ ही नहीं जो सहायता मिल रही है उसको भी स्वीकार करो-कटारिया
ईटीवी भारत से बातचीत में कटारिया ने कहा जो व्यक्ति प्रदेश सरकार के अच्छे कामों की तारीफ करता है, तो प्रदेश सरकार को भी चाहिए कि केंद्र से जो सहायता राजस्थान को मिल रही है. उसको भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार करें और जो भी आगे सहायता चाहिए उसके लिए भी कहे. लेकिन मुख्यमंत्री जी बस मांगते रहते हैं और जो दिया है उसका कभी जिक्र नहीं करते. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप तो होना ही है.
समाधान क्या होगा? तो ये बोले कटारिया..
कटारिया से जब पूछा गया कि आर्थिक संकट के इस काल में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप कैसे खत्म होंगे और एकजुटता के साथ कोरोना से जंग कैसे शुरू हो पाएगी. इस पर कटारिया ने कहा कि राजस्थान में गतिरोध नहीं है. लेकिन जो राजनीति हो रही है वो गलत है. उनके समाधान यही है कि हम सब मिलकर लड़ेंगे, तो कोरोना को हराने में मदद मिलेगी. लेकिन प्रदेश सरकार वही काम करें और निर्णय लें. जिसमें राजनीति ना हो और किसी के साथ भेदभाव भी ना हो.
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कटारिया ने कहा कि राहत सामग्री के लिए विधायकों ने अपना फंड दिया. लेकिन कांग्रेस के विधायक उस राशन सामग्री में अपना फोटो, नाम चिपका कर अपने कार्यकर्ताओं के जरिए बटवा रहे हैं. जबकि बीजेपी के विधायकों के साथ अलग व्यवहार हो रहा है. कटारिया ने कहा यदि निर्णय सबकी सहमति से और सबको साथ में लेकर चलने वाले होंगे, तो सब एकसाथ चलेंगे. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि निर्णय सबको साथ में लेकर समानता पूर्वक किए जाएं.
हम नहीं सीएम, राहुल और सोनिया गांधी कर रहे हैं बयानबाजी-
कटारिया ने कहा कि हमने तो विधानसभा के भीतर सरकार को विश्वास दिलाया था कि इस महामारी से लड़ाई में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता और नेता सरकार के साथ हैं. लेकिन जिस तरह बाद में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लेकर लगातार बयानबाजी करना शुरू की और सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के निर्णय को लेकर जिस तरह से बयान दिया,वो हमें बुरा लगा.
कटारिया ने कहा गहलोत साहब लगातार कहते रहते है कि केंद्र ने ये नहीं दिया, वो नहीं दिया. लेकिन जब हमने पूछा कि केंद्र ने जो दिया है उसे सार्वजनिक करें, तो उसका भी कांग्रेस के किसी नेता के पास जवाब नहीं था. इसलिए हमने यह विषय खड़ा किया.